Coronavirus Case News In Hindi : Lockdown 2, Relief To Rural Economy And Industries From Today With Some Conditions, No Concession In Delhi – लॉकडाउन-2.0 : आज से ग्रामीण अर्थव्यवस्था-उद्योगों को सशर्त राहत, दिल्ली में कोई रियायत नहीं




मुंबई में बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर एक महिला पुलिस कर्मी की वर्दी पर दवा छिड़कता एक स्वास्थ्य कर्मी।
– फोटो : PTI

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लॉकडाउन-2.0 में खेती, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए रविवार आधी रात से कुछ शर्तों के साथ राहत दी गई है। हालांकि, कोरोना प्रभावित हॉटस्पॉट और संक्रमित जोन में तीन मई तक कोई रियायत नहीं दी जाएगी। दिल्ली, तेलंगाना, पंजाब और महाराष्ट्र में सरकारों ने छूट देने से इनकार कर दिया है। तेलंगाना ने तो लॉकडाउन सात मई तक बढ़ा दिया। 

गृह मंत्रालय के नए दिशा-निर्देशों में प्रवासी मजदूरों को राज्य के भीतर ही रोजगार दिए जाने पर जोर है। अहम बात यह कि फसलों की बुआई, कटाई व बिक्री समेत खेती-किसानी व पशुपालन से जुड़े ज्यादातर कामकाज को मंजूरी दी गई है, ताकि कृषि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके। 

ग्रामीण इलाकों में लगीं औद्योगिक इकाइयों को भी सशर्त मंजूरी दी गई है। ढांचागत विकास की बुनियाद कहे जाने वाले कोयला व खनिज उत्पादन के साथ तेल व गैस रिफाइनरी को भी इजाजत दी गई है। सड़क-सिंचाई व अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का भी ख्याल रखा गया है। 

भारतीय रिजर्व बैंक, वित्तीय बाजार, बैंक, एटीएम व बैंकिंग कामकाज के लिए आईटी से जुडे़ कर्मियों को भी छूट दी गई है। बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांगों की सामाजिक सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है। इस बीच, एयर इंडिया ने सभी उड़ानों की अग्रिम बुकिंग बंद कर दी है। 

मजदूरों को राज्यों में ही रोजगार

  • कई जगह फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र ने  दिशा-निर्देश दिए हैं। मजदूरों को राज्य से बाहर जाने की इजाजत नहीं है। हालांकि, राज्य के भीतर ही कुछ शर्तों के साथ आवाजाही की छूट दी गई है। 
  • बड़े औद्योगिक परिसरों में मजदूरों को अंदर ही रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। 
  • मजदूरों को मनरेगा, उद्योग, कृषि, निर्माण में रोजगार देना चाहिए। 
  • 20 अप्रैल के बाद संक्रमण जोन के बाहर  काम की इजाजत मिल चुकी है, ऐसे में वहां कामगारों की जरूरत होगी। मजदूरों को अन्यत्र ले जाने के लिए कड़ी शर्तें लगाई हैं।
केंद्र और राज्यों के सरकारी दफ्तर भी सोमवार से खुल जाएंगे।  अफसरों को करीब एक माह तक घर से काम करने को कहा गया था। केंद्र में सभी सचिव स्तर के अफसरों ने 13 अप्रैल को ही दफ्तर ज्वाइन कर लिया था। अब सभी मंत्रालय व विभागों में उपसचिव से ऊपर के अफसरों की उपस्थिति जरूरी होगी। स्टाफ की उपस्थिति जरूरत के मुताबिक 33 फीसदी तक ही होनी चाहिए।

स्वास्थ्यकर्मियों को मिले सुरक्षा, टीम में शामिल करें धार्मिक नेता
गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि सामुदायिक जांच के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराए। इसके लिए स्थानीय धार्मिक नेताओं को भी साथ लिया जा सकता है। शांति समितियों को सक्रिय करना चाहिए। साथ ही, जांच को लेकर लोगों में फैली भ्रांतियों को भी दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।

छूट पर एक हफ्ते बाद फैसला : केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में हालात ऐसे नहीं हैं कि अभी किसी तरह की कोई छूट दी जाए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से अभी भी महामारी विकराल रूप नहीं धारण पाई। एक हफ्ते बाद विशेषज्ञों के साथ समीक्षा करके ही किसी तरह की रियायतें संभव होंगी।

लॉकडाउन-2.0 में खेती, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए रविवार आधी रात से कुछ शर्तों के साथ राहत दी गई है। हालांकि, कोरोना प्रभावित हॉटस्पॉट और संक्रमित जोन में तीन मई तक कोई रियायत नहीं दी जाएगी। दिल्ली, तेलंगाना, पंजाब और महाराष्ट्र में सरकारों ने छूट देने से इनकार कर दिया है। तेलंगाना ने तो लॉकडाउन सात मई तक बढ़ा दिया। 

गृह मंत्रालय के नए दिशा-निर्देशों में प्रवासी मजदूरों को राज्य के भीतर ही रोजगार दिए जाने पर जोर है। अहम बात यह कि फसलों की बुआई, कटाई व बिक्री समेत खेती-किसानी व पशुपालन से जुड़े ज्यादातर कामकाज को मंजूरी दी गई है, ताकि कृषि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके। 

ग्रामीण इलाकों में लगीं औद्योगिक इकाइयों को भी सशर्त मंजूरी दी गई है। ढांचागत विकास की बुनियाद कहे जाने वाले कोयला व खनिज उत्पादन के साथ तेल व गैस रिफाइनरी को भी इजाजत दी गई है। सड़क-सिंचाई व अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का भी ख्याल रखा गया है। 

भारतीय रिजर्व बैंक, वित्तीय बाजार, बैंक, एटीएम व बैंकिंग कामकाज के लिए आईटी से जुडे़ कर्मियों को भी छूट दी गई है। बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांगों की सामाजिक सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है। इस बीच, एयर इंडिया ने सभी उड़ानों की अग्रिम बुकिंग बंद कर दी है। 

मजदूरों को राज्यों में ही रोजगार

  • कई जगह फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र ने  दिशा-निर्देश दिए हैं। मजदूरों को राज्य से बाहर जाने की इजाजत नहीं है। हालांकि, राज्य के भीतर ही कुछ शर्तों के साथ आवाजाही की छूट दी गई है। 
  • बड़े औद्योगिक परिसरों में मजदूरों को अंदर ही रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। 
  • मजदूरों को मनरेगा, उद्योग, कृषि, निर्माण में रोजगार देना चाहिए। 
  • 20 अप्रैल के बाद संक्रमण जोन के बाहर  काम की इजाजत मिल चुकी है, ऐसे में वहां कामगारों की जरूरत होगी। मजदूरों को अन्यत्र ले जाने के लिए कड़ी शर्तें लगाई हैं।

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सरकारी दफ्तर भी खुल जाएंगे




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