Coronavirus: More Than Thirty Thousand People Who Contacted With Jamati In Markaz Nizamuddin Are On Radar – जमातियों के संपर्क में आए पश्चिमी यूपी के 38 हजार लोग रडार पर, सर्विलांस से हो रही तलाश




निजामुद्दीन इलाके से जांच के लिए जाते लोग
– फोटो : एएनआई

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कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए सरकार युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है। इसके लिए अब यूपी एसटीएफ को भी काम पर लगा दिया गया है। एसटीएफ ने 27 मार्च को दिल्ली निजामुद्दीन मरकज के आसपास के मोबाइल टावरों के बेस ट्रांससीवर स्टेशन (बीटीएस) का डाटा उठाया है। इसमें तीन लाख से ज्यादा मोबाइल नंबरों की उस दिन की रनिंग लोकेशन मिली।

एसटीएफ ने इन सभी की आईडी की जांच करने के बाद वेस्ट यूपी के निकले मोबाइल नंबरों का रिकॉर्ड छांटा तो करीब 38 हजार लोगों का जमातियों से कहीं न कहीं संपर्क निकला। मेरठ जोन के आठ जिलों की बात करें तो इनमें से 14,342 लोगों को रडार पर लेकर इनकी तलाश की जा रही है।

कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रयास युद्धस्तर पर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा लॉकडाउन के दौरान लोगों से घरों में रहने और सोशल डिस्टेंस बनाए रखने की अपील की जा रही है। वहीं, निजामुद्दीन मरकज से निकले जमातियों की पूरे उत्तर प्रदेश में सरगर्मी से तलाश की जा रही है।

पश्चिमी यूपी के अलग-अलग जिलों में भी जमाती खोजे गए। इनमें से कई जमातियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद चिंता बढ़ गई। पुलिस के अनुसार जमातियों और उनके संपर्क में आए लोगों की सही संख्या की जानकारी के लिए यूपी एसटीएफ ने सर्विलांस की मदद ली। इसके लिए एसटीएफ ने निजामुद्दीन मरकज के आसपास के मोबाइल टावरों का बीटीएस डाटा जांच के लिए कब्जे में लिया।

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ऐसे चली जांच
बीटीएस डाटा में तीन लाख से भी अधिक लोगों के फोन नंबर आए। बड़े स्तर से इस पर काम शुरू कर इन सभी की आईडी निकलवाई गई। उसके बाद एसटीएफ ने यूपी के सभी जनपदों को इसकी सूची भेजी। पुलिस के मुताबिक वेस्ट यूपी में करीब 38 हजार लोगों को सर्च किया जा चुका है जिनका संपर्क निजामुद्दीन तबलीगी जमात से जुड़ रहा है।

इसमें वे लोग भी शामिल हैं, जो तबलीगी जमात से निकले जमातियों के कहीं ना कहीं संपर्क में आए थे। जमाती होटल में, रास्ते में रुके, खाना खाया या मस्जिद में रुके या फिर अपने रिश्तेदारों के यहां ठहरे। ये सभी लोग कोरोना संदिग्ध माने जा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इन सभी लोगों की जांच होना बेहद जरूरी हैं, जिससे कोरोना की चेन टूट सके।

मेरठ जोन का हाल

मेरठ जोन के 8 जनपदों की बात करें तो उनमें 14342 लोगों को सर्च किया जा रहा है। इसको लेकर एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, हापुड़, बुलंदशहर और गाजियाबाद जनपद में सर्विलांस टीमों और प्रत्येक जिले में गठित कोरोना सेल को भी इस मामले में लगाया है। इसकी रोजाना की रिपोर्ट शासन को जा रही है।

मेरठ जोन का आंकड़ा

जिला  तलाश  मिले
मेरठ     1825     1530
बागपत   1620   920
सहारनपुर 1935  1220
मुजफ्फरनगर 2435  1830
हापुड़     1943   1240
बुलंदशहर 1740    1320
गाजियाबाद 2168  1530
शामली    1580     1220

सार

  • 3 लाख से ज्यादा मोबाइल नंबर आए बीटीएस डाटा में
  • 14342 लोग खोजे जा रहे मेरठ जोन के आठ जिलों में
  • एसटीएफ ने 27 मार्च को निजामुद्दीन मरकज के आसपास मोबाइल टावरों का बीटीएस उठाया
  • बीटीएस में आए नंबरों की आईडी निकालकर संबंधित जिलों को भेजी
  • कोरोना वायरस चेन तोड़ने के लिए युद्धस्तर पर चल रहे प्रयास

विस्तार

कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए सरकार युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है। इसके लिए अब यूपी एसटीएफ को भी काम पर लगा दिया गया है। एसटीएफ ने 27 मार्च को दिल्ली निजामुद्दीन मरकज के आसपास के मोबाइल टावरों के बेस ट्रांससीवर स्टेशन (बीटीएस) का डाटा उठाया है। इसमें तीन लाख से ज्यादा मोबाइल नंबरों की उस दिन की रनिंग लोकेशन मिली।

एसटीएफ ने इन सभी की आईडी की जांच करने के बाद वेस्ट यूपी के निकले मोबाइल नंबरों का रिकॉर्ड छांटा तो करीब 38 हजार लोगों का जमातियों से कहीं न कहीं संपर्क निकला। मेरठ जोन के आठ जिलों की बात करें तो इनमें से 14,342 लोगों को रडार पर लेकर इनकी तलाश की जा रही है।

कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रयास युद्धस्तर पर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा लॉकडाउन के दौरान लोगों से घरों में रहने और सोशल डिस्टेंस बनाए रखने की अपील की जा रही है। वहीं, निजामुद्दीन मरकज से निकले जमातियों की पूरे उत्तर प्रदेश में सरगर्मी से तलाश की जा रही है।




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