न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 18 Apr 2020 12:12 PM IST
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बेल्जियम के शहर एंटवर्प में रहने वाले नीशल, नीरव, उनके मामा मेहुल चोकसी और अन्य के साथ पीएनबी धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी दोनों ने मामला दर्ज किया हुआ है। उन्होंने ईडी के साथ एक फोरेंसिक ऑडिट साझा किया है, जो बेल्जियम स्थित एक स्वतंत्र ऑडिटिंग फर्म, वैन डेन केबस वान डेर जियुथ द्वारा किया गया है, जो प्रमाणित करता है कि फायरस्टार डायमंड बीवीबीए के सभी लेनदेन प्रामाणिक, असली और साक्ष्य जैसे चालान और शिपिंग जैसे कागजात शामिल हैं।
फायरस्टार डायमंड को ईडी ने नीरव द्वारा मनी लांड्रिंग के लिए इस्तेमाल की गई कंपनी के रूप में नामित किया है। ईडी ने मई 2018 में दायर अपनी चार्जशीट में यह भी कहा है कि नीशल डमी पार्टनर (फर्जी साझेदार) की नियुक्ति में शामिल थे और 2011 से 2013 के बीच दुबई की कुछ डमी (फर्जी) कंपनियों में हस्ताक्षरकर्ता या लाभार्थी थे। वह बेल्जियम में स्थित फायरस्टार डायमंड के निदेशक भी थे और हांगकांग में स्थित छह कंपनियों से उनकी कंपनी में भारी भरकम रकम स्थानांतरित की गई थी।
ईडी को लिखे पत्र में नीशल ने कहा, ‘मैं आपके विभाग द्वारा की जा रही किसी भी जांच में पूरी तरह से सहयोग करने के लिए तैयार हूं और कानून के अनुसार आपकी मदद करूंगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि इस मामले में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए आपका कार्यालय खुले दिमाग से पूर्ण सहयोग के मेरे प्रस्ताव का सकारात्मक जवाब देगा और मुझसे एंटवर्प में मुलाकात करेगा ताकि मैं इस मामले में आपके किसी भी संदेह को स्पष्ट कर सकूं।’
नीशल ने खुद को नीरव के कृत्यों से अलग करते हुए कहा, ‘मेरा अपने भाई नीरव मोदी की किसी भी कथित आपराधिक गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं है। मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि नीरव मोदी ने अपने व्यापारिक उद्देश्यों के लिए बैंकों से कोई डील की हुई है। जिसमें कथित एलओयू (उपक्रम के पत्र) के संबंध में लेनदेन भी शामिल है।’