प्रदेश सरकार ने शेल्टर होम में क्वारंटीन दूसरे राज्यों के लोगों को उनके घरों में भेजने की अभियान की शुरुआत कर दी है। यह शुरुआत शुक्रवार से शुरू हुई। यूपी भेजने के लिए गढ़वाल में फंसे लोगों के लिए हरिद्वार और कुमाऊं में फंसे लोगों के लिए बरेली को ट्रांजिट केंद्र बनाया गया है।
इसी क्रम में आज शनिवार को देहरादून स्थित जैन धर्मशाला और महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज से मजदूरों को रोडवेज की बसों से रवाना किया गया। इससे पहले इन बसों को सैनिटाइज किया गया। मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई। सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखकर इन्हें बस में बैठाया गया। स्पोर्ट्स कॉलेज से करीब 500 मजदूरों का आज रवाना किया जाना है।
वहीं हल्द्वानी स्टेडियम में बने शेल्टर होम से 124 लोगों को रवाना किया गया है। टनकपुर से पिथौरागढ़ और चम्पावत जिले के राहत शिविरों से उत्तर प्रदेश के 441 लोगो को रोडवेज बसों से भेजा गया है। चम्पावत जिले में 361 और पिथौरागढ़ जिले के राहत शिविरों में 80 लोग ठहराए गए थे।
लॉकडाउन में फंसे यूपी के लोगों की हरिद्वार से घर वापसी शुरू हो गई है। राहत कैंपों से लोगों को ले जाने के लिए बसें पहुंच गई हैं। 1063 प्रवासी श्रमिक आज अपने घर लौटेंगे।
थाना भगवानपुर की काली नदी चौकी से उत्तरप्रदेश पुलिस को सौपने की तैयारी की जा रही है। जनपद सहारनपुर से 43 बस रोडवेज की आई हैं। डॉक्टरों की टीम द्वारा स्कीनिंग करने बाद जनपद सहारनपुर प्रशासन को सौप दिए जाएंगे। हरिद्वार से उत्तराखंड के दूसरे जिलों में रहने वाले लोग भी आज बसों से भेजे गए।
उत्तराखंड रोडवेज की बसों से लोगों को हरिद्वार और बरेली ले जाया जा रहा है। उत्तराखंड के प्रवासियों को लेकर लेकर आ रही यूपी की बसों में उन्हेंं उनके गंतव्य स्थलों को भेज दिया जाएगा। इसके लिए रूट प्लान तैयार किया गया है।
इसी तरह राजस्थान की बसें उत्तराखंड के प्रवासियों को लेकर हरिद्वार पहुुंचेंगी। यहां राज्य में ठहरे राजस्थान के लोगों को इन्हीं बसों में भेजा जाएगा। जहां से उत्तराखंड रोडवेज की बसें यहां के लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाएंगी।
गुरुवार को राहत केंद्रों में रह रहे नेपाली नागरिकों को स्वदेश भेजे जाने के बाद शुक्रवार को उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मजदूरों को भी उनके प्रदेशों को भेज दिया गया। राहत केंद्रों में रह रहे 83 मजदूरों को रोडवेज की चार बसों से रवाना किया गया। जिसमें 82 मजदूरों को टनकपुर और एक राजस्थान निवासी मजदूर को हल्द्वानी भेजा गया।
एक माह से भी ज्यादा समय से देहरादून जिले में लॉकडाउन में फंसे 30 हजार लोग अपने-अपने घर जाने को तैयार बैठे हैं। थाना और पुलिस चौकी प्रभारियों ने मजदूरों से बात कर इनकी सूची मुख्यालय को भेज दी है। एसपी क्राइम लोकजीत सिंह ने बताया कि सबसे ज्यादा 15243 श्रमिक उत्तरप्रदेश के हैं। 13 हजार मजदूर बिहार के रहने वाले हैं।
शनिवार को पहले चरण में उत्तरप्रदेश और राजस्थान के मजदूरों को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की बसों में भेजने का काम शुरू किया गया । एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि अधिकतर मजदूर दून में काम करने के पक्ष में हैं। उनका कहना है काम न होने के कारण अब पैसा उनके पास नहीं हैं। यदि काम मिलता तो कुछ कमाकर घर जाते। लेकिन, लॉकडाउन के कारण तस्वीर साफ नहीं हैं। ऐसे में उनके सामने घर उनकी मजबूरी है।
श्रमिकों की संख्या
उत्तर प्रदेश -15243, बिहार-13048, झारखंड-435, पश्चिम बंगाल -220, मध्य प्रदेश-193, छत्तीसगढ़-172, जम्मू कश्मीर-242, हरियाणा-94, राजस्थान-86, हिमाचल प्रदेश- 78, पंजाब-47, दिल्ली-54, महाराष्ट्र-28, असम-21, चंडीगढ़-14, उड़ीसा-05, गुजरात-04, कर्नाटक-02, तेलांगना-01, नेपाल-459, उत्तराखंड-127।
