जितेंद्र भारद्वाज, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Updated Mon, 25 May 2020 12:19 AM IST
नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के पास मास्क पहने हुए एक सरकारी कर्मचारी।
– फोटो : PTI
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी है। इनमें बहुत से ऐसे कर्मी भी हैं, जो आउटसोर्स पॉलिसी के तहत विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में काम करते हैं। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वह भी दूसरे कर्मियों की भांति अपने घर से काम करते रहेंगे।
हालांकि शुरू में यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि उन्हें लॉकडाउन पीरियड के दौरान ‘वर्क फ्रॉम होम’ का वेतन मिलेगा या नहीं। ऐसे कर्मी चिंतित थे कि उन्हें वेतन नहीं मिलेगा। अब वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि आउटसोर्स कर्मियों को लॉकडाउन पीरियड में ऑन ड्यूटी माना जाएगा। स्थायी कर्मियों की तरह उन्हें भी वेतन मिलेगा।
बता दें कि 23 मार्च को जो गाइडलाइन जारी की गई, उसके तहत केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों, संगठनों, वैधानिक एवं स्वायत्त शाखाओं को वर्क फ्रॉम होम के लिए अधिकृत किया गया था। इन विभागों में बहुत से कर्मचारी ऐसे भी थे, जो आउटसोर्स पॉलिसी के अंतर्गत काम कर रहे थे।
मौजूदा समय में भी ऐसे कई कर्मचारी कोरोना से बचने के लिए अपने घरों पर रहे। इन्हें कार्यालय की ओर से जो काम मिलता, ये अपने घर से उसे निपटा देते थे। चूंकि उस समय ऐसा कोई स्पष्ट आदेश नहीं था कि लॉकडाउन के दौरान इन कर्मियों को वेतन भत्ते मिलेंगे या नहीं। 22 मई को वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने एक आदेश जारी कर ऐसे सभी अस्थायी कर्मियों को आश्वस्त कर दिया है कि उन्हें लॉकडाउन पीरियड में ऑन ड्यूटी माना जाएगा। इसके लिए जो भी वेतन भत्ते तय हैं, वे उन्हें मिलेंगे।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी है। इनमें बहुत से ऐसे कर्मी भी हैं, जो आउटसोर्स पॉलिसी के तहत विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में काम करते हैं। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वह भी दूसरे कर्मियों की भांति अपने घर से काम करते रहेंगे।
हालांकि शुरू में यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि उन्हें लॉकडाउन पीरियड के दौरान ‘वर्क फ्रॉम होम’ का वेतन मिलेगा या नहीं। ऐसे कर्मी चिंतित थे कि उन्हें वेतन नहीं मिलेगा। अब वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि आउटसोर्स कर्मियों को लॉकडाउन पीरियड में ऑन ड्यूटी माना जाएगा। स्थायी कर्मियों की तरह उन्हें भी वेतन मिलेगा।
बता दें कि 23 मार्च को जो गाइडलाइन जारी की गई, उसके तहत केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों, संगठनों, वैधानिक एवं स्वायत्त शाखाओं को वर्क फ्रॉम होम के लिए अधिकृत किया गया था। इन विभागों में बहुत से कर्मचारी ऐसे भी थे, जो आउटसोर्स पॉलिसी के अंतर्गत काम कर रहे थे।
मौजूदा समय में भी ऐसे कई कर्मचारी कोरोना से बचने के लिए अपने घरों पर रहे। इन्हें कार्यालय की ओर से जो काम मिलता, ये अपने घर से उसे निपटा देते थे। चूंकि उस समय ऐसा कोई स्पष्ट आदेश नहीं था कि लॉकडाउन के दौरान इन कर्मियों को वेतन भत्ते मिलेंगे या नहीं। 22 मई को वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने एक आदेश जारी कर ऐसे सभी अस्थायी कर्मियों को आश्वस्त कर दिया है कि उन्हें लॉकडाउन पीरियड में ऑन ड्यूटी माना जाएगा। इसके लिए जो भी वेतन भत्ते तय हैं, वे उन्हें मिलेंगे।
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