Lockdown In Uttarakhand: Iit Roorkee And Bhel Invent Sanitizer Machine – Coronavirus: भेल और आईआईटी रुड़की ने बनाई सैनिटाइजिंग मशीन, खास हैं इसके फायदे




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हरिद्वार/ रुड़की
Updated Mon, 11 May 2020 11:28 PM IST

सैनिटाइजिंग मशीन
– फोटो : अमर उजाला

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कोरोना वायरस से बचाव के लिए हरिद्वार के भेल (बीएचईएल) और आईआईटी रुड़की ने सैनिटाइजिंग स्प्रे मशीन बनाई है। इससे लोगों को काफी फायदा होगा। भेल ने एक साथ बड़े इलाके को सैनिटाइज करने के लिए बनाई गई सैनिटाइजिंग स्प्रे मशीन गुरुग्राम स्थित पावर ग्रिड कॉरपोरेशन कार्यालय भेजी है। इस मशीन को भेल के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

भेल को हाल ही में पावर ग्रिड कॉरपोरेशन गुरुग्राम की ओर से सैनिटाइजिंग स्प्रे मशीन की दो यूनिट के निर्माण का आदेश मिला था। बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी ने झंडी दिखाकर दोनों यूनिटों को पावर ग्रिड कॉरपोरेशन गुरुग्राम रवाना किया। उन्होंने बताया कि 15 से 20 मीटर दूर तक छिड़काव करने वाली इस मशीन की मदद से एक घंटे में लगभग 10 किमी क्षेत्र को सैनिटाइज किया जा सकता है।

मौके पर भेल के महाप्रबंधक अभियांत्रिकी केबी बत्रा, एसके बवेजा, महाप्रबंधक मानव संसाधन संजय सक्सेना, आरआर शर्मा, नीरज दवे, जनसंपर्क प्रमुख राकेश माणिकताला, अजीत अग्रवाल, सामुदायिक केंद्र समिति के सचिव सुभाष सैनी, विकास सिंह मौजूद रहे।

भेल कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी ने कहा कि कोरोना को हराने के लिए चल रही जंग में भेल भी मजबूती से खड़ा है। कंपनी ने पिछले दिनों एक और छोटी स्प्रे मशीन का निर्माण किया था। इसका प्रयोग दफ्तरों और अस्पतालों आदि के कमरों के भीतरी भागों को सैनिटाइज करने के लिए किया जाता है। भेल ने अपने सेक्टर दो की डिस्पेंसरी को कोविड-19 केयर वार्ड के रूप में विकसित कर जिला प्रशासन को सौंप दिया है। सेक्टर चार स्थित सामुदायिक केंद्र में पहले ही आईटीसी की मदद से अस्थायी अस्पताल बनाया गया है। लॉकडाउन के दौरान बंद की गई भेल फैक्टरी को विशेष अनुमति लेकर खोला गया है। यहां मानकों का पूरा पालन किया जा रहा है।

आईआईटी रुड़की ने कोविड-19 का संक्रमण कम करने के उद्देश्य से सामान्य उपयोग की वस्तुओं को सैनिटाइज करने के लिए स्टेरिलाइजेशन सिस्टम विकसित किया है। इस मशीन का उपयोग सामान्य उपयोग की वस्तुएं जैसे इलेक्ट्रानिक गैजेट्स, मोबाइल, घड़ी, वायरलेस गैजेट्स, मेटल और प्लास्टिक के सामान को सैनिटाइज करने के लिए किया जा सकता है।

आईआईटी की ओर से डिजाइन की गई इस मशीन का उपयोग सरकारी और निजी दफ्तरों के अलावा हवाई अड्डों, शैक्षणिक संस्थानों, शॉपिंग मॉल और अन्य जगहों पर भी सामान्य उपयोग की वस्तुओं को सैनिटाइज करने के लिए किया जा सकता है। स्टेरिलाइजेशन सिस्टम का एक नमूना हरिद्वार नगर निगम को सौंप दिया गया है। मशीन में मूविंग सिस्टम वाला एक अल्ट्रा-वायलेट कक्ष है, जहां से वस्तुओं को सैनिटाइज करने के लिए अंदर और बाहर ले जाया जाता है।

