Coronavirus Case News In Hindi : 2.05 Crore Jobs Lost In Month In America, Great Depression In The Worlds Most Prosperous Country – दुनिया के सबसे समृद्ध देश में महामंदी, एक महीने में गईं 2.05 करोड़ नौकरियां




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कोरोना के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था महामंदी के दलदल में धंसने लगी है। अमेरिका को तो महामारी ने घुटनों पर ला दिया है। अकेले अप्रैल में 2.05 करोड़ अमेरिकियों को नौकरी गंवानी पड़ी। वहां 10 साल में 2.28 करोड़ नौकरियां मिलीं, जिनमें से 90 फीसदी छिन गई हैं। बेरोजगारी दर बढ़कर 14.7 फीसदी हो गई है। अमेरिकी श्रम विभाग के मुताबिक, अकेले अप्रैल के बेरोजगारी के आंकड़ों ने अक्तूबर, 2009 में आई वैश्विक मंदी को भी पीछे छोड़ दिया है।

वहीं, अर्थशास्त्रियों का कहना है कि बेरोजगारी दर उच्च स्तर पर पहुंच सकती है। 1929 की महामंदी के दौरान भी कुछ ऐसे ही हालात थे। 1933 में अमेरिका में बेरोजगारी दर 25 फीसदी थी यानी हर चौथा अमेरिकी बेरोजगार हो गया था। हालांकि, इस साल फरवरी में अमेरिका में बेरोजगारी दर 50 साल के न्यूनतम स्तर 3.5% पर आ गई थी। मार्च में यह 4.4 फीसदी थी।

सबसे ज्यादा छंटनी…महिलाओं की
अप्रैल में 1.04 करोड़ पुरुषों की नौकरी गई। उनसे ज्यादा 1.19 करोड़ महिलाएं बेरोजगार हुई हैं। कोविड-19 का उन सेवा क्षेत्रों पर ज्यादा असर है, जहां महिलाएं ज्यादा संख्या में कार्यरत थीं। फरवरी में महिलाओं में बेरोजगारी दर 3.4 फीसदी थी, जो बढ़कर 16.2 फीसदी हो गई है। पुरुषों में यह आंकड़ा 3.6 फीसदी से बढ़कर 13.5 फीसदी हो गया है।

बड़ा संकट…अल्पसंख्यकों पर
अश्वेतों में बेरोजगारी दर 16.7 फीसदी पहुंच गई है। यह फरवरी के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है और 2010 के बाद सबसे अधिक है। वहीं, हिस्पेनिक और लैटिन अमेरिकियो में बेरोजगारी दर 18.9 फीसदी हो गई है, जो मार्च में छह फीसदी थी। इस वर्ग में 1970 के बाद सबसे ज्यादा नौकरियां गई हैं।

पार्ट टाइम नौकरी करने वाले बढ़े
बेरोजगारी के ताजा आंकड़े ऐसे लाखों कर्मचारियों की तस्वीर पेश नहीं करते, जिनने वेतन में भारी कटौती हुई है। करीब 1.1 करोड़ लोगों ने पार्ट टाइम नौकरी करने की बात कही है क्योंकि उन्हें फुल टाइम नौकरी नहीं मिली। यह आंकड़ा 40 लाख तक बढ़ गया है।

मैन्युफैक्चरिंग 13 लाख
निर्माण 9.75 लाख
कपड़ा स्टोर 7.40 लाख
मोशन पिक्चर्स 2.17 लाख
कंप्यूटर डिजायन 93 हजार
लॉ फर्म 64 हजार
ट्रक परिवहन 88 हजार
सरकारी नौकरियां 8.01 लाख
अस्पताल-क्लीनिक 14 लाख

बड़ा कारण…सामाजिक दूरी की बाध्यता

  • 90 लाख लोगों ने खुद को बेरोजगार कहने की बजाय कार्यस्थल से अनुपस्थित बताया है।
  • सामाजिक दूरी की बाध्यता के कारण कंपनियों ने काफी कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर हटा दिया है।
  • 1.81 करोड़ ने अपनी बेरोजगारी अस्थायी बताई। 20 लाख ने कहा, वे स्थायी तौर पर बेरोजगार हो गए।
बेरोजगारी बढ़ने का असर सीधे तौर पर अर्थव्यवस्था पर दिखेगा। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अब 11 फीसदी रोजगार देने वाले हॉस्पिटैलिटी और ट्रेन-हवाई परिवहन जैसे क्षेत्रों को खोल देना चाहिए।

