न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Updated Mon, 18 May 2020 06:24 AM IST
पूरी दुनिया को अपने चपेट में लेने वाली महामारी कोरोना वायरस आखिर कैसे और किस तरह से इंसानों तक पहुंचा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसकी रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए और उसकी भूमिका क्या रही है। दुनिया के करीब 62 देश ऐसे ही सवालों का जवाब मांग रहे हैं। अब भारत ने भी आधिकारिक तौर पर इन देशों को अपना समर्थन देते हुए यूरोपीय यूनियन व ऑस्ट्रेलिया की ओर से जांच की मांग वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया है।
दरअसल, डब्ल्यूएचओ की आज से शुरू होने जा रही वार्षिक बैठक के ड्राफ्ट में यह बात कही गई है। वहीं कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत के बाद से पहली बार भारत आधिकारिक रूप से एक पक्ष खड़ा हुआ है। बता दें कि कोरोना वायरस की शुरुआत बीते साल चीन के वुहान शहर से हुई थी। इस वायरस की वजह से पूरी दुनिया में अब तक 3 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
बहरहाल, भारत के जांच के समर्थन में खड़े होने का एक अल्प संकेत उस समय मिला था, जब मार्च में हुए जी20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डब्ल्यूएचओ में सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने जैसी आवश्यकताओं पर जोर दिया था।
बता दें कि चीन पर संक्रमण के शुरुआती दिनों की जानकारी छिपाने का आरोप है। यहां तक ताजा घटनाक्रम की बात करें तो वहां कोरोना से जंग में अहम भूमिका निभाने वाले शीर्ष अधिकारी और डॉक्टर झोंग नानशान ने भी खुलासा किया है कि स्थानीय अधिकारियों ने कोरोना से जुड़ी प्राथमिक जानकारी को छिपाया था।
पूरी दुनिया को अपने चपेट में लेने वाली महामारी कोरोना वायरस आखिर कैसे और किस तरह से इंसानों तक पहुंचा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसकी रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए और उसकी भूमिका क्या रही है। दुनिया के करीब 62 देश ऐसे ही सवालों का जवाब मांग रहे हैं। अब भारत ने भी आधिकारिक तौर पर इन देशों को अपना समर्थन देते हुए यूरोपीय यूनियन व ऑस्ट्रेलिया की ओर से जांच की मांग वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया है।
दरअसल, डब्ल्यूएचओ की आज से शुरू होने जा रही वार्षिक बैठक के ड्राफ्ट में यह बात कही गई है। वहीं कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत के बाद से पहली बार भारत आधिकारिक रूप से एक पक्ष खड़ा हुआ है। बता दें कि कोरोना वायरस की शुरुआत बीते साल चीन के वुहान शहर से हुई थी। इस वायरस की वजह से पूरी दुनिया में अब तक 3 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
बहरहाल, भारत के जांच के समर्थन में खड़े होने का एक अल्प संकेत उस समय मिला था, जब मार्च में हुए जी20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डब्ल्यूएचओ में सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने जैसी आवश्यकताओं पर जोर दिया था।
बता दें कि चीन पर संक्रमण के शुरुआती दिनों की जानकारी छिपाने का आरोप है। यहां तक ताजा घटनाक्रम की बात करें तो वहां कोरोना से जंग में अहम भूमिका निभाने वाले शीर्ष अधिकारी और डॉक्टर झोंग नानशान ने भी खुलासा किया है कि स्थानीय अधिकारियों ने कोरोना से जुड़ी प्राथमिक जानकारी को छिपाया था।
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