Covid 19 Peaks In Different Part May Not Be At The Same Time Says Panel – विशेषज्ञों की टीम ने कहा, देश के हर राज्य में अलग-अलग समय पर आएगा कोरोना का चरम




न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 09 Jun 2020 10:30 AM IST

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देश में कोरोना वायरस शायद अलग-अलग समय पर अपने चरम पर आएगा। स्वास्थ्य पर वित्त आयोग के 15वें उच्च स्तरीय पैनल का ऐसा मानना है। आयोग ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राज्यों को सलाह दी है कि संसाधनों को इकट्ठा कर लें ताकि हर राज्य में बेहतर स्वास्थ्य इंफास्ट्रक्चर बन पाए।

एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एक ऐसी प्रणाली की जरूरत है जिसमें मानवशक्ति औऱ स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों को आसानी से एक राज्य से दूसरे राज्य ले जा सकें। डॉ गुलेरिया ने कहा कि कुछ राज्य ऐसे हैं जहां संसाधनों की कमी नहीं है और कोरोना के मरीजों का बेहतर इलाज कर रहे हैं लेकिन कुछ राज्यों के लिए यह एक चुनौती है।

स्वास्थय पर बने वित्त आयोग के पैनल ने कहा कि हर राज्य में कोरोना वायरस संक्रमित मामले अलग हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, बंगाल और दिल्ली ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और केरल राज्यों में संतुलन है।

एक अध्ययन के मुताबिक 14-18 मई के बीच कोरोना संक्रमण की दर 5.1 फीसदी मानी जा रही है। आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव का कहना है कि मृत्युदर को पांच फीसदी से नीचे रखना बेहद जरूरी है। अगर रोजाना मरने वालों की संख्या 1,000-2,000 होगी तो यह सरकार के लिए खतरे की घंटी होगी।

कोरोना पर बने उच्च स्तरीय समूह ने तीन बड़े समूहों को बनाने की सलाह दी है। इन समूहों का नाम है बहुत छोटा, छोटा और मध्यम अवधि। बहुत छोटी अवधि में निगरानी के लिए सर्विलांस, कंटेन्मेंट, दवाइयों की आपूर्ति, ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा, वेंटिलेटर, पीपीई किट, मास्क और ऑक्सीजन आपूर्ति शामिल किए गए हैं।

छोटी अवधि मापदंडों में वायरस के प्रबंध के लिए बनाई जा रही योजनाएं, वैक्सीन के लिए वित्तीय सहायता को शामिल किया गया है। मध्यम अवधि मापदंड के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवाओं की तरह भारतीय मेडिकल सेवा का गठन किया जाए।

सार

  • वित्त आयोग के 15वें पैनल की स्वास्थ्य संशोधनों को इकट्ठा करने की सलाह
  • देश में कोरोना वायरस अलग-अलग समय पर चरम पर आएगा
  • 14-18 मई के बीच कोरोना मामलों में वृद्धि दर 5.1 फीसद रही

विस्तार

देश में कोरोना वायरस शायद अलग-अलग समय पर अपने चरम पर आएगा। स्वास्थ्य पर वित्त आयोग के 15वें उच्च स्तरीय पैनल का ऐसा मानना है। आयोग ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राज्यों को सलाह दी है कि संसाधनों को इकट्ठा कर लें ताकि हर राज्य में बेहतर स्वास्थ्य इंफास्ट्रक्चर बन पाए।

एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एक ऐसी प्रणाली की जरूरत है जिसमें मानवशक्ति औऱ स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों को आसानी से एक राज्य से दूसरे राज्य ले जा सकें। डॉ गुलेरिया ने कहा कि कुछ राज्य ऐसे हैं जहां संसाधनों की कमी नहीं है और कोरोना के मरीजों का बेहतर इलाज कर रहे हैं लेकिन कुछ राज्यों के लिए यह एक चुनौती है।

स्वास्थय पर बने वित्त आयोग के पैनल ने कहा कि हर राज्य में कोरोना वायरस संक्रमित मामले अलग हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, बंगाल और दिल्ली ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और केरल राज्यों में संतुलन है।

एक अध्ययन के मुताबिक 14-18 मई के बीच कोरोना संक्रमण की दर 5.1 फीसदी मानी जा रही है। आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव का कहना है कि मृत्युदर को पांच फीसदी से नीचे रखना बेहद जरूरी है। अगर रोजाना मरने वालों की संख्या 1,000-2,000 होगी तो यह सरकार के लिए खतरे की घंटी होगी।

कोरोना पर बने उच्च स्तरीय समूह ने तीन बड़े समूहों को बनाने की सलाह दी है। इन समूहों का नाम है बहुत छोटा, छोटा और मध्यम अवधि। बहुत छोटी अवधि में निगरानी के लिए सर्विलांस, कंटेन्मेंट, दवाइयों की आपूर्ति, ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा, वेंटिलेटर, पीपीई किट, मास्क और ऑक्सीजन आपूर्ति शामिल किए गए हैं।

छोटी अवधि मापदंडों में वायरस के प्रबंध के लिए बनाई जा रही योजनाएं, वैक्सीन के लिए वित्तीय सहायता को शामिल किया गया है। मध्यम अवधि मापदंड के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवाओं की तरह भारतीय मेडिकल सेवा का गठन किया जाए।




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