प्रदेश सरकार ने शेल्टर होम में क्वारंटीन दूसरे राज्यों के लोगों को उनके घरों में भेजने की अभियान की शुरुआत कर दी है। यह शुरुआत शुक्रवार से शुरू हुई। यूपी भेजने के लिए गढ़वाल में फंसे लोगों के लिए हरिद्वार और कुमाऊं में फंसे लोगों के लिए बरेली को ट्रांजिट केंद्र बनाया गया है।
इसी क्रम में आज शनिवार को देहरादून स्थित जैन धर्मशाला और महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज से मजदूरों को रोडवेज की बसों से रवाना किया गया। इससे पहले इन बसों को सैनिटाइज किया गया। मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई। सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखकर इन्हें बस में बैठाया गया। स्पोर्ट्स कॉलेज से करीब 500 मजदूरों का आज रवाना किया जाना है।
वहीं हल्द्वानी स्टेडियम में बने शेल्टर होम से 124 लोगों को रवाना किया गया है। टनकपुर से पिथौरागढ़ और चम्पावत जिले के राहत शिविरों से उत्तर प्रदेश के 441 लोगो को रोडवेज बसों से भेजा गया है। चम्पावत जिले में 361 और पिथौरागढ़ जिले के राहत शिविरों में 80 लोग ठहराए गए थे।
लॉकडाउन में फंसे यूपी के लोगों की हरिद्वार से घर वापसी शुरू हो गई है। राहत कैंपों से लोगों को ले जाने के लिए बसें पहुंच गई हैं। 1063 प्रवासी श्रमिक आज अपने घर लौटेंगे।
थाना भगवानपुर की काली नदी चौकी से उत्तरप्रदेश पुलिस को सौपने की तैयारी की जा रही है। जनपद सहारनपुर से 43 बस रोडवेज की आई हैं। डॉक्टरों की टीम द्वारा स्कीनिंग करने बाद जनपद सहारनपुर प्रशासन को सौप दिए जाएंगे। हरिद्वार से उत्तराखंड के दूसरे जिलों में रहने वाले लोग भी आज बसों से भेजे गए।
रूट प्लान तैयार
उत्तराखंड रोडवेज की बसों से लोगों को हरिद्वार और बरेली ले जाया जा रहा है। उत्तराखंड के प्रवासियों को लेकर लेकर आ रही यूपी की बसों में उन्हेंं उनके गंतव्य स्थलों को भेज दिया जाएगा। इसके लिए रूट प्लान तैयार किया गया है।
इसी तरह राजस्थान की बसें उत्तराखंड के प्रवासियों को लेकर हरिद्वार पहुुंचेंगी। यहां राज्य में ठहरे राजस्थान के लोगों को इन्हीं बसों में भेजा जाएगा। जहां से उत्तराखंड रोडवेज की बसें यहां के लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाएंगी।
गुरुवार को राहत केंद्रों में रह रहे नेपाली नागरिकों को स्वदेश भेजे जाने के बाद शुक्रवार को उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मजदूरों को भी उनके प्रदेशों को भेज दिया गया। राहत केंद्रों में रह रहे 83 मजदूरों को रोडवेज की चार बसों से रवाना किया गया। जिसमें 82 मजदूरों को टनकपुर और एक राजस्थान निवासी मजदूर को हल्द्वानी भेजा गया।
घर जाने को तैयार 30 हजार मजदूर
एक माह से भी ज्यादा समय से देहरादून जिले में लॉकडाउन में फंसे 30 हजार लोग अपने-अपने घर जाने को तैयार बैठे हैं। थाना और पुलिस चौकी प्रभारियों ने मजदूरों से बात कर इनकी सूची मुख्यालय को भेज दी है। एसपी क्राइम लोकजीत सिंह ने बताया कि सबसे ज्यादा 15243 श्रमिक उत्तरप्रदेश के हैं। 13 हजार मजदूर बिहार के रहने वाले हैं।
शनिवार को पहले चरण में उत्तरप्रदेश और राजस्थान के मजदूरों को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की बसों में भेजने का काम शुरू किया गया । एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि अधिकतर मजदूर दून में काम करने के पक्ष में हैं। उनका कहना है काम न होने के कारण अब पैसा उनके पास नहीं हैं। यदि काम मिलता तो कुछ कमाकर घर जाते। लेकिन, लॉकडाउन के कारण तस्वीर साफ नहीं हैं। ऐसे में उनके सामने घर उनकी मजबूरी है।
श्रमिकों की संख्या
उत्तर प्रदेश -15243, बिहार-13048, झारखंड-435, पश्चिम बंगाल -220, मध्य प्रदेश-193, छत्तीसगढ़-172, जम्मू कश्मीर-242, हरियाणा-94, राजस्थान-86, हिमाचल प्रदेश- 78, पंजाब-47, दिल्ली-54, महाराष्ट्र-28, असम-21, चंडीगढ़-14, उड़ीसा-05, गुजरात-04, कर्नाटक-02, तेलांगना-01, नेपाल-459, उत्तराखंड-127।