मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला
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इंदौरः टाटपट्टी बाखल में स्वास्थ्य कर्मियों ने पौधे वितरित किए
मध्य प्रदेश के इंदौर के टाटपट्टी बाखल में स्वास्थ्य कर्मियों ने पौधे वितरित किए। गौरतलब है कि इसी टाटपट्टी बाखल में एक अप्रैल को स्थानीय लोगों ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव किया था। इनमें दो महिला डॉक्टर भी शामिल थीं। हालांकि, एक दिन बाद ही एक दो अप्रैल को वे सभी स्क्रीनिंग सेवाओं के लिए लौट गए थे।
कोरोना के बढ़ते मामले को देख इंदौर पहुंचा केंद्रीय दल
मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। शहर में बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्रीय दल इंदौर आया हुआ है। केंद्रीय दल भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की रेसीडेंसी में बैठक की। इस दौरान इंदौर के हालात को लेकर चर्चा हुई।
इंदौर में पिछले 24 घंटे में 18 नए मामले
वहीं, इंदौर में एक महीने से भी कम वक्त में इस महामारी के मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 915 पर पहुंच गया है, जबकि इनकी मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बनी हुई है। इस बीच, हालात की समीक्षा के लिए केंद्र सरकार के भेजे गये एक दल ने स्थानीय प्रशासन को लॉकडाउन को सख्ती से लागू कराने के निर्देश दिए हैं। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जडिया ने मंगलवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान जिले के 18 और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके बाद जिले में इनकी कुल तादाद 897 से बढ़कर 915 पर पहुंच गई है।
उन्होंने बताया कि जिले में कोविड-19 से संक्रमित 52 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि इस महामारी के 71 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। आंकड़ों की गणना के मुताबिक जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर मंगलवार सुबह तक की स्थिति में 5.68 प्रतिशत थी। जिले में इस महामारी के मरीजों की मृत्यु दर पिछले कई दिन से राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा बनी हुई है।
इस बीच, कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए हालात की समीक्षा के मकसद से केंद्र सरकार ने अतिरिक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी की अगुवाई में पांच सदस्यीय दल को इंदौर भेजा है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय दल ने जिले में इस महामारी के प्रकोप से निपटने के लिए अलग-अलग सरकारी विभागों के समन्वित प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया है। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन से कहा गया है कि वह जिले में लागू कर्फ्यू का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराएं।
केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि इंदौर देश के उन स्थानों में शामिल है जहां कोविड-19 को लेकर हालात विशेष रूप से गंभीर हैं और लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन से कोरोना वायरस के और फैलने का खतरा है। इंदौर को सूबे की आर्थिक और वाणिज्यिक राजधानी कहा जाता है। लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण तमाम उद्योग-धंधे ठप हैं।
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