अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Updated Thu, 30 Apr 2020 08:00 AM IST
कोरोना से सीधी जंग लड़ रही भारतीय मूल की एक महिला डॉक्टर की आंखों में उस वक्त खुशी के आंसू आ गए, जब दुबई पुलिस के एक पुलिसकर्मी ने उन्हें सैल्यूट कर दिया। हैदराबाद की रहने वाली डॉ. आयशा सुल्ताना दुबई के अल अहली स्क्रीनिंग सेंटर में तैनात हैं।
मंगलवार रात वे काम खत्म कर दुबई शारजहां हाई-वे से घर लौट रही थीं तो पुलिस ने उनकी गाड़ी को रोका। पुलिस ने उनसे कागजात मांगने की बजाए महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर उन्हें उनके काम के लिए सैल्यूट किया तो उनकी आंखों में इस मान-सम्मान के लिए आंसू छलक गए।
पहले मैं घबरा गई थी
हैदराबाद निवासी डॉ. सुल्ताना बताती हैं कि जब पुलिस ने मुझे रोका तो मैं घबरा गई। वो गाड़ी के कागजात के साथ कर्फ्यू पास और वर्क परमिट दिखाने की तैयारी कर रही थीं। तभी बाहर खड़े पुलिसकर्मी ने सैल्यूट कर दिया। इसे देख वो भावुक हो गईं और रोने लगी। वे बताती हैं कि जब मेरे साथ ऐसा हुआ तो काम के बोझ से जो थकावट मेरे ऊपर थी वो पूरी तरह ठीक हो गई।
मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन
डॉक्टर ने ट्वीट किया, यूएई की नागरिक बनने के बाद से मेरी जिंदगी का ये सबसे बड़ा दिन है। मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मैं यहां के लोगों के लिए काम कर रही हूं। वे कहती हैं कि मैं उस पुलिसकर्मी को पहचान नहीं सकी क्योंकि उन्होंने मास्क पहन रखा था पर मैं उनका शुक्रिया अदा करती हूं।
कोरोना से सीधी जंग लड़ रही भारतीय मूल की एक महिला डॉक्टर की आंखों में उस वक्त खुशी के आंसू आ गए, जब दुबई पुलिस के एक पुलिसकर्मी ने उन्हें सैल्यूट कर दिया। हैदराबाद की रहने वाली डॉ. आयशा सुल्ताना दुबई के अल अहली स्क्रीनिंग सेंटर में तैनात हैं।
मंगलवार रात वे काम खत्म कर दुबई शारजहां हाई-वे से घर लौट रही थीं तो पुलिस ने उनकी गाड़ी को रोका। पुलिस ने उनसे कागजात मांगने की बजाए महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर उन्हें उनके काम के लिए सैल्यूट किया तो उनकी आंखों में इस मान-सम्मान के लिए आंसू छलक गए।
पहले मैं घबरा गई थी
हैदराबाद निवासी डॉ. सुल्ताना बताती हैं कि जब पुलिस ने मुझे रोका तो मैं घबरा गई। वो गाड़ी के कागजात के साथ कर्फ्यू पास और वर्क परमिट दिखाने की तैयारी कर रही थीं। तभी बाहर खड़े पुलिसकर्मी ने सैल्यूट कर दिया। इसे देख वो भावुक हो गईं और रोने लगी। वे बताती हैं कि जब मेरे साथ ऐसा हुआ तो काम के बोझ से जो थकावट मेरे ऊपर थी वो पूरी तरह ठीक हो गई।
मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन
डॉक्टर ने ट्वीट किया, यूएई की नागरिक बनने के बाद से मेरी जिंदगी का ये सबसे बड़ा दिन है। मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मैं यहां के लोगों के लिए काम कर रही हूं। वे कहती हैं कि मैं उस पुलिसकर्मी को पहचान नहीं सकी क्योंकि उन्होंने मास्क पहन रखा था पर मैं उनका शुक्रिया अदा करती हूं।
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