न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Updated Tue, 21 Apr 2020 04:12 AM IST
योगी आदित्यनाथ और उनके पिता आनंद सिंह विष्ट
– फोटो : amar ujala
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सार
-पिता के निधन की सूचना मिलने के बाद भी टीम-11 के साथ पूरी की बैठक
-कोरोना के कारण आज अंत्येष्टि में नहीं होंगे शामिल
विस्तार
बैठक के बाद भी उन्होंने इतने बड़े दुख को अपने कर्तव्य पर हावी नहीं होने दिया और कुछ अफसरों के साथ बातचीत कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए। अलबत्ता पहले से तय कुछ मुलाकातों को जरूर स्थगित कर दिया गया। यही नहीं कोरोना के कारण मंगलवार को उत्तराखंड में पिता की अत्येंष्टि में शामिल न होने की मार्मिक अपील जारी करते हुए उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश भी कि जो लोग लॉकडाउन के दौरान अपने परिजनों की मृत्यु या गंभीर बीमारी पर घर नहीं पहुंच सके, उन्हीं में वह भी शामिल हैं।
सीएम योगी के पिता के स्वास्थ्य को लेकर रविवार रात से ही अफवाहों का सिलसिला शुरू हो गया था। ऐसे में सोमवार सुबह 10.30 बजे से ही ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी कि बैठक होगी या नहीं? आशंकाओं को दरकिनार करते हुए योगी रोज की तरह तय समय पर बैठक के लिए पहुंचे। लेकिन आज उनके चेहरे पर पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं साफ झलक रही थीं।
आम तौर पर टीम 11 के साथ बैठक के समय सीएम योगी चेहरे पर लगे मास्क को नीचे रखते हैं लेकिन आज ऐसा नहीं था। इसके जरिए वह चेहरे का भाव कुछ हद तक छिपाने की कोशिश कर रहे थे पर आंखों की उदासी, उनकी नमी बता रही थी कि सब कुछ ठीक नहीं है। बावजूद इसके राजधर्म को पहली प्राथमिकता पर रखते हुए योगी ने समय पर बैठक शुरू की। वह अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श और कोरोना को लेकर प्रदेश की हालात पर चर्चा करते और अधिकारियों को निर्देश भी देते रहे।
इसी बीच करीब 10 बजकर 44 मिनट पर योगी के सबसे करीबी और विश्वासपात्र बल्लू राय बैठक कक्ष में दाखिल हुए। बल्लू ने योगी एक पर्ची थमाई। इसे पढ़ने के बाद योगी ने उन्हें किसी से बात कराने का निर्देश दिया। बल्लू ने फोन मिलाया और मुख्यमंत्री बात करने लगे। एक मिनट की बातचीत के बाद मुख्यमंत्री ने फोन पर कहा कि वह बैठक के बाद बात करेंगे। बल्लू के जाने के बाद योगी चंद सेकंड के लिए शांत हो गए, फिर उन्होंने बैठक में अधिकारियों से जानकारी लेना शुरू कर दिया। बैठक बिलकुल वैसे ही चलती रही जैसे रोजाना चलती है।
इस बीच बैठक में मौजूद अधिकारियों ने देखा कि सीएम योगी की आंखें नम हो चुकी हैं। संभवत: दूसरी तरफ से उन्हें पिता के निधन का समाचार मिला था, लेकिन मुख्यमंत्री होने के नाते उन्होंने प्रदेश की जनता की सेवा सर्वोपरि रखी और कोविड से लड़ने की रणनीति बनाने की बैठक करते रहे।
अंतिम संस्कार में शामिल न होकर दिया बड़ा संदेश
सीएम योगी ने अपने पिता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनकी अंत्येष्टि में शामिल न होने का फैसला करके बड़ा संदेश दिया है। लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने परिजनों की मृत्यु या गंभीर बीमारी की सूचना पर घर नहीं पहुंच सके।