Army In Kashmir Doing Positive Work For Common People – घाटी में सेना आतंक पर प्रहार के साथ लॉकडाउन में अवाम को तनाव से भी उबार रही




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कश्मीर घाटी में सेना न केवल सरहद की रक्षा तथा आतंक पर प्रहार कर रही है, बल्कि कोरोना व लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति में बेहतर तनाव प्रबंधन में भी मुस्तैदी से जुटी हुई है। अवाम को तनाव से दूर रहने के टिप्स देकर सशक्त समाज और सशक्त भारत की परिकल्पना को भी साकार कर रही है। 

सेना की ओर से ऐसी ही पहल कश्मीर के बडगाम जिले में की गई है। आर्मी गुडविल स्कूल हांजिक के शिक्षकों तथा स्टाफ को ऑनलाइन तनाव प्रबंधन की जानकारी दी गई। ऑनलाइन सेशन में उन्हें तनाव को पहचानने के लिए एक फार्म भी उपलब्ध कराया गया। इसमें तनाव से जुड़े सभी लक्षणों का उल्लेख किया गया है। 

यदि किसी की पाचन क्रिया प्रभावित है, जल्दी गुस्सा आ जाता हो, ज्यादा नींद आती हो, हर वक्त थकावट महसूस होता हो, एकाग्र नहीं होना, टीवी ज्यादा देखना, सिरदर्द तथा दूसरे से घुलने-मिलने में दिक्कतें आ रही हों तो यह सब तनाव के लक्षण हैं। बताया गया कि ऐसे लक्षणों को पहचानने के बाद उन्हें तनाव को दूर करना है। उन्हें बताया गया कि एक्सरसाइज, संगीत तथा अध्यात्म से तनाव को कम किया जा सकता है। साथ ही अपनी हॉबी पर फोकस करें। अपनी आदतों तथा व्यवहार में बदलाव लाकर तनाव पर जीत हासिल की जा सकती है। 

महिलाओं को सशक्त बनाने तथा सपनों को हासिल करने का भी पाठ पढ़ाया
सेना ने कश्मीर घाटी में महिलाओं को सशक्त बनाने का भी बीड़ा उठाया है। महिलाओं को सशक्तीकरण का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है ताकि लॉकडाउन का मजबूती से मुकाबला करते हुए वे अपने सपनों को हासिल कर सकें। लॉकडाउन के बीच सुई धागा से किए जाने वाले कामों के जरिये ही अपनी मंजिल पाने को प्रेरित किया गया। बडगाम जिले में वीमेन इम्पावरमेंट सेंटर की महिलाओं को राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने वाली रुमा देवी ने अपनी सफलता की कहानी सुनाई। साथ ही उन्हें बताया कि लगन व मेहनत से खुद सफलता की पटकथा लिखी जा सकती है। कश्मीर घाटी की पारंपरिक परिधानों का देशभर में अच्छा मार्केट हो सकता है बस केवल उसे बाजार अनुरूप ढालना है।

सार

  • आर्मी गुडविल स्कूल के टीचर और स्टाफ को ऑनलाइन दिए तनाव से बचने के टिप्स

विस्तार

कश्मीर घाटी में सेना न केवल सरहद की रक्षा तथा आतंक पर प्रहार कर रही है, बल्कि कोरोना व लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति में बेहतर तनाव प्रबंधन में भी मुस्तैदी से जुटी हुई है। अवाम को तनाव से दूर रहने के टिप्स देकर सशक्त समाज और सशक्त भारत की परिकल्पना को भी साकार कर रही है। 

सेना की ओर से ऐसी ही पहल कश्मीर के बडगाम जिले में की गई है। आर्मी गुडविल स्कूल हांजिक के शिक्षकों तथा स्टाफ को ऑनलाइन तनाव प्रबंधन की जानकारी दी गई। ऑनलाइन सेशन में उन्हें तनाव को पहचानने के लिए एक फार्म भी उपलब्ध कराया गया। इसमें तनाव से जुड़े सभी लक्षणों का उल्लेख किया गया है। 

यदि किसी की पाचन क्रिया प्रभावित है, जल्दी गुस्सा आ जाता हो, ज्यादा नींद आती हो, हर वक्त थकावट महसूस होता हो, एकाग्र नहीं होना, टीवी ज्यादा देखना, सिरदर्द तथा दूसरे से घुलने-मिलने में दिक्कतें आ रही हों तो यह सब तनाव के लक्षण हैं। बताया गया कि ऐसे लक्षणों को पहचानने के बाद उन्हें तनाव को दूर करना है। उन्हें बताया गया कि एक्सरसाइज, संगीत तथा अध्यात्म से तनाव को कम किया जा सकता है। साथ ही अपनी हॉबी पर फोकस करें। अपनी आदतों तथा व्यवहार में बदलाव लाकर तनाव पर जीत हासिल की जा सकती है। 

महिलाओं को सशक्त बनाने तथा सपनों को हासिल करने का भी पाठ पढ़ाया
सेना ने कश्मीर घाटी में महिलाओं को सशक्त बनाने का भी बीड़ा उठाया है। महिलाओं को सशक्तीकरण का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है ताकि लॉकडाउन का मजबूती से मुकाबला करते हुए वे अपने सपनों को हासिल कर सकें। लॉकडाउन के बीच सुई धागा से किए जाने वाले कामों के जरिये ही अपनी मंजिल पाने को प्रेरित किया गया। बडगाम जिले में वीमेन इम्पावरमेंट सेंटर की महिलाओं को राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने वाली रुमा देवी ने अपनी सफलता की कहानी सुनाई। साथ ही उन्हें बताया कि लगन व मेहनत से खुद सफलता की पटकथा लिखी जा सकती है। कश्मीर घाटी की पारंपरिक परिधानों का देशभर में अच्छा मार्केट हो सकता है बस केवल उसे बाजार अनुरूप ढालना है।




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