Awanish Awasthi, Uttar Pradesh Additional Chief Secretary (Home) writes to Congress leader Priyanka Gandhi Vadra accepting her proposal to deploy 1000 buses for migrants. Seeks details of 1000 buses & drivers without delay. pic.twitter.com/6PrtlMQtYb
— ANI UP (@ANINewsUP) May 18, 2020
वहीं, गाजियाबाद से आज मजदूरों को लेकर छह ट्रेनें रवाना होने वाली हैं। इनमें यूपी के तीन रूट पर जाने वाली ट्रेनों के लिए श्रमिक कविनगर रामलीला मैदान में जुटे हैं, जबकि बिहार जाने वाली तीन ट्रेनों के लिए श्रमिक घंटाघर रामलीला मैदान में एकत्र हुए हैं। इन दोनों ही जगहों पर श्रमिकों की संख्या हजारों में हैं।
इस मुद्दे पर प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार पर मदद न लेने का आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट किया-
प्रवासी मजदूरों की भारी संख्या घर जाने के लिए गाजियाबाद के रामलीला मैदान में जुटी है। यूपी सरकार से कोई व्यवस्था ढंग से नहीं हो पाती। यदि एक महीने पहले इसी व्यवस्था को सुचारू रूप से किया जाता तो श्रमिकों को इतनी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती।
कल हमने 1000 बसों का सहयोग देने की ..1/2 pic.twitter.com/06N47gg94T
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 18, 2020
उन्होंने ट्वीट किया, ‘बसों को उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर लाकर खड़ा किया तो यूपी सरकार को राजनीति सूझती रही और हमें परमिशन तक नहीं दी। विपदा के मारे लोगों को कोई सहूलियत देने के लिए सरकार न तो तैयार है और कोई मदद दे तो उससे इंकार है।’
रविवार को भी प्रियंका ने किया था मुख्यमंत्री से निवेदन
रविवार को प्रियंका गांधी ने इसी मामले को लेकर दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों की संख्या में राष्ट्र निर्माता श्रमिक और प्रवासी भाई-बहन धूप में पैदल चल रहे हैं। मुख्यमंत्री इसकी परमिशन दें। हम अपने भाइयों और बहनों की मदद करना चाहते हैं।
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, मैं आपसे निवेदन कर रही हूँ, ये राजनीति का वक्त नहीं है। हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई बहन बिना खाये पिये, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। हमें इनकी मदद करने दीजिए। हमारी बसों को परमीशन दीजिए। pic.twitter.com/K2ldjDaSRd
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 17, 2020
जबकि दूसरे ट्वीट में उन्होंने एक वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि ये राजनीति का वक्त नहीं है। हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई बहन बिना खाए पिए, पैदल दुनियाभर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। हमें इनकी मदद करने दीजिए। हमारी बसों को परमिशन दीजिए।