गुजरात से लौटे श्रमिक।
– फोटो : amar ujala
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सार
गृहमंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि विदेश में फंसे भारतीयों की वापसी चरणबद्ध तरीके से शुरू हुई है, इसी तरह अन्य प्रवासी मजदूरों की घर वापसी होगी। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने रेलवे की तैयारी के बारे में जानकारी साझा की। मंत्रालय ने कहा कि पहले और दूसरे चरण के मरीजों के लिए ट्रेन के 5,231 कोचों का इस्तेमाल होगा।
विस्तार
इसी के तहत सरकार ने प्रवासी मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाईं। सरकार का अगला कदम विदेश में फंसे लोगों को वापस लाना है। 7 मई से शुरू इस प्रक्रिया के तहत वाणिज्यिक उड़ानों और नौसेना के जहाजों से यात्रियों को लाने की व्यवस्था की गई है।
आईएनएस जलाश्वा ने शुक्रवार को मालदीव से 700 भारतीयों को लेकर यात्रा शुरू की है और 10 मई को रात को यह कोच्चि के तट पर पहुंचेगा। 354 यात्रियों को लेकर अबू धाबी से कोझिकोड और दुबई से कोच्चि विमान बृहस्पतिवार को पहुंचे थे। श्रीवास्तव ने कहा, मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के मुताबिक विदेशों में फंसे भारतीयों को भारतीय दूतावास व उच्चायोग के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
गर्भवती महिलाएं, छात्र, मेडिकल इमरजेंसी और जिन लोगों को वीजा खत्म हो चुका है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। उड़ानों व जहाज में सवार होने से पहले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी और बिना लक्षण वाले यात्रियों को ही अनुमति दी जाएगी।
रेलवे की तैयारी: पहले और दूसरे चरण के मरीजों के लिए ट्रेन के 5,231 कोचों का होगा इस्तेमाल
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि भारतीय रेलवे ने देश के 215 रेलवे स्टेशनों पर 5,231 कोचों को कोविड केयर सेंटर के रूप में तब्दील किया है। पहली व दूसरी स्टेज के मरीजों के लिए इन कोचों का इस्तेमाल किया जाएगा। संदिग्ध और संक्रमित मरीजों को अलग-अलग रखा जाएगा।
215 में से 85 स्टेशन पर रेलवे द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों का स्टाफ तैनात किया जाएगा। वहीं, अन्य 130 रेलवे स्टेशनों पर संबंधित राज्य व केंद्र शासित राज्यों द्वारा स्टाफ और दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। रेलवे ने 2500 डॉक्टर और 35 हजार पैरा मेडिकल टीम को तैनात किया है।
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