न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Updated Sun, 24 May 2020 12:16 PM IST
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
– फोटो : amar ujala
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि कोविड अस्पतालों की दुर्दशा का सच जनता तक पहुंचे इसलिए कोरोना मरीजों के मोबाइल रखने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा कि अगर मोबाइल से संक्रमण फैलता है तो आइसोलेशन वार्ड के साथ पूरे देश में इसे बैन कर देना चाहिए। यही तो अकेले में मानसिक सहारा बनता है। वस्तुतः अस्पतालों की दुर्व्यवस्था व दुर्दशा का सच जनता तक न पहुंचे, इसीलिए ये पाबंदी है। जरूरत मोबाइल की पाबंदी की नहीं बल्कि सैनिटाइज करने की है।
बता दें कि कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीज अब मोबाइल फोन नहीं रख पाएंगे। अस्पताल प्रशासन द्वारा परिजनों से बात कराने के लिए दो मोबाइल फोन की व्यवस्था की जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ. केके गुप्ता ने सभी चिकित्सा संस्थानों, राजकीय मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को पत्र लिखकर कहा है कि एल टू व एल थ्री कोविड अस्पतालों में मरीजों को मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है, क्योंकि इससे संक्रमण फैलता है। इसलिए भर्ती मरीजों को उनके परिजनों से बात कराने के लिए दो डेडिकेटेड मोबाइल फोन इंफेक्शन प्रिवेंशन कंट्रोल प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए कोविड केयर वार्ड के इंचार्ज के पास रखवाया जाए।
वहीं, एक अन्य ट्वीट में अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोनाकाल में सरकारी बद-इंतजामी की वजह से बात हवाई चप्पल पहननेवालों से भी आगे जाकर ‘नंगे पांव’ सड़कों पर चलने को मजबूर लोगों तक पहुंच गयी है। जिनसे जनता को हमदर्दी की उम्मीद थी वही दर्द का सबब बन रहे हैं।
सरकार सबके लिए है, ये थोथा नारा नहीं बल्कि संकल्प होना चाहिए।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि कोविड अस्पतालों की दुर्दशा का सच जनता तक पहुंचे इसलिए कोरोना मरीजों के मोबाइल रखने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा कि अगर मोबाइल से संक्रमण फैलता है तो आइसोलेशन वार्ड के साथ पूरे देश में इसे बैन कर देना चाहिए। यही तो अकेले में मानसिक सहारा बनता है। वस्तुतः अस्पतालों की दुर्व्यवस्था व दुर्दशा का सच जनता तक न पहुंचे, इसीलिए ये पाबंदी है। जरूरत मोबाइल की पाबंदी की नहीं बल्कि सैनिटाइज करने की है।
बता दें कि कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीज अब मोबाइल फोन नहीं रख पाएंगे। अस्पताल प्रशासन द्वारा परिजनों से बात कराने के लिए दो मोबाइल फोन की व्यवस्था की जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ. केके गुप्ता ने सभी चिकित्सा संस्थानों, राजकीय मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को पत्र लिखकर कहा है कि एल टू व एल थ्री कोविड अस्पतालों में मरीजों को मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है, क्योंकि इससे संक्रमण फैलता है। इसलिए भर्ती मरीजों को उनके परिजनों से बात कराने के लिए दो डेडिकेटेड मोबाइल फोन इंफेक्शन प्रिवेंशन कंट्रोल प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए कोविड केयर वार्ड के इंचार्ज के पास रखवाया जाए।
‘जिससे हमदर्दी की उम्मीद वहीं बना दर्द का सबब’
वहीं, एक अन्य ट्वीट में अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोनाकाल में सरकारी बद-इंतजामी की वजह से बात हवाई चप्पल पहननेवालों से भी आगे जाकर ‘नंगे पांव’ सड़कों पर चलने को मजबूर लोगों तक पहुंच गयी है। जिनसे जनता को हमदर्दी की उम्मीद थी वही दर्द का सबब बन रहे हैं।
सरकार सबके लिए है, ये थोथा नारा नहीं बल्कि संकल्प होना चाहिए।
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