Handwara Encounter: Martyr Colonel Ashutosh Sharmas Wife Pallavi Said Will Not Shed Tears On Martyrdom, This Is Honor To Him – Handwara Encounter: शहीद कर्नल की पत्नी पल्लवी बोलीं- शहादत पर आंसू नहीं बहाऊंगी…ये उनके लिए सम्मान




हंदवाड़ा एन्काउंटर में शहीद आशुतोष शर्मा की पत्नी पल्लवी और बेटी।

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शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी पल्लवी ने भी हिम्मत दिखाते हुए कहा है कि पति की शहादत पर आंसू नहीं बहाऊंगी। उनकी कुर्बानी मेरे लिए और देश के लिए गर्व की बात है। मेरे आंसू उन्हें ठेस पहुंचाएंगे। बुजुर्ग मां की आंखें भी नम हैं पर बहादुर बेटे के सम्मान में आंसू बाहर नहीं निकले कि कहीं वो नाराज न हो जाए। पल्लवी ने बताया कि वर्दी ही आशुतोष का सपना थी और उनका संसार। उन्हें उसी पर गुमान था।

उन्होंने सरहद में घुसे आतांकियों के खिलाफ जो कुछ भी किया वो उनका फैसला था। मैं और मेरा पूरा परिवार उनके फैसले का सम्मान करता है और पूरे देश को भी यही करना चाहिए। वे हमेशा कहते थे कि ये देश ही उनका परिवार है और इसकी सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी।

अपने इसी ध्येय और वीरता को उन्होंने निभाया। मेरी आंखों में उन्हें अपने से दूर जाने का गम नहीं है। मुझे इस बात पर फक्र है कि मैं वीर आशुतोष की पत्नी हूं जिन्होंने देश की खातिर बहादुरी के साथ हंसते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी।

पापा ने कहा था बाद में बात करूंगा
बेटी तमन्ना जयश्री जयपुर के पेडीवाल स्कूल में छठी क्लास की छात्रा हैं। उन्हें भी मालूम था कि पापा से अब दोबारा बात नहीं हो पाएगी। नम आंखों से तमन्ना ने कहा कि एक मई को बात हुई थी तो पापा ने कहा था कि बाद में बात करूंगा..। इसके बाद तमन्ना के पास शब्द नहीं थे और होंठ कांप रहे थे लेकिन चेहरे पर पिता जैसी ही हिम्मत थी।

28 फरवरी को आखिरी मुलाकात
आशुतोष से मेरी आखिरी मुलाकात उधमपुर में 28 फरवरी को हुई थी। एक मई को उनसे फोन पर बात हुई थी। उनकी मौजूदगी का हमेशा रहेगा।

वो अपना धर्म निभा रहे थे
रात से ही लग रहा था कि कुछ अच्छा नहीं चल रहा है क्योंकि उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था। मैं समझ गई थी कि वो किसी ऑपरेशन में हैं।

मेजर अनुज सूद के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद ने ट्वीट किया, अनुज ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। यह उसकी ड्यूटी और जो उसे प्रशिक्षण दिया गया था, का हिस्सा था। मैं केवल उसकी पत्नी को लेकर दुखी हूं क्योंकि चार महीने पहले ही शादी हुई है। 

नायक राजेश : सात साल पहले फौज में आए
सरदूलगढ़ के गांव राजराणा निवासी राजेश कुमार की शहादत का समाचार सुनते ही गांव में शोक की लहर फैल गई। राजेश 7 साल पहले फौज में भर्ती हुए थे। परिवार में माता-पिता, दो भाई और दो बहनें हैं। पंजाब सरकार परिवार को दस लाख रुपये और सरकारी नौकरी देगी।

भनोली तहसील के मिरगांव निवासी लांसनायक दिनेश सिंह के शहीद होने की खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। मां तुलसी देवी बेसुध हो गईं तो पिता गोधन सिंह नि:शब्द। दिनेश दो बहनों के इकलौते भाई थे। एक विवाहित बहन का पहले ही निधन हो चुका है।

सब इंस्पेक्टर काजी : आतंकियों के काल थे
शहीद सब इंस्पेक्टर सगीर अहमद काजी आतंकियों के लिए काल से कम नहीं थे। वह जम्मू-कश्मीर पुलिस के आतंक विरोधी दल एसओजी का अहम हिस्सा रहे। उनको तीन आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिली और वह कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। उनका अपना एक नेटवर्क था।

शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी पल्लवी ने भी हिम्मत दिखाते हुए कहा है कि पति की शहादत पर आंसू नहीं बहाऊंगी। उनकी कुर्बानी मेरे लिए और देश के लिए गर्व की बात है। मेरे आंसू उन्हें ठेस पहुंचाएंगे। बुजुर्ग मां की आंखें भी नम हैं पर बहादुर बेटे के सम्मान में आंसू बाहर नहीं निकले कि कहीं वो नाराज न हो जाए। पल्लवी ने बताया कि वर्दी ही आशुतोष का सपना थी और उनका संसार। उन्हें उसी पर गुमान था।

उन्होंने सरहद में घुसे आतांकियों के खिलाफ जो कुछ भी किया वो उनका फैसला था। मैं और मेरा पूरा परिवार उनके फैसले का सम्मान करता है और पूरे देश को भी यही करना चाहिए। वे हमेशा कहते थे कि ये देश ही उनका परिवार है और इसकी सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी।

अपने इसी ध्येय और वीरता को उन्होंने निभाया। मेरी आंखों में उन्हें अपने से दूर जाने का गम नहीं है। मुझे इस बात पर फक्र है कि मैं वीर आशुतोष की पत्नी हूं जिन्होंने देश की खातिर बहादुरी के साथ हंसते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी।

पापा ने कहा था बाद में बात करूंगा
बेटी तमन्ना जयश्री जयपुर के पेडीवाल स्कूल में छठी क्लास की छात्रा हैं। उन्हें भी मालूम था कि पापा से अब दोबारा बात नहीं हो पाएगी। नम आंखों से तमन्ना ने कहा कि एक मई को बात हुई थी तो पापा ने कहा था कि बाद में बात करूंगा..। इसके बाद तमन्ना के पास शब्द नहीं थे और होंठ कांप रहे थे लेकिन चेहरे पर पिता जैसी ही हिम्मत थी।

28 फरवरी को आखिरी मुलाकात
आशुतोष से मेरी आखिरी मुलाकात उधमपुर में 28 फरवरी को हुई थी। एक मई को उनसे फोन पर बात हुई थी। उनकी मौजूदगी का हमेशा रहेगा।

वो अपना धर्म निभा रहे थे
रात से ही लग रहा था कि कुछ अच्छा नहीं चल रहा है क्योंकि उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था। मैं समझ गई थी कि वो किसी ऑपरेशन में हैं।


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