Lockdown: Lockdown Extension In Nepal Till 7 May, Thousands Of Nepali Upset Which Stuck In India – Corona: नेपाल में सात मई तक लॉकडाउन, भारत में फंसे सैकड़ों नेपाली नागरिकों का इंतजार बढ़ा




राजेश देउपा, अमर उजाला, टनकपुर (चंपावत)
Updated Tue, 28 Apr 2020 12:29 AM IST

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पड़ोसी देश नेपाल ने सात मई तक लॉक डाउन बढ़ा दिया है। भारत-नेपाल सीमा भी नेपाल की ओर से सात मई तक सील रहेगी। ऐसे में भारतीय क्षेत्र में फंसे नेपाली नागरिकों को अपने वतन लौटने के लिए और इंतजार करना पड़ेगा। अकेले चंपावत जिले में 214 नेपाली नागरिक फंसे है, जो राहत कैंपों में ठहराए गए हैं।

भारत-नेपाल सीमा सील होने से नेपाल से लगे भारतीय सीमा क्षेत्रों में सैकड़ों नेपाली नागरिक फंसे हुए हैं। पिथौरागढ़ के धारचूला, झूलाघाट और चंपावत के बनबसा, टनकपुर सीमा के रास्ते नेपाल जाने के लिए पहुंचे सैकड़ों लोग यहां राहत कैंपों में रहकर अपने वतन लौटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

गत 23 अप्रैल को नेपाल के कंचनपुर के जिलाधिकारी नूरहरी खतिपड़ा, एसपी मुुकुंद मरासैनी और नेपाल सशस्त्र पुलिस के एसपी वीर बहादुर साहु सीमा के इस पार आकर राहत कैंपों में ठहरे नेपाली नागरिकों की व्यथा से रूबरू होकर लौटे तो उम्मीद थी कि नेपाल सरकार अपने नागरिकों को ले जाएगी। 

लेकिन नेपाल सरकार ने फिलहाल अपने नागरिकों को ले जाने से मना कर दिया है। इस बीच, कोरोना का संक्रमण बढ़ने से नेपाल सरकार ने अब लॉकडाउन सात मई तक बढ़ा दिया है।

सीमा पार से मिली जानकारी के मुताबिक, नेपाल में अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 52 पहुंच चुकी है और संक्रमित तीन जमातियों समेत 14 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि कोरोना से मौत का आंकड़ा अभी शून्य है।

सार

  • नेपाल में अब तक कोरोना से एक भी मौत नहीं, 52 ही मिले हैं पॉजिटिव
  • पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में सैकड़ों लोग रहे रहे हैं राहत शिविरों में

विस्तार

पड़ोसी देश नेपाल ने सात मई तक लॉक डाउन बढ़ा दिया है। भारत-नेपाल सीमा भी नेपाल की ओर से सात मई तक सील रहेगी। ऐसे में भारतीय क्षेत्र में फंसे नेपाली नागरिकों को अपने वतन लौटने के लिए और इंतजार करना पड़ेगा। अकेले चंपावत जिले में 214 नेपाली नागरिक फंसे है, जो राहत कैंपों में ठहराए गए हैं।

भारत-नेपाल सीमा सील होने से नेपाल से लगे भारतीय सीमा क्षेत्रों में सैकड़ों नेपाली नागरिक फंसे हुए हैं। पिथौरागढ़ के धारचूला, झूलाघाट और चंपावत के बनबसा, टनकपुर सीमा के रास्ते नेपाल जाने के लिए पहुंचे सैकड़ों लोग यहां राहत कैंपों में रहकर अपने वतन लौटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।




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