सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग
– फोटो : ट्विटर
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दरअसल, ली ने गुरुवार को एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि उन्होंने सिंगापुर और भारत में कोविड-19 की स्थिति के बारे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है। इस दौरान उन्होंने सिंगापुर में काम करने वाले प्रवासी श्रमिकों के बलिदान को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें (मोदी को) भरोसा दिया है कि हम यहां भारतीय प्रवासी श्रमिकों की देखभाल उसी तरह करेंगे, जैसे हम सिंगापुर के लोगों की देखभाल करते हैं। प्रवासी श्रमिकों ने यहां काम करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर बलिदान दिए हैं। उन्होंने सिंगापुर के लिए कई योगदान दिए हैं, इसलिए उनके प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है।
उन्होंने भारत में फंसे सिंगापुर के नागरिकों की सकुशल स्वदेश वापसी में भारत की मदद के लिए मोदी को धन्यवाद भी दिया। बता दें कि अप्रैल माह के शुरू में सिंगापुर अपने 699 नागरिकों को वापस ले गया था जो लॉकडाउन के कारण यहां फंस गए थे।
वहीं पीएम ली से बातचीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच रणनीतिक साझेदारी कोविड-19 से उबरने के बाद स्थिरता और समृद्धि में योगदान दे सकती है। मोदी ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से कोरोना महामारी पर विचारों का आदान-प्रदान किया और सिंगापुर में भारतीय नागरिकों की मदद और देखभाल के लिए उनका आभार जताया।
इससे पहले ली ने मार्च माह के अंत में 1.3 अरब लोगों के विशाल देश में लॉकडाउन लागू किए जाने को ‘असाधारण निर्णय’ बताया था। उन्होंने कहा भारत और सिंगापुर व्यापक आर्थिक संबंधों के साथ रणनीतिक साझेदार हैं। ली ने अपनी पोस्ट में कहा कि हम महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों पर एक साथ काम करने और आपूर्ति श्रृंखला को बरकरार रखने के लिए सहमत हुए हैं। दोनों नेताओं ने सिंगापुर और भारत के व्यापक आर्थिक संबंधों पर भी चर्चा की है।
सिंगापुर में भारत के उच्चायोग ने ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस पर विश्व नेताओं के साथ बातचीत के तहत सिंगापुर में अपने समकक्ष को फोन किया था। एक रिपोर्ट के अनुसार 19 अप्रैल तक सिंगापुर में 1600 से अधिक भारतीय नागरिक कोरोना वायरस से संक्रमित मिले थे।
सिंगापुर में कोरोना से संक्रमित भारतीय नागरिक की मौत