लॉकडाउन के 20 दिनों की अवधि में इसका परीक्षण भी किया गया है। इस स्टेरिलाइजेशन सिस्टम को आईआईटी के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग से प्रोफेसर विमल चंद्र श्रीवास्तव और उनके शोध समूह के छात्र नवनीत कुमार, रोहित चौहान और डॉ. स्वाति वर्मा ने डिजाइन किया है। प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि यह मशीन वस्तुओं को लगातार स्क्रीनिंग करने में सक्षम है। संस्थान निदेशक प्रो. एके चतुर्वेदी ने कहा है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह मशीन वस्तुओं के माध्यम से कोरोना के प्रसार को रोकने में उपयोगी भूमिका निभाएगी। हरिद्वार नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह भंडारी ने संस्थान प्रशासन एवं वैज्ञानिकों का आभार जताया है।

सार

  • भेल ने गुरुग्राम भेजी सैनिटाइजर मशीन, एक घंटे में लगभग 10 किमी क्षेत्र किया जा सकता है सैनिटाइज
  • आईआईटी रुड़की ने बनाई मशीन, सामान्य उपयोग की वस्तुएं भी आसानी से होंगी सैनिटाइज

विस्तार

कोरोना वायरस से बचाव के लिए हरिद्वार के भेल (बीएचईएल) और आईआईटी रुड़की ने सैनिटाइजिंग स्प्रे मशीन बनाई है। इससे लोगों को काफी फायदा होगा। भेल ने एक साथ बड़े इलाके को सैनिटाइज करने के लिए बनाई गई सैनिटाइजिंग स्प्रे मशीन गुरुग्राम स्थित पावर ग्रिड कॉरपोरेशन कार्यालय भेजी है। इस मशीन को भेल के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

भेल को हाल ही में पावर ग्रिड कॉरपोरेशन गुरुग्राम की ओर से सैनिटाइजिंग स्प्रे मशीन की दो यूनिट के निर्माण का आदेश मिला था। बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी ने झंडी दिखाकर दोनों यूनिटों को पावर ग्रिड कॉरपोरेशन गुरुग्राम रवाना किया। उन्होंने बताया कि 15 से 20 मीटर दूर तक छिड़काव करने वाली इस मशीन की मदद से एक घंटे में लगभग 10 किमी क्षेत्र को सैनिटाइज किया जा सकता है।

मौके पर भेल के महाप्रबंधक अभियांत्रिकी केबी बत्रा, एसके बवेजा, महाप्रबंधक मानव संसाधन संजय सक्सेना, आरआर शर्मा, नीरज दवे, जनसंपर्क प्रमुख राकेश माणिकताला, अजीत अग्रवाल, सामुदायिक केंद्र समिति के सचिव सुभाष सैनी, विकास सिंह मौजूद रहे।

भेल कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी ने कहा कि कोरोना को हराने के लिए चल रही जंग में भेल भी मजबूती से खड़ा है। कंपनी ने पिछले दिनों एक और छोटी स्प्रे मशीन का निर्माण किया था। इसका प्रयोग दफ्तरों और अस्पतालों आदि के कमरों के भीतरी भागों को सैनिटाइज करने के लिए किया जाता है। भेल ने अपने सेक्टर दो की डिस्पेंसरी को कोविड-19 केयर वार्ड के रूप में विकसित कर जिला प्रशासन को सौंप दिया है। सेक्टर चार स्थित सामुदायिक केंद्र में पहले ही आईटीसी की मदद से अस्थायी अस्पताल बनाया गया है। लॉकडाउन के दौरान बंद की गई भेल फैक्टरी को विशेष अनुमति लेकर खोला गया है। यहां मानकों का पूरा पालन किया जा रहा है।


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आईआईटी रुड़की की मशीन सामान्य उपयोग की वस्तुएं भी आसानी से करेगी सैनिटाइज




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