कोविड-19 के इलाज में अभी तक सफल मानी जा रही प्लाज्मा थैरेपी की रविवार को लखनऊ में भी शुरुआत हो गई। केजीएमयू में उरई निवासी डॉक्टर को पहली डोज के रूप में 200 एमएल प्लाज्मा दिया गया है। डोनर बनीं राजधानी की पहली कोरोना संक्रमित महिला डॉक्टर। महिला डॉक्टर कोरोना से जंग जीतने के बाद घर लौट चुकी हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं।
लखनऊ से पहले सिर्फ दिल्ली में प्लाज्मा थैरेपी हुई है। दिल्ली में प्लाज्मा थैरेपी के बाद कई मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। उरई के जिस डॉक्टर की थैरेपी की गई, उन्हें शनिवार को संक्रमित होने के बाद केजीएमयू में भर्ती कराया गया।
रविवार को भी उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। सांस लेने में दिक्कत बढ़ने लगी। शरीर में ऑक्सीजन का स्तर गड़बड़ाने लगा। वेंटिलेटर पर भी स्थिति नियंत्रित नहीं हुई। हालत गंभीर देखकर प्लाज्मा थैरेपी का फैसला लिया गया।
जरूरत पड़ी तो दूसरी बार देंगे थैरेपी
केजीएमयू में शुक्रवार को रेजीडेंट डॉक्टर व एक अन्य व्यक्ति ने प्लाज्मा डोनेट किया था। दोनों का ब्लड ग्रुप ‘बी’ पॉजिटिव था, जबकि उरई के डॉक्टर का ‘ओ’ पॉजिटिव। तब कोरोना से ठीक होने वाली गोमतीनगर की महिला डॉक्टर को बुलाया गया।
महिला डॉक्टर ने 500 एमएल प्लाज्मा डोनेट किया। इसमें से 200 एमएल प्लाज्मा चढ़ाया गया। डॉ. डी. हिमांशु ने बताया कि पहली थैरेपी दी गई है। 2 दिन रिस्पांस देखने के बाद दूसरी थैरेपी दी जाएगी। उरई के डॉक्टर केजीएमयू के 1981 बैच के एमबीबीएस हैं।
बाकी प्लाज्मा रखा गया सुरक्षित
ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉक्टर तूलिका चंद्रा ने बताया कि बाकी प्लाज्मा 200 एमएल और 100 एमएल के बैग में सुरक्षित रखा गया है। इसमें डोनर से सीधे प्लाज्मा लिया जाता है और मरीज को चढ़ाया जाता है।
क्या है प्लाज्मा थैरेपी
कोविड-19 की चपेट से बाहर आए मरीजों के ब्लड से प्लाज्मा निकालकर दूसरे संक्रमितों को ठीक करने के लिए दिया जाता है। दरअसल, ठीक हो चुके लोगों में ऐसा एंटीबॉडी विकसित हो जाता है जो वायरस से लड़ता है। इस एंटीबॉडी का उपयोग दूसरे रोगी के लिए भी किया जाता है।
सीएम योगी ने कहा- प्लाज्मा थैरेपी को बढ़ाएं, इसके अच्छे परिणाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थैरेपी को बढ़ावा देना चाहिए। इसके अच्छे परिणाम मिले हैं।
सार
- केजीएमयू में उरई के डॉक्टर को दी थैरेपी
- राजधानी की पहली संक्रमित महिला डॉक्टर बनीं डोनर
- दिल्ली में पहली बार हुई थी थैरेपी
- स्वस्थ हो चुके हैं कोरोना मरीज, लखनऊ बना दूसरा शहर
विस्तार
कोविड-19 के इलाज में अभी तक सफल मानी जा रही प्लाज्मा थैरेपी की रविवार को लखनऊ में भी शुरुआत हो गई। केजीएमयू में उरई निवासी डॉक्टर को पहली डोज के रूप में 200 एमएल प्लाज्मा दिया गया है। डोनर बनीं राजधानी की पहली कोरोना संक्रमित महिला डॉक्टर। महिला डॉक्टर कोरोना से जंग जीतने के बाद घर लौट चुकी हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं।
लखनऊ से पहले सिर्फ दिल्ली में प्लाज्मा थैरेपी हुई है। दिल्ली में प्लाज्मा थैरेपी के बाद कई मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। उरई के जिस डॉक्टर की थैरेपी की गई, उन्हें शनिवार को संक्रमित होने के बाद केजीएमयू में भर्ती कराया गया।
रविवार को भी उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। सांस लेने में दिक्कत बढ़ने लगी। शरीर में ऑक्सीजन का स्तर गड़बड़ाने लगा। वेंटिलेटर पर भी स्थिति नियंत्रित नहीं हुई। हालत गंभीर देखकर प्लाज्मा थैरेपी का फैसला लिया गया।
जरूरत पड़ी तो दूसरी बार देंगे थैरेपी
केजीएमयू में शुक्रवार को रेजीडेंट डॉक्टर व एक अन्य व्यक्ति ने प्लाज्मा डोनेट किया था। दोनों का ब्लड ग्रुप ‘बी’ पॉजिटिव था, जबकि उरई के डॉक्टर का ‘ओ’ पॉजिटिव। तब कोरोना से ठीक होने वाली गोमतीनगर की महिला डॉक्टर को बुलाया गया।
महिला डॉक्टर ने 500 एमएल प्लाज्मा डोनेट किया। इसमें से 200 एमएल प्लाज्मा चढ़ाया गया। डॉ. डी. हिमांशु ने बताया कि पहली थैरेपी दी गई है। 2 दिन रिस्पांस देखने के बाद दूसरी थैरेपी दी जाएगी। उरई के डॉक्टर केजीएमयू के 1981 बैच के एमबीबीएस हैं।
बाकी प्लाज्मा रखा गया सुरक्षित
ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉक्टर तूलिका चंद्रा ने बताया कि बाकी प्लाज्मा 200 एमएल और 100 एमएल के बैग में सुरक्षित रखा गया है। इसमें डोनर से सीधे प्लाज्मा लिया जाता है और मरीज को चढ़ाया जाता है।
क्या है प्लाज्मा थैरेपी
कोविड-19 की चपेट से बाहर आए मरीजों के ब्लड से प्लाज्मा निकालकर दूसरे संक्रमितों को ठीक करने के लिए दिया जाता है। दरअसल, ठीक हो चुके लोगों में ऐसा एंटीबॉडी विकसित हो जाता है जो वायरस से लड़ता है। इस एंटीबॉडी का उपयोग दूसरे रोगी के लिए भी किया जाता है।
सीएम योगी ने कहा- प्लाज्मा थैरेपी को बढ़ाएं, इसके अच्छे परिणाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थैरेपी को बढ़ावा देना चाहिए। इसके अच्छे परिणाम मिले हैं।
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