अमर उजाला रिसर्च टीम, वाशिंगटन।
Updated Fri, 01 May 2020 05:56 AM IST
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लोग केवल कोविड-19 रोग से नहीं मारे जा रहे, बल्कि इसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाओं में आए संसाधनों के असंतुलन से भी जान गंवा रहे हैं। अमेरिकी वैज्ञानिकों का आकलन है कि उनके देश में प्रति 10 लाख पर 18.7 महिलाओं की प्रसव के दौरान मौत हो रही है। वैसे यह आंकड़ा 17.4 रहता है।
क्लीवलैंड यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल मेडिकल सेंटर और जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के पांच चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में कमजोर प्रतिरोधक तंत्र की वजह से सांस से होने वाले संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। नियमित जांच व प्रसव के लिए अस्पताल आने से संक्रमण की आशंका और बढ़ रही है। दूसरी ओर अस्पतालों के करीब 50 प्रतिशत संसाधन और बिस्तर कोविड-19 मरीजों के बोझ तले दबे हैं।
हालात और विकट होने की आशंका
- सर्दियों में महामारी बढ़ी तो वर्ष 2020 अमेरिका में गर्भवती महिलाओं के लिए नया संकट लेकर आएगा।
- महिलाओं के लिए नियमित जांच और इलाज के लिए संसाधन मुहैया करवाना मुश्किल होता जाएगा।
- गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष नीति बनाने की जरूरत है। उन्हें संक्रमण से बचाना प्राथमिकता हो।
यूएसआईसी ने कहा- इंसान का बनाया नहीं कोरोना
- कोरोना को लेकर चीन और अमेरिका के बीच चल रही जुबानी तनातनी के बीच एक नया मोड़ आ गया है। यूएस इंटेलिजेंस कम्युनिटी (यूएसआईसी) ने एक तरह से चीन को क्लीन चिट दे दी है। उसने गुरुवार को कहा कि जानलेवा कोरोना ‘मानव निर्मित’ नहीं है।
- कम्युनिटी ने यह भी कहा है कि उपलब्ध सुबूतों और वैज्ञानिक सहमतियों के हिसाब से कोविड-19 वायरस किसी लैब में जेनेटिक मॉडिफिकेशन (सामान्य कोरोना वायरस की जीन्स में कृत्रिम बदलाव) के जरिए भी नहीं बनाया गया है।
- हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अभी तक आरोप लगाते रहे हैं कि कोरोना वायरस को चीन के वुहान शहर की लैब में बनाया गया है। जबकि चीन इससे इनकार करता रहा है।
- कम्युनिटी ने यह भी कहा है कि वे इसकी कड़ी जांच जारी रखेंगे कि कोविड-19 वायरस का फैलाव किसी संक्रमित जानवर के इंसानी संपर्क में आने से हुआ या यह चीन में एक लैब में दुर्घटना के कारण फैलना चालू हुआ।