Corona Effect, Government Will Bring Two Ordinances To Improve Agriculture – कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए दो अध्यादेश लाएगी सरकार, किसानों को मिलेंगे ये फायदे




हिमांशु मिश्र, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 18 May 2020 05:11 AM IST

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कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए मोदी सरकार जल्द ही दो अध्यादेश लाएगी। इनके जरिए नए केंद्रीय कानून के तहत किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की छूट मिलेगी। जबकि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन कर उपज की स्टॉक सीमा को खत्म कर दिया जाएगा। केंद्रीय कानून को लेकर राज्यों से टकराव की स्थिति का सामना करने की भी तैयारी कर ली है।

सूत्रों के मुताबिक कृषि मंत्रालय को जल्द से जल्द अध्यादेश संबंधी औपचारिकता पूरी करने के लिए कहा गया है। जिससे अध्यादेशों पर बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में ही मुहर लगाई जा सके। एक मंत्री के मुताबिक जाहिर तौर पर राज्य का विषय होने के कारण केंद्रीय कानून पर विवाद हो सकता है।

मगर किसानों के व्यापक हित में हम इस स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। वैसे भी चूंकि दोनों अध्यादेशों से किसानों को सीधा लाभ होगा, ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि राज्यों की ओर से इसका विरोध नहीं होगा। अध्यादेशों पर छह महीने के अंदर संसद की मंजूरी लेनी होती है। संसद में पारित कानून को ही सांविधानिक रूप से प्रभावी माना जाता है। वैसे मध्यप्रदेश ने किसानों को अपनी उपज किसी भी जगह बेचने की हाल ही में छूट दी है।

 कैसा है अध्यादेश

पहला अध्यादेश किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने का अधिकार देने वाला होगा। अभी तक किसान राज्यों की ओर से अधिसूचित मंडियों में ही अपनी उपज बेच सकता है। इस अध्यादेश के बाद किसान इस बंधन से मुक्त हो जाएंगे। दूसरा अध्यादेश आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन से जुड़ा होगा। इसमें कृषि उपज के भंडारण की सीमा खत्म होगी। सरकार का मानना है कि इससे सप्लाई चेन मजबूत होने के साथ किसानों को सीधा लाभ होगा।

सार

  • अपनी उपज कहीं भी बेचने की छूट के लिए बनेगा कानून
  • आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन से स्टॉक की सीमा खत्म होगी

विस्तार

कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए मोदी सरकार जल्द ही दो अध्यादेश लाएगी। इनके जरिए नए केंद्रीय कानून के तहत किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की छूट मिलेगी। जबकि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन कर उपज की स्टॉक सीमा को खत्म कर दिया जाएगा। केंद्रीय कानून को लेकर राज्यों से टकराव की स्थिति का सामना करने की भी तैयारी कर ली है।

सूत्रों के मुताबिक कृषि मंत्रालय को जल्द से जल्द अध्यादेश संबंधी औपचारिकता पूरी करने के लिए कहा गया है। जिससे अध्यादेशों पर बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में ही मुहर लगाई जा सके। एक मंत्री के मुताबिक जाहिर तौर पर राज्य का विषय होने के कारण केंद्रीय कानून पर विवाद हो सकता है।

मगर किसानों के व्यापक हित में हम इस स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। वैसे भी चूंकि दोनों अध्यादेशों से किसानों को सीधा लाभ होगा, ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि राज्यों की ओर से इसका विरोध नहीं होगा। अध्यादेशों पर छह महीने के अंदर संसद की मंजूरी लेनी होती है। संसद में पारित कानून को ही सांविधानिक रूप से प्रभावी माना जाता है। वैसे मध्यप्रदेश ने किसानों को अपनी उपज किसी भी जगह बेचने की हाल ही में छूट दी है।

 कैसा है अध्यादेश

पहला अध्यादेश किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने का अधिकार देने वाला होगा। अभी तक किसान राज्यों की ओर से अधिसूचित मंडियों में ही अपनी उपज बेच सकता है। इस अध्यादेश के बाद किसान इस बंधन से मुक्त हो जाएंगे। दूसरा अध्यादेश आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन से जुड़ा होगा। इसमें कृषि उपज के भंडारण की सीमा खत्म होगी। सरकार का मानना है कि इससे सप्लाई चेन मजबूत होने के साथ किसानों को सीधा लाभ होगा।




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