कोरोना संकट के बीच पाक रमजान और रोजे का महीना शुक्रवार से शुरू हो जाएगा। स्थानीय चांद कमेटी ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि चांद दिखने के बाद रमजान का पाक महीना शुरू हो गया है और शुक्रवार को महीने का पहला रोजा रखा जाएगा।
सरकारी समाचार एजेंसी एसपी के मुताबिक, शाह सलमान ने कहा कि मुझे दुख है कि संकट की इस घड़ी में हम मस्जिदों में खासकर रात के समय सामूहिक नमाज और तरावीह अदा नहीं कर सकते। लेकिन इस पाक महीने में हम लोगों की जिंदगी और अच्छी सेहत की दुआ करेंगे।
इन देशों में भी दिखा चांद
रमजान का चांद सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और यूएई में दिखाई देने के बाद यहां 24 अप्रैल से रमजान का महीना शुरू हो गया। इनके अलावा मलेशिया, मिस्र, सिंगापुर, इंडोनेशिया और फिलिपींस में भी रमजान का महीना 24 अप्रैल से शुरू होने का आधिकारिक तौर पर एलान किया गया है।
भारत में आज हो सकता है माहे रमजान के चांद का दीदार
भारत में कोरोना के चलते लॉकडाउन में इस बार रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है। इस बार पिछले सालों जैसी रौनक भले ही न दिख रही हो, मगर लोगों के जोश और जज्बे में कोई कमी नहीं है। माहे रमजान के चांद का दीदार शुक्रवार को हुआ तो पहला रोजा शनिवार को हो सकता है।
यदि 29 शाबान का चांद न निकला या मौसम के कारण दिखाई न दिया तो रविवार से रमजान की शुरुआत होगी। बहरहाल, लोगों ने रमजान की तैयारियां पूरी कर ली हैं। दूसरी तरफ तमाम दरगाहों, खानकाहों ने भी रिवायत को कायम रखने के लिए सोशल डिंस्टेंसिंग के लिहाज से रोजा इफ्तार का इंतजाम करना शुरू कर दिया है।
इसी कड़ी में सभी मसलकों के सेंटर, खानकाह, दरगाह और मुस्लिम संगठन एवं प्रतिष्ठानों की ओर से रमजान की जंतरी (टाइम टेबल) बांटने का काम भी चल रहा है। कुछ लोग सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक जंतरी पहुंचा रहे हैं तो कुछ फोटो कॉपियां कराकर घर-घर बांट रहे हैं। इन तमाम तैयारियों के बीच यह मांग भी उठी है कि रमजान के दिनों में प्रशासन मोहल्लों में फलों की बिक्री की व्यवस्था करे।
मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में रमजान की तैयारी शुरू होने के साथ ही राजधानी जकार्ता में सामाजिक पाबंदियों का विस्तार कर दिया गया है। जकार्ता के गवर्नर एनीज बस्वेदान ने बताया कि बृहस्पतिवार को खत्म होने वाली पाबंदियों को 22 मई तक बढ़ा दिया गया है।
जकार्ता में बुधवार तक संक्रमण के 3 हजार 383 मामलों की पुष्टि हुई जिनमें से 301 लोगों की मौत हो चुकी है। जकार्ता के गवर्नर बस्वेदान ने बुधवार देर रात एक संवाददाता सम्मेलन में मुस्लिमों से कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए रमजान के दौरान मस्जिद से संबंधित गतिविधियों को स्थगित करने का अनुरोध किया।
इस्लाम के पवित्र महीने रमजान की शुरुआत शुक्रवार को हो सकती है जो चांद के दिखाई देने पर निर्भर करेगा। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने पिछले महीने स्वीकार किया था कि सरकार ने दहशत को रोकने के लिए देश में कोरोना वायरस फैलने के बारे में जानकारी छिपाने का फैसला किया था।
इस्लाम में रमजान माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। दुनियाभर के मुसलमान पूरे साल इस माह का बेसब्री से इंतजार करते हैं। रमजान के लिए मस्जिदों को भी सजाया जाता है, लेकिन इस साल ऐसा कुछ भी नहीं है।
कोरोना की वजह से लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में मस्जिदों व तमाम बाजारों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। पूरे रमजान माह में गुलजार रहने वाली पुरानी दिल्ली भी सूनी पड़ी है। लोगों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से इस बार रमजान का महीना बेनूर ही रहेगा।
पुरानी दिल्ली के मटिया महल में रहने वाले हाजी इंतजार कुरैशी रमजान का जिक्र करते हुए रोने लगे। उनका कहना था कि उनकी जिंदगी में कभी ऐसा वक्त नहीं आया कि मस्जिदें सूनी हो गईं हों। घरों से निकलने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
उन्होंने कहा कि यह सब अल्लाह का आजाब है, जो गुनहगारों पर आया है। इंतजार बताते हैं कि रमजान की रौनक ही अलग होती थी। इलाके की मस्जिदों के अलावा जामा मस्जिद को दुल्हन की तरह सजाया जाता था।
सुंई वालान में रहने वाले मोहम्मद हनीफ बताते हैं कि पूरे साल लोग जामा मस्जिद में रोजा इफ्तार का इंतजार करते थे, लेकिन इस बार जामा मस्जिद को लॉकडाउन की वजह से बंद रखा गया है। जामा मस्जिद में रोजा इफ्तार के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इसके अलावा सहरी में भी कोई चहल-पहल नहीं होगी।