दिल्ली में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इन आरोपों का खंडन भी किया है। शनिवार को उन्होंने कहा कि ऐसी कोई वजह नहीं है जिसके आधार पर सरकार इन आंकड़ों को छिपा सकती है।
ऐसे में अमर उजाला ने स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ बुलेटिन और लोकनायक अस्पताल की पड़ताल की। लोकनायक अस्पताल दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा कोविड अस्पताल भी है। पड़ताल में पता चला कि हेल्थ बुलेटिन में यहां अब तक पांच मौत बताई गई हैं, जबकि अस्पताल में 55 लोगों की मौत बीते 8 मई की सुबह 9 बजे तक हो चुकी है।
पड़ताल शुरू करने से पहले 19 अप्रैल से लेकर 9 मई तक के हेल्थ बुलेटिन की समीक्षा की गई, क्योंकि उससे पहले 18 अप्रैल के बुलेटिन में लोकनायक अस्पताल में एक मरीज की मौत होने की पुष्टि की थी। इसके बाद 19 अप्रैल को यह आंकड़ा बढ़कर पांच हो गया। इसके बाद से अब तक 21 बार बुलेटिन जारी हो चुका है। एक कॉलम ऐसा है जो अब तक एक जैसा बना हुआ है। इसमें लिखा है कि लोकनायक अस्पताल में कोरोना की वजह से पांच लोगों की मौत हुई है।
अब पड़ताल को लोकनायक अस्पताल ले जाया गया। यहां लगे बोर्ड में स्थिति कुछ ही दिखाई देती है। यहां साफ-साफ लिखा है कि कोरोना वायरस से अब तक 55 पॉजिटिव लोगों की मौत अस्पताल में हुई है। यह आंकड़ा 8 मई की सुबह 9 बजे तक का है। इसी बोर्ड की बात करें तो अस्पताल में कुल 2028 मरीज भर्ती हुए हैं, जिनमें से 1352 को अब तक डिस्चार्ज किया जा चुका है। वर्तमान में 570 मरीज भर्ती हैं। अब तक 139 लोगों की मौत हुई है, जिसमें से 55 मौत कोविड पॉजिटिव मरीजों की है।
ठीक इसी तरह पांच मई की सुबह 4 बजे तक लोकनायक अस्पताल में कुल 116 मरीजों की मौत हो चुकी थी, जिसमें से 42 कोविड पॉजिटिव थे। 5 मई की रात को आए बुलेटिन में मौत को लेकर कोई बदलाव नहीं था।
एम्स के आंकड़े बुलेटिन की तुलना में कुछ और
अब पड़ताल को देश के सबसे बड़े चिकित्सीय संस्थान एम्स ले जाया गया। इन्हीं 21 हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, एम्स के ट्रॉमा और झज्जर कैंपस को मिलाकर दो संक्रमित मरीजों की मौत हुई है, जबकि चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके शर्मा ने स्पष्ट किया कि कोरोना वायरस को लेकर एम्स ने ट्रॉमा सेंटर और झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनआईसी) को कोविड विशेष बनाया है। इन दोनों को मिलाकर अब तक 14 कोविड पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है। 2 मई को जब लोकपाल सदस्य की कोरोना वायरस के चलते मौत हुई थी, तब ट्रॉमा सेंटर में यह सातवीं मौत थी।
अब तक कुल मरीज 2028
अब तक कुल डिस्चार्ज 1352
अभी भर्ती 570
नए भर्ती 72
डिस्चार्ज 11
कुल मौत 139
कुल कोविड पॉजिटिव मौत 55
आईसीयू में मरीज 26
(2 वेंटिलेटर, 19 ऑक्सीजन, अन्य पांच मरीज आईसीयू के आंकड़ों में शामिल)
8 मई की रात को जारी हेल्थ बुलेटिन
लोकनायक अस्पताल
कुल मरीज भर्ती 505
कुल मौत 05
आईसीयू में पॉजिटिव 14
वेंटिलेटर पर पॉजिटिव कोई नहीं
21 हेल्थ बुलेटिन की स्थिति (लोकनायक अस्पताल)
