No New Scheme Should Be Initiated Yill March 2021 Except Proposal Announced Under Pm Gareeb Kalyan Package – केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, मार्च 2021 तक नहीं शुरू होगी कोई भी नई सरकारी योजना




बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 05 Jun 2020 12:39 PM IST

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कोरोना से ना सिर्फ भारत की अर्थव्यवस्था, बल्कि पूरे विश्व की इकोनॉमी सुस्त पड़ी है। इससे भारत में राजस्व का नुकसान हो रहा है और सरकार का खर्च भी बढ़ा है, जिसका असर सरकारी योजनाओं पर पड़ने लगा है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने नई योजनाओं की शुरुआत पर रोक लगा दी है। इस संदर्भ में वित्त मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा मार्च 2021 तक स्वीकृत नई योजनाओं की शुरुआत को रोक दिया है। हालांकि, आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाओं पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। 
 

सरकार ने साफ किया है कि अगले आदेश तक विभिन्न मंत्रालय नई योजनाओं की शुरुआत नहीं कर सकते हैं और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना या आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

मालूम हो कि सप्लाई चेन को दुरुस्त करने के लिए बीते दिनों मोदी सरकार ने 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार पांच दिनों तक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार द्वारा उठाए गए सभी महत्वपूर्ण कदमों की विस्तार से जानकारी दी थी। सरकार ने समाज के आखिरी तबके पर खड़े लोगों तक मदद पहुंचाने का दावा किया है। अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार ने किसान, प्रवासी मजदूर, कॉर्पोरेट सेक्टर, आदि के लिए हर जरूरी कदम उठाया है। 

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत घोषित की गई राशि में से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 1,70,000 करोड़ रुपये की है।

वित्त मंत्रालय के पास इन दिनों राजस्व कम आ रहा है। सरकार ने ये फैसला लिया है। लेखा महानियंत्रक की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2020 के दौरान सरकार को 27,548 करोड़ रुपये राजस्व मिला, जो बजट अनुमान का 1.2 फीसदी था। जबकि सरकार ने 3.07 लाख करोड़ खर्च किया, जो बजट अनुमान का 10 फीसदी था। 

सीआईआई ने किया आगाह
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए सार्वजनिक खर्च बढ़ाने की मांग के बीच आगाह किया है कि सरकार को राजकोषीय घाटे को बढ़ने से रोकने के उपाय करने चाहिए। 

सीआईआई ने कहा कि राजकोषीय घाटा बढ़ने से देश की रेटिंग घट सकती है। इससे अर्थव्यवस्था को अन्य परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं। सीआईआई ने 2020-21 के अपने एजेंडा दस्तावेज में चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर का कोई अनुमान नहीं लगाया है। 
 

कोरोना से ना सिर्फ भारत की अर्थव्यवस्था, बल्कि पूरे विश्व की इकोनॉमी सुस्त पड़ी है। इससे भारत में राजस्व का नुकसान हो रहा है और सरकार का खर्च भी बढ़ा है, जिसका असर सरकारी योजनाओं पर पड़ने लगा है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने नई योजनाओं की शुरुआत पर रोक लगा दी है। इस संदर्भ में वित्त मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा मार्च 2021 तक स्वीकृत नई योजनाओं की शुरुआत को रोक दिया है। हालांकि, आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाओं पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। 

 

सरकार ने साफ किया है कि अगले आदेश तक विभिन्न मंत्रालय नई योजनाओं की शुरुआत नहीं कर सकते हैं और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना या आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

मालूम हो कि सप्लाई चेन को दुरुस्त करने के लिए बीते दिनों मोदी सरकार ने 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार पांच दिनों तक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार द्वारा उठाए गए सभी महत्वपूर्ण कदमों की विस्तार से जानकारी दी थी। सरकार ने समाज के आखिरी तबके पर खड़े लोगों तक मदद पहुंचाने का दावा किया है। अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार ने किसान, प्रवासी मजदूर, कॉर्पोरेट सेक्टर, आदि के लिए हर जरूरी कदम उठाया है। 

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत घोषित की गई राशि में से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 1,70,000 करोड़ रुपये की है।

वित्त मंत्रालय के पास इन दिनों राजस्व कम आ रहा है। सरकार ने ये फैसला लिया है। लेखा महानियंत्रक की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2020 के दौरान सरकार को 27,548 करोड़ रुपये राजस्व मिला, जो बजट अनुमान का 1.2 फीसदी था। जबकि सरकार ने 3.07 लाख करोड़ खर्च किया, जो बजट अनुमान का 10 फीसदी था। 

सीआईआई ने किया आगाह
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए सार्वजनिक खर्च बढ़ाने की मांग के बीच आगाह किया है कि सरकार को राजकोषीय घाटे को बढ़ने से रोकने के उपाय करने चाहिए। 

सीआईआई ने कहा कि राजकोषीय घाटा बढ़ने से देश की रेटिंग घट सकती है। इससे अर्थव्यवस्था को अन्य परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं। सीआईआई ने 2020-21 के अपने एजेंडा दस्तावेज में चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर का कोई अनुमान नहीं लगाया है। 
 






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