अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
– फोटो : PTI
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार हैं तो उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत में चीन पर एक बार फिर से हमला बोला। साथ ही उन्होंने अमेरिका में उठाए जा रहे तमाम कदमों की भी तारीफ़ की।
ट्रंप ने कहा, ‘जर्मनी को छोड़कर अमेरिका ने किसी और देश की तुलना में स्वास्थ्य के क्षेत्र में शानदार काम किया है, प्रति व्यक्ति के आधार पर हमारे यहां की मृत्यु दर दूसरे देशों खासकर पश्चिमी यूरोप की तुलना में बहुत कम है. अमेरिका की तुलना में फ्रांस, इटली, यूके और स्पेन जैसे देशों में मृत्यु दर बहुत ज्यादा है लेकिन आप वहां के बारे में नहीं सुनेंगे और सिर्फ अमेरिका के बारे में ही बात करेंगे।
फेक न्यूज पर विश्वास करेंगे तो मृत्यु दर में अमेरिका नंबर एक है लेकिन हम शीर्ष पर नहीं हैं बल्कि चीन है. चीन में हमसे और सबसे अधिक मौतें हुई हैं, ये मैं जानता हूं, आप जानते हैं और वे भी जानते हैं लेकिन आप इसपर नहीं बात करेंगे, हालांकि एक दिन मैं जरूर बताऊंगा।
ट्रंप ने अपने एक घंटे से अधिक के संबोधन में कोरोना से जुड़े हालात पर कई सारी बातें भी कही।
ट्रंप ने कहा, हम सच का पता लगा लेंगे…
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका उन खबरों पर ध्यान दे रहा है जिनमें दुनियाभर के भीतर लाखों की जान लेने वाले कोरोना वायरस के चीनी शहर ‘वुहान’ की प्रयोगशाला से पैदा होने का दावा किया गया है। ट्रंप ने यह बात तब कही जब व्हाइट हाउस में पत्रकारों ने पूछा कि क्या वुहान लैब से कोविड-19 के प्रसार की जांच होगी? ट्रंप ने कहा, ‘हम देख रहे हैं। इसमें कुछ सच्चाई तो नजर आती है।’
बता दें कि कई एजेंसियों ने चीन स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से कोरोना वायरस के लीक होने के दावे पिछले दिनों किए हैं। ट्रंप ने इन दावों की जांच की पुष्टि की। फॉक्स न्यूज ने अपनी एक खास खबर में कहा कि अमेरिकी खुफिया कर्मचारी प्रयोगशाला और रोगाणु के शुरुआती प्रकोप के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।
समाचार चैनल ने सूत्र के हवाले से कहा कि खुफिया विश्लेषक उन घटनाक्रमों को जुटा रहे है जिसकी सरकार को जानकारी है और ‘असल में जो हुआ उसकी सही-सही तस्वीर बना रहे हैं।’ ट्रंप ने कहा, ‘कई अजीब चीजें हो रही हैं लेकिन बहुत जांच होनी बाकी है और हम सच का पता लगा लेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘वे (चीन) एक खास तरह के चमगादड़ की बात करते हैं लेकिन वो चमगादड़ उस क्षेत्र में नहीं है क्या आप इस बात पर विश्वास कर सकते हैं। उसे उस मीट क्षेत्र में भी नहीं बेचा गया था। वो 40 मील दूर था।’
अमेरिका से भी ज्यादा है चीन में मृतक संख्या
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि चीन में कोविड-19 संक्रमण से मरने वालों की संख्या वास्तव में बताई गई संख्या से भी अधिक है। ट्रंप ने एक ट्वीट किया कि इस अंजान दुश्मन से होने वाली मौतों का आंकड़ा चीन ने अचानक बढ़ाकर दोगुना कर दिया है, लेकिन यह इससे भी ज्यादा है। उन्होंने दावा किया कि यह अमेरिका में हो रही मौतों के आंकड़े से भी कहीं अधिक है।
चीनी प्रयोगशाला को अनुदान रोकेगा अमेरिका
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका वुहान में चतुर्थ स्तर की एक प्रयोगशाला को दिया जाने वाला अनुदान रोकेगा। उन्होंने कहा, ओबामा प्रशासन ने उन्हें 37 लाख डॉलर का अनुदान दिया था। हम इस राशि को जल्द ही बंद करेंगे। कई सांसदों के एक समूह ने सदन और सीनेट नेतृत्व को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के लिए भविष्य में कोरोना वायरस के संबंध में कोई राहत राशि न दी जाए।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार हैं तो उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत में चीन पर एक बार फिर से हमला बोला। साथ ही उन्होंने अमेरिका में उठाए जा रहे तमाम कदमों की भी तारीफ़ की।
