Reliance Jio Sells More Than 1 Percent Stake To Us Equity Firm General Atlantic – चार हफ्तों में जियो प्लेटफॉर्म्स में चौथा बड़ा निवेश, जनरल अटलांटिक ने खरीदी हिस्सेदारी




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फेसबुक, सिल्वर लेक और विस्टा इक्विटी के बाद अब जनरल अटलांटिक ने आरआईएल के रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में 6,598.38 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह चार हफ्तों में जियो प्लेटफॉर्म्स में चौथा बड़ा निवेश है। साथ ही यह एशिया में जनरल अटलांटिक का सबसे बड़ा निवेश भी है। निवेश आरआईएल की 1.34 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है।

यह निवेश जियो प्लेटफॉर्म्स की इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपये और एंटरप्राइज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ के बराबर है। इससे पहले जनरल अटलांटिक उबर टेक्नोलॉजी में भी निवेश किया है।

इस संबंध में रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि में जनरल अटलांटिक का स्वागत करता हूं। मैं इसे कई दशकों से जानता हूं। जनरल अटलांटिक ने भारत के लिए एक डिजिटल सोसाइटी के अपने दृष्टिकोण को साझा किया और 1.3 अरब भारतीयों के जीवन को समृद्ध बनाने में डिजिटलीकरण की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास किया।

रिलायंस ने कहा कि अग्रणी वैश्विक विकास निवेशकों के निवेश से जियो को भारत में एक डिजिटल सोसाइटी के निर्माण के लिए अपने इकोसिस्टम को सक्षम करने में मदद मिलेगी। यह जियो की तकनीकी क्षमताओं और कोरोना वायरस के समय में और उससे आगे व्यापार मॉडल की क्षमताओं को मजबूत करता है। मालूम हो कि इस डील के बाद चार हफ्तों में जियो प्लेटफॉर्म्स 67,194.75 करोड़ रुपये की राशि जुटा चुकी है।

इस संबंध में रिलायंस ने कहा कि अग्रणी वैश्विक विकास निवेशकों के निवेश से जियो को भारत में एक डिजिटल सोसाइटी के निर्माण के लिए अपने इकोसिस्टम को सक्षम करने में मदद मिलेगी। यह जियो की तकनीकी क्षमताओं और कोरोना वायरस के समय में और उससे आगे व्यापार मॉडल की क्षमताओं को मजबूत करता है। मालूम हो कि इस डील के बाद चार हफ्तों में जियो प्लेटफॉर्म्स 67,194.75 करोड़ रुपये की राशि जुटा चुकी है।

पहले विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने किया था निवेश
पहले निजी इक्विटी फर्म विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में 2.32 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ 11,367 करोड़ रुपये का निवेश करने की बात कही थी। इस संदर्भ में रिलायंस ने कहा कि यह निवेश 4.91 लाख करोड़ के इक्विटी मूल्य और 5.16 लाख करोड़ के उद्यम मूल्य के साथ जियो प्लेटफॉर्म्स के साथ किया गया है।

इस बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि, ‘मैं खुशी से विस्टा का स्वागत करता हूं। यह एक मूल्यवान सहयोगी और वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेशकों में से एक है। हमारे अन्य निवेशकों की तरह विस्टा भी हमारे भारतीय डिजिटल ढांचे को लगातार बढ़ाने और बदलने के दृष्टिकोण को साझा करती है जो सभी भारतीयों के लिए लाभकारी होगा।’ 

जियो और फेसबुक में भी हुई डील
सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी फेसबुक ने 22 अप्रैल 2020 को मुकेश अंबानी के नेतृव वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 5.7 अरब डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) निवेश का करार किया था। फेसबुक और जियो के बीच इस डील को भारत के टेक्नोलॉजी सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश कहा जा रहा है। इस निवेश के बाद जियो भारत की 5 सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनियों में से एक बन गई है। 

रिलायंस को कर्ज कम करने में मिलेगी मदद 
मालूम हो कि इस सौदे से रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह को अपने कर्ज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी और फेसबुक की भारत में स्थिति और मजबूत होगी। उसके लिए उपयोगकर्ता आधार के लिहाज से भारत इस समय सबसे बड़ा बाजार है। आरआईएल ने अपने कर्ज को कम करने के प्रयासों के तहत फेसबुक के साथ यह सौदा किया है।

जियो-सिल्वर लेक
जियो प्लेटफॉर्म्स में 4 मई 2020 को सिल्वर लेक कंपनी ने 5655.75 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की। सिल्वर लेक को इस निवेश के बदले लगभग 1.15 फीसदी इक्विटी हासिल होगी। सिल्वर लेक के निवेश में जियो प्लेटफॉर्म्स की इक्विटी वैल्यू 4.90 लाख करोड़ आंकी गई है। यह फेसबुक की लगाई गई वैल्यू से 12.5 फीसदी अधिक है।

