The Centre Says Supreme Court That There Is No Need For A Cbi Investigation In The Nizamuddin Markaz Meet Case – सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा, निजामुद्दीन मरकज मामले में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं




केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने दायर अपने हलफनामे में कहा कि निजामुद्दीन मरकज मामले में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। सरकार ने कहा है कि मामले की जांच कानून के अनुसार की जा रही है और समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। 

केंद्र का हलफनामा जनहित याचिका पर जवाब मांगने के बाद आया है, जिसमें मरकज मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से निजामुद्दीन मरकज के आयोजन और आनंद विहार में प्रवासियों के जुटने की सीबीआई जांच की मांग पर जवाब तलब किया था।

वहीं, निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए सभी विदेशियों पर भारत में प्रवेश पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली पुलिस की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। इसके अलावा अपराध शाखा ने मौलाना मोहम्मद साद के खिलाफ जांच तेज कर दी है। जल्द ही मौलाना साद के खिलाफ बड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

बीते सोमवार तक मौलाना साद ने अपराध शाखा को कोरोना टेस्ट की अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी थी। यह भी बताया जा रहा है कि मौलाना साद अभी भी जामिया नगर में परिवार के साथ रह रहे हैं।

अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तब्लीगी के कार्यक्रम में शामिल होने आए कुल 960 में से 723 विदेशी जमातियों ने ही अपने पासपोर्ट अपराध शाखा में जमा कराए हैं। बाकी विदेशियों ने अपना पासपोर्ट जमा नहीं कराया है।

ये विदेशी जमाती पासपोर्ट के बारे में तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं। हालांकि यह भी हो सकता है कि जो विदेशी जमाती दिल्ली में जिस जगह पर थे वहां की थाना पुलिस ने उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए हो। अपराध शाखा अब संबंधित थाना पुलिस से संपर्क साध रही है।

अपराध शाखा के अधिकारियों का कहना है कि सभी विदेशी जमातियों के खिलाफ 14 विदेशी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। सभी विदेशी जमातियों के खिलाफ वीजा नियमों के उल्लंघन के तहत कार्रवाई हो रही है।

ये सभी कोर्ट के आदेश के बाद बनाए गए नौ क्वारंटीन सेंटर में रह रहे है। ये केंद्र दिल्ली में अलग-अलग जगह बनाए गए हैं। अब विदेशी जमातियों के खिलाफ अगली कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर निर्भर है।






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