Coronvirus News In Hindi : Who Report Says First Case And Lockdown So Far, India Safest Among 7 Countries In The World – कोरोना के पहले केस और लॉकडाउन से अब तक दुनिया के 7 देशों में भारत सबसे सुरक्षित




लॉकडाउन के दौरान एक चिकित्सा कर्मी।
– फोटो : PTI

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कोरोना से दुनिया के सात देश अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी और चीन अधिक प्रभावित हैं। अमेरिका सबसे ज्यादा मरीजों और सबसे अधिक मौतों के साथ शीर्ष पर है। इन सात देशों में जब कोरोना का पहला मरीज मिला और वहां की सरकारों ने लॉकडाउन का एलान किया तब तक इन देशों में वायरस को आए 27 से 58 दिन हो चुके थे। 

भारत में पहला मरीज मिलने और लॉकडाउन की घोषणा तक 55 दिन का समय गुजर चुका था। इसके बाद भी भारत उस समय से लेकर आज तक इन सात देशों की तुलना में सबसे सुरक्षित देश हैं जहां वायरस का प्रभाव बेहद कम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की स्थिति रिपोर्ट के विश्लेषण से तो यह साबित होता है कि भारत सुरक्षित है।

दुनिया के दूसरे देश भी यही कह रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में पहला मरीज 20 जनवरी को मिला और 13 मार्च को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल इमरजेंसी की घोषणा कर दी। यानि तब तक 54 दिन के भीतर अमेरिका में 1264 मरीज मिले थे और 36 लोगों की मौत हुई थी।

भारत में पहला केस 30 जनवरी को केरल में मिला और 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन का एलान कर दिया। पहला केस मिलने और लॉकडाउन की घोषणा के बीच 55 दिन हो गए थे और मरीजों का आंकड़ा सिर्फ 434 ही था और केवल नौ लोगों की मौत हुई थी। ।

इटली : 58 दिन के भीतर 4 हजार मौतें
इटली में पहला केस भारत से एक दिन बाद 31 जनवरी को मिला। यहां की सरकार ने भारत से तीन दिन पहले यानि 21 मार्च  को लॉकडाउन की घोषणा कर दी। पहला केस मिलने और लॉकडाउन के एलान के बीच 58 दिन का समय गुजर चुका था और 47,021 मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई थी और 4032 लोगों की मौत हो गई थी।

जर्मनी : 56 दिन में 21 हजार रोगी, 67 की मौत
कोरोना ने यहां 27 जनवरी को दस्तक दी यानि भारत से तीन दिन पहले। हालात खराब हुए तो यहां भी सरकार ने लॉकडाउन का फैसला किया और 22 मार्च से लोगों का घर से निकलना बंद हो गया। पहला केस सामने आने और लॉकडाउन के एलान के बीच 56 दिन का समय निकल चुका था। तब तक 21,463 लोग संक्रमित थे और 67 लोगों की मौत हो चुकी थी।

ब्रिटेन में कोरोना संक्रमित मरीज भारत से एक दिन बाद 31 जनवरी को मिला। वायरस के तेजी से प्रसार को होते देख प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 23 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा कर दी। इस हिसाब से ब्रिटेन में वायरस को आए हुए 53 दिन हो गए थे और 5,687 लोगों को संक्रमित कर चुका था जबकि 281 लोगों की मौत हो गई थी।

फ्रांस : 51 दिन में मिले 36 हजार मरीज, 79 मरे
फ्रांस में 24 जनवरी को पहुंचा। वायरस का दखल बढ़ा तो राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने 14 मार्च को देश को लॉकडाउन कर दिया। तब तक वायरस को फ्रांस में आए हुए 51 दिन हो गए थे और 36 हजार लोगों को अपना शिकार बना चुका था जबकि 79 लोगों की जान ले ली थी।

चीन : 27 दिन 77 हजार मरीज और 2400 की मौत
चीन के वुहान में कोरोना का पहला केस 28 दिसंबर को मिला था। पहला केस मिलने के 27 दिन बाद 23 जनवरी को लॉकडाउन हुआ। तब तक यहां पर 77,042 लोग संक्रमित हुए और 24,45 लोगों मर चुके थे। 

  • लोगों ने मास्क पहनना तभी शुरू किया जब चीन प्रभावित हुआ
  • हाथ धोने और साफ-सफाई को लेकर सभी ने सतर्कता बरती
  • लोगों ने समझदारी दिखाई और भीड़भाड़ में जाने से बचते रहे
  • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और दूसरों को जागरूक किया
  • भारत में अन्य देशों की तुलना में ऑनलाइन खरीदारी बेहद कम

सार

  • भारत में जब लॉकडाउन हुआ तब सिर्फ 434 मरीज थे और नौ की मौत हुई थी।
  • सतर्कता ही बचाव: विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में भारत को बेहतर स्थिति में बताया गया।

विस्तार

कोरोना से दुनिया के सात देश अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी और चीन अधिक प्रभावित हैं। अमेरिका सबसे ज्यादा मरीजों और सबसे अधिक मौतों के साथ शीर्ष पर है। इन सात देशों में जब कोरोना का पहला मरीज मिला और वहां की सरकारों ने लॉकडाउन का एलान किया तब तक इन देशों में वायरस को आए 27 से 58 दिन हो चुके थे। 

भारत में पहला मरीज मिलने और लॉकडाउन की घोषणा तक 55 दिन का समय गुजर चुका था। इसके बाद भी भारत उस समय से लेकर आज तक इन सात देशों की तुलना में सबसे सुरक्षित देश हैं जहां वायरस का प्रभाव बेहद कम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की स्थिति रिपोर्ट के विश्लेषण से तो यह साबित होता है कि भारत सुरक्षित है।

दुनिया के दूसरे देश भी यही कह रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में पहला मरीज 20 जनवरी को मिला और 13 मार्च को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल इमरजेंसी की घोषणा कर दी। यानि तब तक 54 दिन के भीतर अमेरिका में 1264 मरीज मिले थे और 36 लोगों की मौत हुई थी।

भारत में पहला केस 30 जनवरी को केरल में मिला और 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन का एलान कर दिया। पहला केस मिलने और लॉकडाउन की घोषणा के बीच 55 दिन हो गए थे और मरीजों का आंकड़ा सिर्फ 434 ही था और केवल नौ लोगों की मौत हुई थी। ।

इटली : 58 दिन के भीतर 4 हजार मौतें
इटली में पहला केस भारत से एक दिन बाद 31 जनवरी को मिला। यहां की सरकार ने भारत से तीन दिन पहले यानि 21 मार्च  को लॉकडाउन की घोषणा कर दी। पहला केस मिलने और लॉकडाउन के एलान के बीच 58 दिन का समय गुजर चुका था और 47,021 मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई थी और 4032 लोगों की मौत हो गई थी।

जर्मनी : 56 दिन में 21 हजार रोगी, 67 की मौत
कोरोना ने यहां 27 जनवरी को दस्तक दी यानि भारत से तीन दिन पहले। हालात खराब हुए तो यहां भी सरकार ने लॉकडाउन का फैसला किया और 22 मार्च से लोगों का घर से निकलना बंद हो गया। पहला केस सामने आने और लॉकडाउन के एलान के बीच 56 दिन का समय निकल चुका था। तब तक 21,463 लोग संक्रमित थे और 67 लोगों की मौत हो चुकी थी।


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