Vizag Gas Leak: Heart Rending Scenes Of Gas Leak Victims At Various Hospitals In Vizag – Vizag Gas Leak: ‘इस बच्ची को कोई हॉस्पिटल में छोड़ गया, माता-पिता के बारे में पता नहीं’




विजाग गैस त्रासदी
– फोटो : पीटीआई

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जब नींद खुली तो पांच साल की उस मासूम बच्ची ने खुद को डॉक्टर्स और नर्स के बीच पाया। यह गोपालपट्टनम में 30 बिस्तरों वाला एक अस्पताल था। वह अब भी चारों ओर नजर घुमाकर इन अनजान लोगों को पहचानने की कोशिश कर रही थी। चिकित्साकर्मियों ने हालत सुधरती देख उसे बिस्तर पर बिठा दिया।

कोई उसे यहां लाया था। बिस्तर पर रखा और छोड़ दिया। हम नहीं जानते कि उसके माता-पिता कौन हैं या उसके रिश्तेदार कहां हैं। जब उसे यहां लाया गया तो उसकी हालत गंभीर थी। अब वह खतरे से बाहर है। एक महिला डॉक्टर अन्य मरीजों की देखभाल करते हुए बताती हैं।

दरअसल, गुरुवार सुबह आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एलजी पॉलिमर उद्योग से रासायनिक गैस लीक हो गई। ताजा जानकारी के मुताबिक 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हजारों लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। फिलहाल गैस के रिसाव पर काबू पा लिया गया है।

कई स्थानीय युवाओं ने मौके पर पहुंचकर बीमारों को अस्पताल पहुंचाया। कई दुखी बच्चों और अन्य लोगों को दोपहिया वाहनों से लगभग पांच किलोमीटर दूर सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा गया। गोपालपट्टनम के अस्तपाल में पहुंचाई गई वह पांच साल की मासूम बच्ची ऐसे ही किसी के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे सुरक्षित पहुंचाई गई होगी और फिर उसे वहां लाने वाला दूसरे लोगों को बचाने निकल गया। अस्पताल के बाहर एक युवक अपनी कलाई से बहते खून को रूमाल से रोकने का प्रयास कर रहा था।

‘मैंने, एक खिड़की को तोड़कर अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला, इस दौरान कांच से  मेरी कलाई में कट गई। अगर हमें कुछ देर पहले सूचना मिल जाती तो, शायद हम अधिकतम लोगों को बचा सकते थे। फिर बिना नाम बताए यह युवक अपनी चोट को भी नजरअंदाज करते हुए अन्य लोगों की मदद करने निकल पड़ा।

ऐसा ही कुछ ह्रदय विदारक नजार किंग जॉर्ज हॉस्पिटल में भी देखने को मिला, जहां अलग-अलग वॉर्ड्स में 100 से ज्यादा लोगों को भर्ती करवाया गया।

लगभग हर अस्पताल परिसर में एंबुलेंस, आंध्र प्रदेश परिवहन की बस, पुलिस की गाड़ियां जमा दिखीं। लॉकडाउन के बावजूद ऑटो वाले भी बीमारों को हॉस्पिटल पहुंचाने में जुटे रहे, ताकि किसी के प्राण पखेरु इलाज के अभाव में न उड़ जाए। 

पुलिस इंस्पेक्टर रघुवीर विष्णु ने बताया कि, ‘घरों और सड़कों के किनारे बेहोश पड़े लोगों को प्राथमिक उपचार दिलवाना हमारी पहली प्राथमिकता थी। बच्चे, बुढ़े अपने परिवार से अलग हो गए, बाद में उन्हें मिलाया भी जा सकता है, लेकिन जान नहीं लौटाई जा सकती।

दुर्घटना स्थल से करीब पांच किलोमीटर दूर अप्पयानगर स्थित श्री शिरडी साईं बाबा मंदिर के लाउड स्पीकर्स पर सुबह 9 बजे के करीब घोषणा की गई, जिसमें लोगों से गैस रिसाव के मद्देनजर घर के अंदर रहने के लिए कहा गया। मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने मृतकों के परिवार को एक-एक करोड़ की आर्थिक मदद का एलान किया है।

एलजी पॉलीमर प्लांट का स्वामित्व दक्षिण कोरिया की बैटरी निर्माता कंपनी एलजी केमिकल लिमिटेड के पास है जो कंपनी की वेबसाइट के अनुसार पॉलीस्टाइरीन का उत्पादन करती है। कंपनी इलेक्ट्रिक फैन ब्लेड, कप और कटलरी और मेकअप जैसे कॉस्मेटिक उत्पादों के लिए कंटेनर बनाने का काम करती है। प्लांट अपने उत्पादों को बनाने के लिए स्टाइरीन के कच्चे माल का उपयोग करता है। स्टाइरीन अत्यधिक ज्वलनशील होता है और जलने पर एक जहरीली गैस छोड़ता है। इस कंपनी की स्थापना 1961 में पॉलीस्टाइरीन और को-पॉलिमर्स का निर्माण करने के लिए हिंदुस्तान पॉलीमर्स के तौर पर हुई थी। 1978 में इसका यूबी समूह के मैक डॉवेल एंड कंपनी लिमिटेड के साथ विलय हो गया था। 1997 में कंपनी को एलजी केमिकल ने अपने कब्जे में ले लिया और इसका नाम बदलकर एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट लिमिटिड कर दिया गया। एलजी केमिकल की दक्षिण कोरिया में स्टाइरेनिक्स के कारोबार में बहुत मजबूत उपस्थिति है। कंपनी वर्तमान में भारत में पॉलीस्टाइरीन और विस्तार योग्य पॉलीस्टाइरीन के अग्रणी निर्माताओं में से एक है।

जब नींद खुली तो पांच साल की उस मासूम बच्ची ने खुद को डॉक्टर्स और नर्स के बीच पाया। यह गोपालपट्टनम में 30 बिस्तरों वाला एक अस्पताल था। वह अब भी चारों ओर नजर घुमाकर इन अनजान लोगों को पहचानने की कोशिश कर रही थी। चिकित्साकर्मियों ने हालत सुधरती देख उसे बिस्तर पर बिठा दिया।

कोई उसे यहां लाया था। बिस्तर पर रखा और छोड़ दिया। हम नहीं जानते कि उसके माता-पिता कौन हैं या उसके रिश्तेदार कहां हैं। जब उसे यहां लाया गया तो उसकी हालत गंभीर थी। अब वह खतरे से बाहर है। एक महिला डॉक्टर अन्य मरीजों की देखभाल करते हुए बताती हैं।

दरअसल, गुरुवार सुबह आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एलजी पॉलिमर उद्योग से रासायनिक गैस लीक हो गई। ताजा जानकारी के मुताबिक 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हजारों लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। फिलहाल गैस के रिसाव पर काबू पा लिया गया है।


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