ट्रंप ने कहा, ‘जर्मनी को छोड़कर अमेरिका ने किसी और देश की तुलना में स्वास्थ्य के क्षेत्र में शानदार काम किया है, प्रति व्यक्ति के आधार पर हमारे यहां की मृत्यु दर दूसरे देशों खासकर पश्चिमी यूरोप की तुलना में बहुत कम है. अमेरिका की तुलना में फ्रांस, इटली, यूके और स्पेन जैसे देशों में मृत्यु दर बहुत ज्यादा है लेकिन आप वहां के बारे में नहीं सुनेंगे और सिर्फ अमेरिका के बारे में ही बात करेंगे।
फेक न्यूज पर विश्वास करेंगे तो मृत्यु दर में अमेरिका नंबर एक है लेकिन हम शीर्ष पर नहीं हैं बल्कि चीन है. चीन में हमसे और सबसे अधिक मौतें हुई हैं, ये मैं जानता हूं, आप जानते हैं और वे भी जानते हैं लेकिन आप इसपर नहीं बात करेंगे, हालांकि एक दिन मैं जरूर बताऊंगा।
ट्रंप ने अपने एक घंटे से अधिक के संबोधन में कोरोना से जुड़े हालात पर कई सारी बातें भी कही।
ट्रंप ने कहा, हम सच का पता लगा लेंगे…
डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका उन खबरों पर ध्यान दे रहा है जिनमें दुनियाभर के भीतर लाखों की जान लेने वाले कोरोना वायरस के चीनी शहर ‘वुहान’ की प्रयोगशाला से पैदा होने का दावा किया गया है। ट्रंप ने यह बात तब कही जब व्हाइट हाउस में पत्रकारों ने पूछा कि क्या वुहान लैब से कोविड-19 के प्रसार की जांच होगी? ट्रंप ने कहा, ‘हम देख रहे हैं। इसमें कुछ सच्चाई तो नजर आती है।’
बता दें कि कई एजेंसियों ने चीन स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से कोरोना वायरस के लीक होने के दावे पिछले दिनों किए हैं। ट्रंप ने इन दावों की जांच की पुष्टि की। फॉक्स न्यूज ने अपनी एक खास खबर में कहा कि अमेरिकी खुफिया कर्मचारी प्रयोगशाला और रोगाणु के शुरुआती प्रकोप के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।
समाचार चैनल ने सूत्र के हवाले से कहा कि खुफिया विश्लेषक उन घटनाक्रमों को जुटा रहे है जिसकी सरकार को जानकारी है और ‘असल में जो हुआ उसकी सही-सही तस्वीर बना रहे हैं।’ ट्रंप ने कहा, ‘कई अजीब चीजें हो रही हैं लेकिन बहुत जांच होनी बाकी है और हम सच का पता लगा लेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘वे (चीन) एक खास तरह के चमगादड़ की बात करते हैं लेकिन वो चमगादड़ उस क्षेत्र में नहीं है क्या आप इस बात पर विश्वास कर सकते हैं। उसे उस मीट क्षेत्र में भी नहीं बेचा गया था। वो 40 मील दूर था।’
अमेरिका से भी ज्यादा है चीन में मृतक संख्या
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि चीन में कोविड-19 संक्रमण से मरने वालों की संख्या वास्तव में बताई गई संख्या से भी अधिक है। ट्रंप ने एक ट्वीट किया कि इस अंजान दुश्मन से होने वाली मौतों का आंकड़ा चीन ने अचानक बढ़ाकर दोगुना कर दिया है, लेकिन यह इससे भी ज्यादा है। उन्होंने दावा किया कि यह अमेरिका में हो रही मौतों के आंकड़े से भी कहीं अधिक है।
चीनी प्रयोगशाला को अनुदान रोकेगा अमेरिका
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका वुहान में चतुर्थ स्तर की एक प्रयोगशाला को दिया जाने वाला अनुदान रोकेगा। उन्होंने कहा, ओबामा प्रशासन ने उन्हें 37 लाख डॉलर का अनुदान दिया था। हम इस राशि को जल्द ही बंद करेंगे। कई सांसदों के एक समूह ने सदन और सीनेट नेतृत्व को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के लिए भविष्य में कोरोना वायरस के संबंध में कोई राहत राशि न दी जाए।
Source link