Who Says Covid 19 Cases In India Doubling Every Three Weeks But Epidemic Is Not Growing Exponentially – भारत में बहुत तेजी से नहीं फैल रहा कोरोना लेकिन जोखिम बरकरार : डब्ल्यूएचओ




वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जिनेवा
Updated Sat, 06 Jun 2020 09:49 AM IST

तापमान जांच के लिए कतार में खड़े लोग (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस मामलों की संख्या हर तीन सप्ताह में दोगुनी हो रही है लेकिन महामारी दक्षिण एशिया क्षेत्र में तेजी से नहीं फैल रही है लेकिन इसका जोखिम बना हुआ है। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है।
घनी आबादी में है ज्यादा खतरा

डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपदा कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर माइकल रेयान ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण के मामले तीन हफ्ते में दोगुने हो रहे हैं लेकिन लगातार मामले नहीं बढ़ रहे हैं। भारत ही नहीं बांग्लादेश, पाकिस्तान और दक्षिण एशिया के घनी आबादी वाले देशों में अब भी महामारी की स्थिति विस्फोटक नहीं हुई है। हालांकि ऐसा होने का जोखिम बना हुआ है। रेयान ने चेतावनी दी है कि यदि वायरस का सामुदायिक स्तर पर संक्रमण होना शुरू हुआ तो ये काफी तेजी से फैलेगा। 

उन्होंने कहा कि भारत में लोगों की आवाजाही दोबारा शुरू हो गई है। ऐसे में संक्रमण के बढ़ने का खतरा बना हुआ है। प्रवासियों की बहुत ज्यादा संख्या होना, शहरी इलाकों में भीड़-भाड़ और कई लोगों के पास रोजाना काम पर जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है, जैसे कई मुद्दे हैं।

मामलों के दोगुने होने की रफ्तार पर नजर रखना जरूरी
डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामिनाथन का कहना है कि भारत में कोरोना वायरस के जितने मामले हैं वे 130 करोड़ की आबादी के लिहाज से ज्यादा नहीं हैं। हालांकि संक्रमण बढ़ने की दर और मामलों के दोगुने होने की रफ्तार पर नजर रखना जरूरी है।

आयुष्मान भारत से मिलेगी मदद
डब्ल्यूएचओ ने आयुष्मान भारत योजना की तारीफ करते हुए कहा है कि इसे तेजी से लागू किया जाए तो कोरोना से निपटने में मदद मिलेगी। संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम गेब्रेसियस ने कहा कि कई देशों के सामने गंभीर चुनौती है लेकिन हमें इसमें मौके तलाशने होंगे। भारत के लिए ये आयुष्मान भारत योजना को बढ़ाने का अवसर हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस मामलों की संख्या हर तीन सप्ताह में दोगुनी हो रही है लेकिन महामारी दक्षिण एशिया क्षेत्र में तेजी से नहीं फैल रही है लेकिन इसका जोखिम बना हुआ है। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है।

घनी आबादी में है ज्यादा खतरा

डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपदा कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर माइकल रेयान ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण के मामले तीन हफ्ते में दोगुने हो रहे हैं लेकिन लगातार मामले नहीं बढ़ रहे हैं। भारत ही नहीं बांग्लादेश, पाकिस्तान और दक्षिण एशिया के घनी आबादी वाले देशों में अब भी महामारी की स्थिति विस्फोटक नहीं हुई है। हालांकि ऐसा होने का जोखिम बना हुआ है। रेयान ने चेतावनी दी है कि यदि वायरस का सामुदायिक स्तर पर संक्रमण होना शुरू हुआ तो ये काफी तेजी से फैलेगा। 

उन्होंने कहा कि भारत में लोगों की आवाजाही दोबारा शुरू हो गई है। ऐसे में संक्रमण के बढ़ने का खतरा बना हुआ है। प्रवासियों की बहुत ज्यादा संख्या होना, शहरी इलाकों में भीड़-भाड़ और कई लोगों के पास रोजाना काम पर जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है, जैसे कई मुद्दे हैं।

मामलों के दोगुने होने की रफ्तार पर नजर रखना जरूरी
डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामिनाथन का कहना है कि भारत में कोरोना वायरस के जितने मामले हैं वे 130 करोड़ की आबादी के लिहाज से ज्यादा नहीं हैं। हालांकि संक्रमण बढ़ने की दर और मामलों के दोगुने होने की रफ्तार पर नजर रखना जरूरी है।

आयुष्मान भारत से मिलेगी मदद
डब्ल्यूएचओ ने आयुष्मान भारत योजना की तारीफ करते हुए कहा है कि इसे तेजी से लागू किया जाए तो कोरोना से निपटने में मदद मिलेगी। संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम गेब्रेसियस ने कहा कि कई देशों के सामने गंभीर चुनौती है लेकिन हमें इसमें मौके तलाशने होंगे। भारत के लिए ये आयुष्मान भारत योजना को बढ़ाने का अवसर हो सकता है।




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