Coronavirus Case News In Hindi : Big Relief To Indian Farmers In Corona Period, Fertilizer Subsidy Increased To 22186 Crores – किसानों को कोरोना काल में बड़ी राहत, उर्वरक सब्सिडी बढ़कर 22,186 करोड़




खेत में काम करता एक किसान
– फोटो : PTI

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कोविड-19 महामारी संकट से जूझ रहे किसानों को राहत देते हुए सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए उर्वरक सब्सिडी को बढ़ाकर 22,186.55 करोड़ रुपये कर दिया है। इसके अलावा, फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों में भी पोषक तत्व आधारित सब्सिडी के निर्धारण को मंजूरी दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसमें असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अधिक संख्या में किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ देने के लिए आधार सीडिंग की अनिवार्यता की समय-सीमा भी एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 कर दी गई है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि बैठक में किसानों के हित से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा के बाद राहत दी गई है। उर्वरक सब्सिडी के लिए फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों को शामिल करने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। कैबिनेट ने अब इस संबंध में ऐसे उर्वरकों के लिए पोषण आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों के निर्धारण को मंजूरी दे दी है।

इस फैसले के बाद उर्वरक कंपनियों को सीसीईए की अनुमोदित सब्सिडी दरों पर फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों पर सब्सिडी दी जाएगी। सरकार ने 2010 में एनबीएस कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके तहत यूरिया को छोड़कर सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाने वाले फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों के प्रत्येक ग्रेड के लिए सालाना आधार पर सब्सिडी राशि तय की जाती है। यह सब्सिडी उनमें मौजूद पोषक तत्व के आधार पर तय होती है।  

गैर-यूरिया की सब्सिडी दरें घटाईं
सरकार ने गैर-यूरिया उर्वरकों पर दी जाने वाली सब्सिडी दरों में कटौती की है। इससे चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकारी खजाने पर उर्वरक सब्सिडी का बोझ कम होकर 22,186.55 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। उर्वरक मंत्रालय ने कहा कि 2020-21 के लिए नाइट्रोजन पर सब्सिडी को 18.90 से घटाकर 18.78 रुपये, फॉस्फोरस पर 15.21 से घटाकर 14.88 रुपये, पोटाश पर 11.12 से घटाकर 10.11 रुपये और सल्फर पर 3.56 से घटाकर 2.37 रुपये प्रति किलो कर दिया गया है। 2019-20 में इन पर कुल सब्सिडी खर्च 22,875 करोड़ रुपये था।

डीएपी-एनपीके के दाम नियंत्रण मुक्त
सरकार डाईअमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), मुरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) और एनपीके जैसे गैर-यूरिया उर्वरकों की कीमतों को नियंत्रण मुक्त कर चुकी है। इनका निर्धारण इनके विनिर्माताओं ही करते हैं। सरकार हर साल उन्हें एक निर्धारित सब्सिडी देती है।

वहीं, यूरिया के मामले में सरकार इसका अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तय कर देती है। इसके बाद उत्पादन लागत और तय एमआरपी के बीच जो अंतर होता है, वह विनिर्माताओं को उपलब्ध करा दिया जाता है। सरकार उर्वरकों, यूरिया और 21 ग्रेड के फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों को किसानों को सस्ते दाम पर उपलब्ध कराने को विनिर्माताओं या आयातकों को सब्सिडी देती है।

सार

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला
  • फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों में भी पोषक तत्व आधारित सब्सिडी को मंजूरी
  • 31 मार्च, 2021 की गई आधार सीडिंग की अनिवार्यता की मियाद

विस्तार

कोविड-19 महामारी संकट से जूझ रहे किसानों को राहत देते हुए सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए उर्वरक सब्सिडी को बढ़ाकर 22,186.55 करोड़ रुपये कर दिया है। इसके अलावा, फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों में भी पोषक तत्व आधारित सब्सिडी के निर्धारण को मंजूरी दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसमें असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अधिक संख्या में किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ देने के लिए आधार सीडिंग की अनिवार्यता की समय-सीमा भी एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 कर दी गई है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि बैठक में किसानों के हित से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा के बाद राहत दी गई है। उर्वरक सब्सिडी के लिए फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों को शामिल करने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। कैबिनेट ने अब इस संबंध में ऐसे उर्वरकों के लिए पोषण आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों के निर्धारण को मंजूरी दे दी है।

इस फैसले के बाद उर्वरक कंपनियों को सीसीईए की अनुमोदित सब्सिडी दरों पर फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों पर सब्सिडी दी जाएगी। सरकार ने 2010 में एनबीएस कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके तहत यूरिया को छोड़कर सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाने वाले फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों के प्रत्येक ग्रेड के लिए सालाना आधार पर सब्सिडी राशि तय की जाती है। यह सब्सिडी उनमें मौजूद पोषक तत्व के आधार पर तय होती है।  

गैर-यूरिया की सब्सिडी दरें घटाईं
सरकार ने गैर-यूरिया उर्वरकों पर दी जाने वाली सब्सिडी दरों में कटौती की है। इससे चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकारी खजाने पर उर्वरक सब्सिडी का बोझ कम होकर 22,186.55 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। उर्वरक मंत्रालय ने कहा कि 2020-21 के लिए नाइट्रोजन पर सब्सिडी को 18.90 से घटाकर 18.78 रुपये, फॉस्फोरस पर 15.21 से घटाकर 14.88 रुपये, पोटाश पर 11.12 से घटाकर 10.11 रुपये और सल्फर पर 3.56 से घटाकर 2.37 रुपये प्रति किलो कर दिया गया है। 2019-20 में इन पर कुल सब्सिडी खर्च 22,875 करोड़ रुपये था।

डीएपी-एनपीके के दाम नियंत्रण मुक्त
सरकार डाईअमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), मुरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) और एनपीके जैसे गैर-यूरिया उर्वरकों की कीमतों को नियंत्रण मुक्त कर चुकी है। इनका निर्धारण इनके विनिर्माताओं ही करते हैं। सरकार हर साल उन्हें एक निर्धारित सब्सिडी देती है।

वहीं, यूरिया के मामले में सरकार इसका अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तय कर देती है। इसके बाद उत्पादन लागत और तय एमआरपी के बीच जो अंतर होता है, वह विनिर्माताओं को उपलब्ध करा दिया जाता है। सरकार उर्वरकों, यूरिया और 21 ग्रेड के फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों को किसानों को सस्ते दाम पर उपलब्ध कराने को विनिर्माताओं या आयातकों को सब्सिडी देती है।




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