कोरोना की जांच के लिए नमूना एकत्र करता स्वास्थ्य कर्मी।
– फोटो : PTi
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है, सिर्फ आंकड़ों को देख पूरे देश का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। अभी कर्व ग्राफ बढ़ रहा है। जबकि कुछ देशों में यह नीचे आ चुका है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, कुछ देशों में वायरस का कर्व ग्राफ नीचे जा रहा है जिसमें अमेरिका भी शामिल है।
एक सप्ताह की स्थिति पर तैयार रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका, इटली, स्पेन, बेल्जियम और नीदरलैंड में कर्व नीचे की ओर आने लगा है। हालांकि ईरान, जर्मनी, ब्राजील, फ्रांस, यूके और भारत में अभी यह ऊपर की ओर है। डॉ. गुलेरिया बताते हैं, देश में डबलिंग व संक्रमण दर काफी हद तक नियंत्रण में दिखाई देगी। अभी रोजाना करीब 80 हजार जांच हो रही हैं। कुछ दिन में यह एक लाख से ज्यादा भी होंगी। तब हो सकता है कि रोज आ रहा आंकड़ा और भी ज्यादा हो।
शुक्रवार तक कुल संक्रमिताें की संख्या 56,342 हो चुकी है। डबलिंग रेट (दोगुना दर) की बात करें तो 26 अप्रैल को संक्रमित मरीजों की संख्या 25 हजार पार हो गई थी। इसके ठीक 12वें दिन 7 मई को यह संख्या दोगुना यानी 50 हजार पार हुई। इसी तरह, बीते 24 घंटे में 80,375 सैंपल की जांच हुई है, जिसमें से 3390 सैंपल पॉजिटिव मिले यानी 4.21 फीसदी। इसे संक्रमण दर मानते हुए विशेषज्ञों का कहना है, यह आंकड़ा लंबे समय से एक समान बना हुआ है जिससे साबित होता है कि देश में संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में हैं।
आईसीएमआर के महामारी विशेषज्ञ बताते हैं कि विज्ञान में महामारी के विकास को अलग नजरिए से देखा जाता है। महामारी का घुमावदार ग्राफ यानी कर्व होता है, जो एक वक्त तक ऊपर बढ़ता है, फिर यह तेजी से नीचे जाने लगता है। यह प्रक्रिया कोरोना संक्रमण में भी चल रही है। ज्यादातर देशों में यह कर्व नीचे बढ़ने लगा है लेकिन भारत में अभी यह ऊपर की ओर ही बढ़ रहा है। इसे नीचे की ओर घूमने में कम से कम दो से चार सप्ताह लग सकते हैं। इसीलिए विशेषज्ञ जून से जुलाई के बीच देश में कोरोना का शीर्ष आने की उम्मीद जता रहे हैं।
आंकड़े कम आना और ज्यादा भयावह
सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. जुगल किशोर का कहना है, लोग आंकड़ों से डर रहे हैं, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। यह ऐसी प्रक्रिया है जिसे लोगों में पैनिक के चलते रोका नहीं जा सकता। जांच तेजी से हो रही है तो मरीज भी तेजी से सामने आ रहे हैं। अगर यह आंकड़े नहीं बढ़ेंगे तो महामारी को नहीं रोक पाएंगे।
एक वैज्ञानिक बताते हैं कि ऐसा नहीं कि कोरोना को समझने में हमसे भूल नहीं हुई। जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन हुआ तो 3-4 दिन बाद तब्लीगी जमात की खबर मिल गई। फिर प्रवासी मजदूरों का पलायन, जो अभी भी चुनौती बना हुआ है। कंटेनमेंट जोन पर गहन अध्ययन के साथ राज्यों को जानकारी दी गई, पर कई जगहों से शिकायतें मिल रही थीं। रैपिड एंटीबॉडी जांच किट्स को लेकर एक सच यह भी है कि उससे जुड़े दिशा निर्देशों पर सही अमल भी नहीं हुआ, जिससे सर्विलांस में रुकावट भी आई है।
8 दिन में 22 हजार से ज्यादा मरीज
दिन |
केस |
मौत |
डिस्चॉर्ज |
1 मई |
1755 |
77 |
692 |
2 मई |
2411 |
71 |
953 |
3 मई |
2487 |
83 |
869 |
4 मई |
2573 |
83 |
875 |
5 मई |
3875 |
194 |
1399 |
6 मई |
2680 |
111 |
1022 |
7 मई |
3561 |
89 |
1084 |
8 मई |
3390 |
103 |
1273 |
कुल |
22,732 |
811 |
8167 |
सबसे बड़ी वैक्सीन सामाजिक दूरी…
लैब की संख्या बढ़ाना भी एक चुनौती थी जो 400 पार हो चुकी है। संभव है, अगले कुछ दिन में लॉकडाउन हटा लिया जाए, पर सामाजिक दूरी, मास्क व हाथ धोने की आदत डालनी ही होगी। इसे सबसे बड़ी वैक्सीन समझ लीजिए।
सार
कोरोना संक्रमितों के आंकड़े डरा रहे हैं। हर किसी के मन में यही सवाल है, आखिर कब तक महामारी का यह रूप देखने को मिलेगा? इसके चलते तरह-तरह की अफवाहें भी सोशल मीडिया पर हैं, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो दुनिया के महामारी प्रभावित पांच देश कोरोना का शीर्ष देख चुके हैं, भारत को अभी थोड़ा वक्त इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि जांच में तेजी देरी से आई।
