केंद्रीय मंत्री गोयल ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर 1200 ट्रेनें अन्य कामों से हटाकर सिर्फ प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए रिजर्व कर दी गई हैं। जिससे रोज हम 300 ट्रेनें शुरू कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि लेकिन कई ऐसे राज्य हैं जैसे पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड जहां से बहुत ही कम ट्रेनों के लिए परमिशन मिल रही है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने इस मामले में दो राज्यों की सरकारों की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार को देखिए जहां क्रमशः अभी तक 400 और 200 ट्रेनें रवाना हो चुकी हैं। ये अपने कामगारों की सुविधा का पूरा ध्यान रख रहे हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार पर साधा निशाना
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के प्रवासियों को घर लौटने के लिए सुविधाएं नहीं दे रही है। राज्य सरकार ने केवल सात विशेष श्रमिक ट्रेनों की अनुमति दी है, जबकि उत्तर प्रदेश ने अभी तक ऐसी 400 ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है।
बता दें कि रेलवे ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण देशभर में फंसे प्रवासी कामगारों को ट्रेनों से उनके घर पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद एक मई से विशेष श्रमिक ट्रेन चलाना शुरू किया है।
रेल मंत्री गोयल ने एक ट्वीट किया कि पश्चिम बंगाल सरकार से और अधिक विशेष श्रमिक ट्रेनों के लिए मंजूरी देने की उनकी अपील पर कोई जवाब नहीं आया है।
गोयल ने कहा कि कल मेरे बयान के बाद पश्चिम बंगाल सरकार अपनी गहरी नींद से जागी। सरकार ने अभी तक प्रवासी मजदूरों के लिए केवल सात ट्रेनों की मंजूरी दी है। पश्चिम बंगाल के मजदूर उनके घरों से दूर हैं, इसलिए मैंने उन्हें लौटने देने के लिए और ट्रेनों की मंजूरी देने की अपील की थी।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को रोजाना 105 ट्रेनें संचालित करने की जरूरत है। गोयल ने यह भी कहा कि यह पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों के साथ क्रूरतापूर्ण मजाक है कि वहां की सरकार उन्हें घर पहुंचने की सुविधा नहीं दे रही।
छत्तीसगढ़ सरकार ने सिर्फ सात ट्रेनों को मंजूरी
बता दें कि केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अभी तक उत्तर प्रदेश ने मजदूरों को ले जाने के लिए 386 ट्रेनों की मंजूरी दी है, जबकि बिहार और मध्य प्रदेश ने क्रमश: 204 और 67 ट्रेनों के लिए स्वीकृति दी है। वहीं, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल ने केवल सात-सात ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है।
रेल मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने 15 दिन से कम समय में 400 ट्रेनों को मंजूरी दी है और अपने प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी कराई है। इस तरह की सक्रियता दिखाने के बजाय पश्चिम बंगाल सरकार और अन्य राज्यों की सरकारें मजदूरों को मदद मिलने से रोक रही हैं।