सार

  • जनरल अटलांटिक ने आरआईएल के रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में 6,598.38 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
  • यह चार हफ्तों में जियो प्लेटफॉर्म्स में चौथा बड़ा निवेश है। 
  • साथ ही यह एशिया में जनरल अटलांटिक का सबसे बड़ा निवेश भी है। 

विस्तार

फेसबुक, सिल्वर लेक और विस्टा इक्विटी के बाद अब जनरल अटलांटिक ने आरआईएल के रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में 6,598.38 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह चार हफ्तों में जियो प्लेटफॉर्म्स में चौथा बड़ा निवेश है। साथ ही यह एशिया में जनरल अटलांटिक का सबसे बड़ा निवेश भी है। निवेश आरआईएल की 1.34 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है।

यह निवेश जियो प्लेटफॉर्म्स की इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपये और एंटरप्राइज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ के बराबर है। इससे पहले जनरल अटलांटिक उबर टेक्नोलॉजी में भी निवेश किया है।

इस संबंध में रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि में जनरल अटलांटिक का स्वागत करता हूं। मैं इसे कई दशकों से जानता हूं। जनरल अटलांटिक ने भारत के लिए एक डिजिटल सोसाइटी के अपने दृष्टिकोण को साझा किया और 1.3 अरब भारतीयों के जीवन को समृद्ध बनाने में डिजिटलीकरण की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास किया।

रिलायंस ने कहा कि अग्रणी वैश्विक विकास निवेशकों के निवेश से जियो को भारत में एक डिजिटल सोसाइटी के निर्माण के लिए अपने इकोसिस्टम को सक्षम करने में मदद मिलेगी। यह जियो की तकनीकी क्षमताओं और कोरोना वायरस के समय में और उससे आगे व्यापार मॉडल की क्षमताओं को मजबूत करता है। मालूम हो कि इस डील के बाद चार हफ्तों में जियो प्लेटफॉर्म्स 67,194.75 करोड़ रुपये की राशि जुटा चुकी है।

इस संबंध में रिलायंस ने कहा कि अग्रणी वैश्विक विकास निवेशकों के निवेश से जियो को भारत में एक डिजिटल सोसाइटी के निर्माण के लिए अपने इकोसिस्टम को सक्षम करने में मदद मिलेगी। यह जियो की तकनीकी क्षमताओं और कोरोना वायरस के समय में और उससे आगे व्यापार मॉडल की क्षमताओं को मजबूत करता है। मालूम हो कि इस डील के बाद चार हफ्तों में जियो प्लेटफॉर्म्स 67,194.75 करोड़ रुपये की राशि जुटा चुकी है।

पहले विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने किया था निवेश
पहले निजी इक्विटी फर्म विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में 2.32 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ 11,367 करोड़ रुपये का निवेश करने की बात कही थी। इस संदर्भ में रिलायंस ने कहा कि यह निवेश 4.91 लाख करोड़ के इक्विटी मूल्य और 5.16 लाख करोड़ के उद्यम मूल्य के साथ जियो प्लेटफॉर्म्स के साथ किया गया है।

इस बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि, ‘मैं खुशी से विस्टा का स्वागत करता हूं। यह एक मूल्यवान सहयोगी और वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेशकों में से एक है। हमारे अन्य निवेशकों की तरह विस्टा भी हमारे भारतीय डिजिटल ढांचे को लगातार बढ़ाने और बदलने के दृष्टिकोण को साझा करती है जो सभी भारतीयों के लिए लाभकारी होगा।’ 

जियो और फेसबुक में भी हुई डील
सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी फेसबुक ने 22 अप्रैल 2020 को मुकेश अंबानी के नेतृव वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 5.7 अरब डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) निवेश का करार किया था। फेसबुक और जियो के बीच इस डील को भारत के टेक्नोलॉजी सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश कहा जा रहा है। इस निवेश के बाद जियो भारत की 5 सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनियों में से एक बन गई है। 

रिलायंस को कर्ज कम करने में मिलेगी मदद 
मालूम हो कि इस सौदे से रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह को अपने कर्ज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी और फेसबुक की भारत में स्थिति और मजबूत होगी। उसके लिए उपयोगकर्ता आधार के लिहाज से भारत इस समय सबसे बड़ा बाजार है। आरआईएल ने अपने कर्ज को कम करने के प्रयासों के तहत फेसबुक के साथ यह सौदा किया है।

जियो-सिल्वर लेक
जियो प्लेटफॉर्म्स में 4 मई 2020 को सिल्वर लेक कंपनी ने 5655.75 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की। सिल्वर लेक को इस निवेश के बदले लगभग 1.15 फीसदी इक्विटी हासिल होगी। सिल्वर लेक के निवेश में जियो प्लेटफॉर्म्स की इक्विटी वैल्यू 4.90 लाख करोड़ आंकी गई है। यह फेसबुक की लगाई गई वैल्यू से 12.5 फीसदी अधिक है।




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