बता दें कि देश में टिड्डी दलों का पिछले 26 सालों में यह सबसे जबरदस्त हमला है। फसलों और हरियाली को खा जाने वाले ये कीट राजस्थान के रास्ते घुसने के बाद पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश तक फैल चुके हैं।
नागरिक उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) ने इसके चलते सभी एयरलाइंस को एक सर्कुलर जारी किया है। डीजीसीए ने कहा, हालांकि अकेली टिड्डी बेहद छोटे आकार की होती है, लेकिन बड़ी संख्या में वे विंडशील्ड से टकराकर पायलट के आगे देखने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। यह स्थिति विमान के उतरने, उड़ने और पार्किंग-बे में जाने के दौरान गंभीर चिंता का मुद्दा है। डीजीसीए ने पायलटों को विंडशील्ड से टिड्डियों के टकराने पर बनी गंदगी को वाइपर से नहीं हटाने की सलाह दी है। डीजीसीए का कहना है कि इससे गंदगी ज्यादा बड़ी जगह में फैलकर विजन को खत्म कर सकती है।
डीजीसीए ने एयरपोर्ट पर टिड्डी दलों की मौजूदगी की स्थिति में एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों को इसकी सूचना सभी आने और जाने वाले विमानों के साथ साझा करने का निर्देश दिया है। पायलटों को भी विमान उड़ाते समय टिड्डी दल दिखाई देते ही अलर्ट जारी करने को कहा गया है।
रात की उड़ानों में खतरा कम
डीजीसीए का कहना है कि टिड्डी दलों से रात की उड़ानों में विमान को खतरा पहुंचने की संभावना बेहद कम होती है, क्योंकि रात को वे अधिकतर निष्क्रिय हो जाते हैं। लेकिन डीजीसीए ने इस दौरान एयरपोर्ट पर पार्किंग में खड़े विमानों को टिड्डी दलों से खतरा होने की बात कही है। इसी कारण ग्राउंड हैंडलिग एजेंसियों को विमान के सभी एयर इनलेट और प्रॉब्स को कवर करके रखने को कहा गया है।
टिड्डी हमले को लेकर एनजीटी में याचिका दाखिल
वहीं, दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में टिड्डी दलों के हमले के खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में एक याचिका दाखिल की गई है। एक एनजीओ की तरफ से दाखिल याचिका में केंद्र सरकार को हालात से निपटने के लिए एक आपात योजना लागू करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।
महाराष्ट्र कृषि विवि ने बताए नियंत्रण के तरीके
देश के कई राज्यों में टिड्डी दलों के हमले के कारण फसलों की खराब हालात के बीच महाराष्ट्र के वसंतराव नाइक कृषि विश्वविद्यालय ने उनके अंडे फोड़ने और नीम के तेल का स्प्रे सभी फसलों पर करने की सलाह किसानों को दी है। मराठवाड़ा के पाराभणा स्थित कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कहा, टिड्डी दलों पर काबू पाने के लिए 60 सेंटीमीटर चौड़े और 75 सेंटीमीटर लंबे गड्ढे खोदने, उनके अंडे नष्ट करने और खड़ी हुई फसलों पर नीम के तेल का छिड़काव करने से उन पर काबू पाया जा सकता है। विश्वविद्यालय के कृषि एन्टोमॉलोजी विभाग ने किसानों के लिए गाइडलाइंस का पूरा सेट जारी किया है।