Maharashtra Cabinet Meeting Decided To Recommend To The Governor To Appoint Cm Uddhav Thackeray As An Mlc – महाराष्ट्र : एमएलसी के लिए कैबिनेट ने राज्यपाल के पास दूसरी बार भेजा उद्धव का नाम




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Mon, 27 Apr 2020 08:24 PM IST

उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
– फोटो : पीटीआई

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महाराष्ट्र में सोमवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में राज्य के एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) के लिए राज्यपाल के पास मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम की सिफारिश करने का फैसला किया गया। कैबिनेट द्वारा सर्वसम्मति से भेजी गई यह दूसरी सिफारिश है। बैठक की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने की। 

बता दें कि भाजपा उद्धव ठाकरे को एमएलसी मनोनीत करने के खिलाफ रही है। भाजपा नेता चंद्रकांत पाटील ने कहा था कि उद्धव को एमएलसी बनाने के पीछे कई कानूनी अड़चनें हैं। इस पर शिवसेना ने कहा था कि यह सिफारिश संविधान सम्मत है, महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों में ऐसा हुआ है।

क्या है उद्धव के सामने संकट

28 नवंबर 2019 को उद्धव ठाकरे ने जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, उसी समय राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि छह महीने के अंदर विधानमंडल के किसी भी सदन का सदस्य होना आवश्यक है। दरअसल संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के तहत किसी भी मंत्री या मुख्यमंत्री को छह महीने के अंदर विधानसभा अथवा विधान परिषद का सदस्य बनना आवश्यक है।

आगामी 27 मई को उद्धव को मुख्यमंत्री बने छह महीने पूरे हो जाएंगे, लेकिन वे अभी तक किसी सदन के सदस्य नहीं बन पाए हैं। मौजूदा समय में कोरोना महामारी के चलते चुनाव आयोग ने अनिश्चितकाल के लिए सभी तरह के चुनाव रद्द कर दिए हैं। ऐसी परिस्थिति में महाराष्ट्र में राजनीतिक असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

क्या है विकल्प

महाराष्ट्र में विधान परिषद के नौ पद रिक्त हैं। यदि तीन मई तक कोरोना वायरस का संकट थम जाता है और लॉकडाउन खत्म हो जाता है तो संभव है कि इन सीटों के लिए चुनाव हों। यदि 15 दिन में चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर 28 मई से पहले विधानपरिषद चुनाव के नतीजे घोषित हो जाएं तो उद्धव ठाकरे चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रह सकते हैं।

दूसरा विकल्प यह है कि राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाने वाले 12 सदस्यों में से रिक्त दो में से एक पद पर राज्यपाल उद्धव ठाकरे को एमएलसी मनीनीत कर दें। तीसरा विकल्प है, उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर कुछ दिन बाद फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लें।

महाराष्ट्र में सोमवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में राज्य के एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) के लिए राज्यपाल के पास मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम की सिफारिश करने का फैसला किया गया। कैबिनेट द्वारा सर्वसम्मति से भेजी गई यह दूसरी सिफारिश है। बैठक की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने की। 

बता दें कि भाजपा उद्धव ठाकरे को एमएलसी मनोनीत करने के खिलाफ रही है। भाजपा नेता चंद्रकांत पाटील ने कहा था कि उद्धव को एमएलसी बनाने के पीछे कई कानूनी अड़चनें हैं। इस पर शिवसेना ने कहा था कि यह सिफारिश संविधान सम्मत है, महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों में ऐसा हुआ है।

क्या है उद्धव के सामने संकट

28 नवंबर 2019 को उद्धव ठाकरे ने जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, उसी समय राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि छह महीने के अंदर विधानमंडल के किसी भी सदन का सदस्य होना आवश्यक है। दरअसल संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के तहत किसी भी मंत्री या मुख्यमंत्री को छह महीने के अंदर विधानसभा अथवा विधान परिषद का सदस्य बनना आवश्यक है।

आगामी 27 मई को उद्धव को मुख्यमंत्री बने छह महीने पूरे हो जाएंगे, लेकिन वे अभी तक किसी सदन के सदस्य नहीं बन पाए हैं। मौजूदा समय में कोरोना महामारी के चलते चुनाव आयोग ने अनिश्चितकाल के लिए सभी तरह के चुनाव रद्द कर दिए हैं। ऐसी परिस्थिति में महाराष्ट्र में राजनीतिक असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

क्या है विकल्प

महाराष्ट्र में विधान परिषद के नौ पद रिक्त हैं। यदि तीन मई तक कोरोना वायरस का संकट थम जाता है और लॉकडाउन खत्म हो जाता है तो संभव है कि इन सीटों के लिए चुनाव हों। यदि 15 दिन में चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर 28 मई से पहले विधानपरिषद चुनाव के नतीजे घोषित हो जाएं तो उद्धव ठाकरे चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रह सकते हैं।

दूसरा विकल्प यह है कि राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाने वाले 12 सदस्यों में से रिक्त दो में से एक पद पर राज्यपाल उद्धव ठाकरे को एमएलसी मनीनीत कर दें। तीसरा विकल्प है, उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर कुछ दिन बाद फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लें।




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