Corona Virus In Up Body Of Corona Positive 20 Hours Lying In Hospital In Moradabad – यूपी: कौन लेकर जाए कोरोना संक्रमित का शव, दो डीएम उलझे, 20 घंटे पड़ा रहा




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इसे कोरोना का खौफ ही कहेंगे कि यूपी के रामपुर के टांडा निवासी 75 वर्षीय कारोबारी का शव नियमों को लेकर दो जिलों को डीएम के आमने-सामने आने पर लगभग 20 घंटे तक टीएमयू अस्पताल में पड़ा रहा।  कारोबारी ने कोरोना वायरस की चपेट में आकर रविवार को दम तोड़ दिया था। 

सोमवार की रात लगभग 11 बजे आई रिपोर्ट में उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया। रामपुर के जिला अधिकारी का कहना था कि कारोबारी की मौत मुरादाबाद में हुई है। लिहाजा डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के अनुसार वहां के प्रशासन को शव को भिजवाने का इंतजाम करना चाहिए। 

उधर, मुरादाबाद के डीएम राकेश कुमार सिंह का कहना था कि गाइडलाइंस के मुताबिक जिस जिले का शव होगा वहां के अधिकारी द्वारा गृह जनपद तक ले जाने के लिए अधिकारी नामित किया जाना था। रामपुर से शव ले जाने के लिए किसी भी अधिकारी को अधिकृत नहीं किया गया था। 

अंतिम संस्कार में सावधानियां बरतने का निर्देश हैं जिसकी जिम्मेदारी संबंधित मजिस्ट्रेट और पुलिस की होती है। दोनों डीएम के आमने-सामने आने की वजह से शव अस्पताल में ही पड़ा रहा। रात लगभग साढ़े सात बजे बनी सहमति बनी और मुरादाबाद प्रशासन ने शव को रामपुर की सीमा तक पुलिस सुरक्षा में भिजवाया।

वहां से रामपुर पुलिस की सुरक्षा में शव को टांडा लाकर लगभग साढ़े आठ बजे दफनाया गया। दरअसल टांडा के एक बुजुर्ग कारोबारी को सांस संबंधी पुरानी दिक्कत थी। कुछ दिन पहले उनकी दिक्कत और बढ़ गई थी तो उनके परिजन उनको मुरादाबाद के एक निजी चिकित्सक के पास ले गए। चिकित्सक ने उनको टीएमयू मेडिकल कॉलेज जाने की सलाह दी। 
कारोबारी वहां पहुंचे तो डॉक्टरों ने वहां उनको शुक्रवार को भर्ती कर लिया था। कोरोना जैसे लक्षण लेकर उनके सैंपल भी जांच को भेज दिए थे। इलाज के दौरान ही उनकी रविवार की रात मौत हो गई। उनकी कोरोना की रिपोर्ट नहीं आई थी, लिहाजा परिजनों को शव नहीं सौंपा गया। सोमवार की रात रिपोर्ट आई जिसमें उनको कोरोना पॉजिटिव बताया गया।

उनके कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद से ही कारोबारी के शव को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के गाइड लाइन के मुताबिक उनके गृह नगर भेजे जाने की कवायद शुरू की गई। डब्लूएचओ की गाइड लाइन के मुताबिक एंबुलेंस मंगा ली गई, अन्य व्यवस्था भी कर ली गई। 

बाद में मुरादाबाद के अधिकारियों ने यह कहना शुरू कर दिया कि रामपुर की पुलिस आई एंबुलेंस को अपनी सुरक्षा में ले जाए। रामपुर की पुलिस कहने लगी कि हम वहां पर क्यों आएं, आप हमारे जिले की सीमा तक एंबुलेंस को छोड़कर जाइए, इसके बाद हमारी जिम्मेदारी। इसी बात को लेकर दिन भर रस्साकशी चलती रही। आखिरकार मंगलवार को इसी बात पर सहमति भी बनी। मुरादाबाद की पुलिस रामपुर की सीमा तक एंबुलेंस को छोड़ कर गई और इसके बाद रामपुर की पुलिस उसे टांडा तक लेकर आई। 
 

इस मामले में लिखा-पढ़ी और सीमा विवाद का तो मतलब ही नहीं बनता है। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस तो यही कहती है कि जिस जनपद के अंदर जो मामला मिलेगा, जिम्मेदारी उसी की होगी। चाहे व्यक्ति कहीं का भी रहने वाला हो। सबको इसी गाइडलाइन पर अमल करना चाहिए।– आंजनेय कुमार सिंह, जिला अधिकारी, रामपुर

मुरादाबाद से शव वाहन से शव भेजा गया है। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार कारोबारी की मौत मुरादाबाद जिले से जुड़ेगी। जिस जिले का मृतक होगा वहां के अधिकारी को नामित किया जाना था।  गाइडलाइन का पालन करते हुए अपनी एंबुलेंस से शव को रामपुर सीमा तक भिजवाया। मृतक के बेटों को भी एंबुलेंस मुहैया कराई गई।-राकेश कुमार सिंह, जिला अधिकारी, मुरादाबाद

इसे कोरोना का खौफ ही कहेंगे कि यूपी के रामपुर के टांडा निवासी 75 वर्षीय कारोबारी का शव नियमों को लेकर दो जिलों को डीएम के आमने-सामने आने पर लगभग 20 घंटे तक टीएमयू अस्पताल में पड़ा रहा।  कारोबारी ने कोरोना वायरस की चपेट में आकर रविवार को दम तोड़ दिया था। 

सोमवार की रात लगभग 11 बजे आई रिपोर्ट में उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया। रामपुर के जिला अधिकारी का कहना था कि कारोबारी की मौत मुरादाबाद में हुई है। लिहाजा डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के अनुसार वहां के प्रशासन को शव को भिजवाने का इंतजाम करना चाहिए। 

उधर, मुरादाबाद के डीएम राकेश कुमार सिंह का कहना था कि गाइडलाइंस के मुताबिक जिस जिले का शव होगा वहां के अधिकारी द्वारा गृह जनपद तक ले जाने के लिए अधिकारी नामित किया जाना था। रामपुर से शव ले जाने के लिए किसी भी अधिकारी को अधिकृत नहीं किया गया था। 

अंतिम संस्कार में सावधानियां बरतने का निर्देश हैं जिसकी जिम्मेदारी संबंधित मजिस्ट्रेट और पुलिस की होती है। दोनों डीएम के आमने-सामने आने की वजह से शव अस्पताल में ही पड़ा रहा। रात लगभग साढ़े सात बजे बनी सहमति बनी और मुरादाबाद प्रशासन ने शव को रामपुर की सीमा तक पुलिस सुरक्षा में भिजवाया।




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