19 अप्रैल को 359, 20 को 318, 21 को 214, 22 को 232, 23 को 134, 24 को 139, 25 को 164, 26 को 165, 27 को 197, 28 को 207, 29 को 241 और 30 अप्रैल को लोकनायक अस्पताल में 276 कोविड पॉजिटिव मरीज भर्ती थे। इन सभी बुलेटिन के अनुसार, अस्पताल में मौत पांच हुई हैं। इसके बाद 1 मई को 301, 2 को 308, 3 को 349, 4 को 371, 5 को 405, 6 को 424, 7 को 459, 8 मई को यहां 505 कोविड मरीज भर्ती थे, लेकिन कुल मौत का आंकड़ा पांच ही बताया गया।
इन्होंने नहीं दिया जवाब
पड़ताल के दौरान दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डॉ. नुतन मुंडेजा को जब फोन किया तो उन्होंने बात नहीं की। इसके बाद उनसे मैसेज के जरिये भी अस्पताल और बुलेटिन के बीच अंतर के पीछे वजह जानने का प्रयास किया गया, लेकिन जवाब नहीं मिला। शनिवार को दोनों बोर्ड की तस्वीर और 21 हेल्थ बुलेटिन के साथ जब चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जेसी पासी से संपर्क किया, तो उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया।
इन अस्पतालों में भी स्थिति अलग
आरएमएल की चिकित्सा निदेशक डॉ. मीनाक्षी भारद्वाज ने बताया कि 8 मई की रात तक उनके यहां 528 कुल संक्रमित मरीज भर्ती हो चुके हैं और 52 लोगों की मौत हो चुकी है। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. एनएन माथुर ने तीन और सफदरजंग अस्पताल प्रबंधन ने 8 मई की रात तक 23 मरीजों की कोरोना वायरस से मौत होने की पुष्टि की है, जबकि 8 व 9 मई को जारी दोनों हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, आरएमएल में 26 और सफदरजंग में चार मरीजों की मौत कोरोना वायरस से हुई है, जबकि लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में एक भी मौत नहीं हुई है, जबकि दिल्ली के सबसे छोटे मरीज 45 दिन के शिशु की मौत कोरोना वायरस के चलते लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के सुचेता कृपलानी अस्पताल में ही दर्ज की जा चुकी है।
कब्रिस्तान से आगे बढ़ी पड़ताल
8 मई के अंक में अमर उजाला ने आईटीओ स्थित जदीद कब्रिस्तान अल इस्लाम से पड़ताल में पाया था कि वहां 80 शवों को दफनाया जा चुका है। करीब पांच बीघा जमीन कोविड के लिए आरक्षित की गई, जिसमें से लगभग तीन बीघा जमीन अब तक भर चुकी है। यहां संदिग्ध और संक्रमित दोनों ही शवों को दफनाया गया था। इसी दौरान पता चला कि 7 मई को लोकनायक अस्पताल से पांच शव यहां पहुंचे थे, जिनमें से तीन कोरोना पॉजिटिव थे।
छिपाने का कोई कारण नहीं : सत्येंद्र जैन
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि कोरोना वायरस को लेकर आंकड़े छिपाने का कोई कारण ही नहीं है। अभी तक दिल्ली में कोरोना वायरस के चलते 68 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग से जानकारी मिली है कि कुछ अस्पतालों से जानकारी अपडेट नहीं हुई है। डेथ रिपोर्ट के लिए अस्पतालों से फिर अपील की गई है। इस बात की गारंटी है कि एक भी आंकड़ा छिपाया नहीं जाएगा। अस्पताल से डेथ समरी आती है, जिसमें सब कुछ लिखा होता है। दो से चार दिन में सभी अस्पतालों से जानकारी मिलने के बाद आगे कुछ कहा जा सकेगा। दिल्ली में किसी मौत को छिपाना संभव ही नहीं है।