भर्तियां…केवल एक क्षेत्र में
जनरल मर्केंडाइज स्टोर्स ही ऐसा उद्योग है, जहां 93,400 लोगों की भर्तियां हुई हैं। कंप्यूटर बनाने वाली इकाइयों में 800, पोस्टल सेवा में 500 और मॉनिटरी विभाग में 100 भर्तियां हुईं।

ट्रंप सरकार का सहारा
ट्रंप सरकार बेरोजगारी पर काबू पाने के लिए जुटी है। इसके तहत प्रत्येक बेरोजगार को सीधे 1200 डॉलर (90 हजार रुपये) दिए जा रहे हैं। बेरोजगारी बीमा लाभ बढ़ा दिया है। छोटे उद्योगों को आर्थिक मदद देने की तैयारी है ताकि वे छंटनी न करें।

सार

कोरोना वायरस के कारण अमेरिका में एक महीने में ही 2.05 करोड़ चली गई हैं। बीते 10 साल में यहां 2.28 करोड़ नौकरियां मिली थीं। महामंदी की मार सबसे ज्यादा महिलाओं पर पड़ी है।

विस्तार

कोरोना के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था महामंदी के दलदल में धंसने लगी है। अमेरिका को तो महामारी ने घुटनों पर ला दिया है। अकेले अप्रैल में 2.05 करोड़ अमेरिकियों को नौकरी गंवानी पड़ी। वहां 10 साल में 2.28 करोड़ नौकरियां मिलीं, जिनमें से 90 फीसदी छिन गई हैं। बेरोजगारी दर बढ़कर 14.7 फीसदी हो गई है। अमेरिकी श्रम विभाग के मुताबिक, अकेले अप्रैल के बेरोजगारी के आंकड़ों ने अक्तूबर, 2009 में आई वैश्विक मंदी को भी पीछे छोड़ दिया है।

वहीं, अर्थशास्त्रियों का कहना है कि बेरोजगारी दर उच्च स्तर पर पहुंच सकती है। 1929 की महामंदी के दौरान भी कुछ ऐसे ही हालात थे। 1933 में अमेरिका में बेरोजगारी दर 25 फीसदी थी यानी हर चौथा अमेरिकी बेरोजगार हो गया था। हालांकि, इस साल फरवरी में अमेरिका में बेरोजगारी दर 50 साल के न्यूनतम स्तर 3.5% पर आ गई थी। मार्च में यह 4.4 फीसदी थी।

सबसे ज्यादा छंटनी…महिलाओं की

अप्रैल में 1.04 करोड़ पुरुषों की नौकरी गई। उनसे ज्यादा 1.19 करोड़ महिलाएं बेरोजगार हुई हैं। कोविड-19 का उन सेवा क्षेत्रों पर ज्यादा असर है, जहां महिलाएं ज्यादा संख्या में कार्यरत थीं। फरवरी में महिलाओं में बेरोजगारी दर 3.4 फीसदी थी, जो बढ़कर 16.2 फीसदी हो गई है। पुरुषों में यह आंकड़ा 3.6 फीसदी से बढ़कर 13.5 फीसदी हो गया है।

बड़ा संकट…अल्पसंख्यकों पर
अश्वेतों में बेरोजगारी दर 16.7 फीसदी पहुंच गई है। यह फरवरी के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है और 2010 के बाद सबसे अधिक है। वहीं, हिस्पेनिक और लैटिन अमेरिकियो में बेरोजगारी दर 18.9 फीसदी हो गई है, जो मार्च में छह फीसदी थी। इस वर्ग में 1970 के बाद सबसे ज्यादा नौकरियां गई हैं।

पार्ट टाइम नौकरी करने वाले बढ़े
बेरोजगारी के ताजा आंकड़े ऐसे लाखों कर्मचारियों की तस्वीर पेश नहीं करते, जिनने वेतन में भारी कटौती हुई है। करीब 1.1 करोड़ लोगों ने पार्ट टाइम नौकरी करने की बात कही है क्योंकि उन्हें फुल टाइम नौकरी नहीं मिली। यह आंकड़ा 40 लाख तक बढ़ गया है।


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किस क्षेत्र में कितनी नौकरियां गईं




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