विस्तार
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है, सिर्फ आंकड़ों को देख पूरे देश का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। अभी कर्व ग्राफ बढ़ रहा है। जबकि कुछ देशों में यह नीचे आ चुका है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, कुछ देशों में वायरस का कर्व ग्राफ नीचे जा रहा है जिसमें अमेरिका भी शामिल है।
एक सप्ताह की स्थिति पर तैयार रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका, इटली, स्पेन, बेल्जियम और नीदरलैंड में कर्व नीचे की ओर आने लगा है। हालांकि ईरान, जर्मनी, ब्राजील, फ्रांस, यूके और भारत में अभी यह ऊपर की ओर है। डॉ. गुलेरिया बताते हैं, देश में डबलिंग व संक्रमण दर काफी हद तक नियंत्रण में दिखाई देगी। अभी रोजाना करीब 80 हजार जांच हो रही हैं। कुछ दिन में यह एक लाख से ज्यादा भी होंगी। तब हो सकता है कि रोज आ रहा आंकड़ा और भी ज्यादा हो।
शुक्रवार तक कुल संक्रमिताें की संख्या 56,342 हो चुकी है। डबलिंग रेट (दोगुना दर) की बात करें तो 26 अप्रैल को संक्रमित मरीजों की संख्या 25 हजार पार हो गई थी। इसके ठीक 12वें दिन 7 मई को यह संख्या दोगुना यानी 50 हजार पार हुई। इसी तरह, बीते 24 घंटे में 80,375 सैंपल की जांच हुई है, जिसमें से 3390 सैंपल पॉजिटिव मिले यानी 4.21 फीसदी। इसे संक्रमण दर मानते हुए विशेषज्ञों का कहना है, यह आंकड़ा लंबे समय से एक समान बना हुआ है जिससे साबित होता है कि देश में संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में हैं।
हर दिन बढ़ रहे मरीज: क्या है संक्रमण का कर्व…
आईसीएमआर के महामारी विशेषज्ञ बताते हैं कि विज्ञान में महामारी के विकास को अलग नजरिए से देखा जाता है। महामारी का घुमावदार ग्राफ यानी कर्व होता है, जो एक वक्त तक ऊपर बढ़ता है, फिर यह तेजी से नीचे जाने लगता है। यह प्रक्रिया कोरोना संक्रमण में भी चल रही है। ज्यादातर देशों में यह कर्व नीचे बढ़ने लगा है लेकिन भारत में अभी यह ऊपर की ओर ही बढ़ रहा है। इसे नीचे की ओर घूमने में कम से कम दो से चार सप्ताह लग सकते हैं। इसीलिए विशेषज्ञ जून से जुलाई के बीच देश में कोरोना का शीर्ष आने की उम्मीद जता रहे हैं।
आंकड़े कम आना और ज्यादा भयावह
सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. जुगल किशोर का कहना है, लोग आंकड़ों से डर रहे हैं, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। यह ऐसी प्रक्रिया है जिसे लोगों में पैनिक के चलते रोका नहीं जा सकता। जांच तेजी से हो रही है तो मरीज भी तेजी से सामने आ रहे हैं। अगर यह आंकड़े नहीं बढ़ेंगे तो महामारी को नहीं रोक पाएंगे।
हमसे भी हुई हैं कई भूल…
एक वैज्ञानिक बताते हैं कि ऐसा नहीं कि कोरोना को समझने में हमसे भूल नहीं हुई। जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन हुआ तो 3-4 दिन बाद तब्लीगी जमात की खबर मिल गई। फिर प्रवासी मजदूरों का पलायन, जो अभी भी चुनौती बना हुआ है। कंटेनमेंट जोन पर गहन अध्ययन के साथ राज्यों को जानकारी दी गई, पर कई जगहों से शिकायतें मिल रही थीं। रैपिड एंटीबॉडी जांच किट्स को लेकर एक सच यह भी है कि उससे जुड़े दिशा निर्देशों पर सही अमल भी नहीं हुआ, जिससे सर्विलांस में रुकावट भी आई है।
8 दिन में 22 हजार से ज्यादा मरीज
दिन |
केस |
मौत |
डिस्चॉर्ज |
1 मई |
1755 |
77 |
692 |
2 मई |
2411 |
71 |
953 |
3 मई |
2487 |
83 |
869 |
4 मई |
2573 |
83 |
875 |
5 मई |
3875 |
194 |
1399 |
6 मई |
2680 |
111 |
1022 |
7 मई |
3561 |
89 |
1084 |
8 मई |
3390 |
103 |
1273 |
कुल |
22,732 |
811 |
8167 |
सबसे बड़ी वैक्सीन सामाजिक दूरी…
लैब की संख्या बढ़ाना भी एक चुनौती थी जो 400 पार हो चुकी है। संभव है, अगले कुछ दिन में लॉकडाउन हटा लिया जाए, पर सामाजिक दूरी, मास्क व हाथ धोने की आदत डालनी ही होगी। इसे सबसे बड़ी वैक्सीन समझ लीजिए।
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