बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Thu, 23 Apr 2020 05:57 AM IST
रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी
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सार
- रिलायंस-फेसबुक डील : भारतीय किराना स्टोर पर दोनों कंपनियों की निगाह
- 80 फीसदी हिस्सेदारी है किराना स्टोर्स की भारतीय खुदरा बाजार में
- जियो प्लेटफॉर्म का मूल्यांकन करीब 4.75 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।
- इस डील से जियो पर करीब 400 करोड़ डॉलर का कर्ज घटेगा।
- अब जियो और फेसबुक की इस डील से एयरटेल-गूगल को टक्कर मिलेगी।
विस्तार
क्षेत्र का जानकारों का कहना है कि ग्राहक फेसबुक और वॉट्सएप के जरिए रिलायंस जियो मार्ट्स पर खरीदारी करेंगे। रिलायंस ने स्पष्ट कहा कि उनकी निगाह 6 करोड़ एमएसएमई, 12 करोड़ किसानों, 3 करोड़ छोटे दुकानदारों और लाखों लघु एवं मध्यम कंपनियों पर है, जो असंगठित क्षेत्र से जुड़े हैं। दोनों कंपनियों के लिए यह डील इसलिए भी बड़ा मौका है क्योंकि देश के खुदरा उद्योग में किराना स्टोर्स की भागीदारी 80 फीसदी है।
अंबानी ने पिछले साल सालाना आम बैठक में कहा था कि न्यू कॉमर्स भारत में 700 अरब डॉलर के कारोबारी अवसर पैदा करता है। रिलायंस रिटेल भारत का सबसे बड़ा खुदरा प्लेटफॉर्म है, जहां सभी तरह की उपभोक्ता वस्तुओं का भंडार है।
क्या हैं डील के कारोबारी मायने…
- जियो प्लेटफॉर्म का मूल्यांकन करीब 4.75 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।
- इस डील से जियो पर करीब 400 करोड़ डॉलर का कर्ज घटेगा।
- टेक इंडस्ट्री, टेलीकॉम बिजनेस और सोशल मीडिया प्लेटफॉम बिजनेस के लिए कारोबार के बड़े मौके पैदा होंगे।
- एयरटेल और गूगल क्लाउड के बीच इस साल पार्टनरशिप हुई थी, जो छोटे और मझोले कारोबारियों को जी-सूट मुहैया कराने के लिए थी।
- अब जियो और फेसबुक की इस डील से एयरटेल-गूगल को टक्कर मिलेगी।
भारत में कितने हैं ग्राहक…
- 40 करोड़ वॉट्सअप के
- 38.8 करोड़ जियो के
- 25 करोड़ फेसबुक के
भारत के लिए बेहतर…
शाबाश मुकेश अंबानी। जियो और फेसबुक की डील सिर्फ इन दो कंपनियों के लिए नहीं बल्कि पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर है। यह कोरोना संकट के बाद कारोबार के लिहाज से भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति को भी दर्शाता है।-आनंद महिंद्रा, चेयरमैन, महिंद्रा समूह