विश्व स्वास्थ्य संगठन
– फोटो : social media
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए इस दवा का समर्थन किया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने यहां तक कहा था कि वह मलेरियारोधी इस दवा को एहतियात के तौर पर स्वयं भी ले रहे हैं।
बहरहाल, इस संबंध में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहोम घेब्रेयस ने एक पत्रकार वार्ता में बताया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर अस्थायी रोक लगाई गई है। डाटा सुरक्षा निगरानी बोर्ड की ओर से इससे संबंधित अब तक प्राप्त हुए आंकड़ों का विश्लेषण और समीक्षा की जा रही है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने कहा कि पिछले सप्ताह लैंसेट में प्रकाशित एक शोध से यह बात सामने आई है कि जो लोग हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा ले रहे थे, उनमें हृदय संबंधी बीमारी का खतरा और यहां तक कि मृत्यु होने की आशंका बढ़ गई थी। यही वजह है कि वैश्विक स्तर पर इस दवा के इस्तेमाल पर फिलहाल अस्थायी रोक लगाई गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह अस्थायी रोक सिर्फ कोरोना के मरीजों को लेकर है, अन्य बीमारी के मामले इस दवा के इस्तेमाल संबंधी नियम पर इस रोक का कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के इलाज से जुड़े परीक्षण यथावत चलते रहेंगे। बता दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को अमेरिका में साल 1950 के मध्य में लाइसेंस दिया गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए इस दवा का समर्थन किया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने यहां तक कहा था कि वह मलेरियारोधी इस दवा को एहतियात के तौर पर स्वयं भी ले रहे हैं।
बहरहाल, इस संबंध में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहोम घेब्रेयस ने एक पत्रकार वार्ता में बताया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर अस्थायी रोक लगाई गई है। डाटा सुरक्षा निगरानी बोर्ड की ओर से इससे संबंधित अब तक प्राप्त हुए आंकड़ों का विश्लेषण और समीक्षा की जा रही है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने कहा कि पिछले सप्ताह लैंसेट में प्रकाशित एक शोध से यह बात सामने आई है कि जो लोग हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा ले रहे थे, उनमें हृदय संबंधी बीमारी का खतरा और यहां तक कि मृत्यु होने की आशंका बढ़ गई थी। यही वजह है कि वैश्विक स्तर पर इस दवा के इस्तेमाल पर फिलहाल अस्थायी रोक लगाई गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह अस्थायी रोक सिर्फ कोरोना के मरीजों को लेकर है, अन्य बीमारी के मामले इस दवा के इस्तेमाल संबंधी नियम पर इस रोक का कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के इलाज से जुड़े परीक्षण यथावत चलते रहेंगे। बता दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को अमेरिका में साल 1950 के मध्य में लाइसेंस दिया गया था।
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