Shivraj Chouhan Will Finalise Name For His First Cabinet Expansion Discuss Possible Names With Vd Sharma – मध्यप्रदेश: शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार में बनाए जा सकते हैं 22 से 24 मंत्री




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Updated Mon, 18 May 2020 12:49 PM IST

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)
– फोटो : Amar Ujala

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तीसरे चरण का लॉकडाउन खत्म होने के बाद मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। शिवराज रविवार को पार्टी कार्यालय पहुंचे और उन्होंने संगठन महामंत्री सुहास भगत से मुलाकात की थी। शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में सीएम शिवराज सिंह की पार्टी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और भगत से चर्चा हो चुकी है।

माना जा रहा है कि पार्टी इसी हफ्ते वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करने के बाद मंत्री पद के नामों को अंतिम रूप दे सकती है। ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए 22 नेताओं में से 11 लोगों को मंत्री पद देने का दबाव है। इस वजह से भाजपा विधायकों के लिए कम पद बचेंगे, इसपर केंद्रीय नेताओं से बात करके फैसला लिया जाएगा।

सूत्रों का कहना है कि 22 से 24 कैबिनेट और राज्य मंत्री बनाए जाएंगे। पहले ही सिंधिया गुट से दो लोगों को मंत्री बनाया जा चुका है। बचे हुए प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को भी मंत्री बनाया जा सकता है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, एंदल सिंह कंसाना और रणवीर जाटव को भी मंत्री बनाया जा सकता है।

भाजपा के सामने बड़ी मुश्किल यह है कि वह अपने लोगों के साथ किस तरह से समन्वय बैठाएगी। भाजपा में 40 से अधिक ऐसे नाम हैं जो मंत्री बनाए जाने की दावेदारी सामने रख चुके हैं। उन्होंने राज्य से लेकर दिल्ली तक अपनी बात पहुंचाई है। ऐसे हालात में मुख्यमंत्री और संगठन के सामने चेहरे तय करने को लेकर चुनौतियां बढ़ गई हैं। 

पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंत्री पद के नए दावेदार जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी, उन्हें पार्टी के प्रदेश निकाय में स्थान दिया जा सकता है। इसके अलावा सरकार के निगम-मंडलों, आयोग और बोर्ड में भी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद तुरंत नियुक्तियों की घोषणा हो सकती है।

सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट को मंत्री बनाया जा चुका है। अब इमरती देवी और प्रभुराम चौधरी को दलित कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है। ऐसे में भाजपा से भी एक-दो दलितों को मंत्री बनाया जा सकता है। इसी तरह अनुसूचित जनजाति के चेहरे को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। बचे हुए पदों पर अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य और ब्राह्मण में समन्वय बैठाया जाएगा।
 

सार

  • मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर शिवराज सिंह की पार्टी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और भगत से चर्चा 
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए 22 नेताओं में से 11 लोगों को मंत्री पद देने का दबाव है।
  • केंद्रीय नेताओं से बात करके मंत्री पदों के अंतिम नामों पर फैसला किया जाएगा।

विस्तार

तीसरे चरण का लॉकडाउन खत्म होने के बाद मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। शिवराज रविवार को पार्टी कार्यालय पहुंचे और उन्होंने संगठन महामंत्री सुहास भगत से मुलाकात की थी। शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में सीएम शिवराज सिंह की पार्टी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और भगत से चर्चा हो चुकी है।

माना जा रहा है कि पार्टी इसी हफ्ते वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करने के बाद मंत्री पद के नामों को अंतिम रूप दे सकती है। ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए 22 नेताओं में से 11 लोगों को मंत्री पद देने का दबाव है। इस वजह से भाजपा विधायकों के लिए कम पद बचेंगे, इसपर केंद्रीय नेताओं से बात करके फैसला लिया जाएगा।

सूत्रों का कहना है कि 22 से 24 कैबिनेट और राज्य मंत्री बनाए जाएंगे। पहले ही सिंधिया गुट से दो लोगों को मंत्री बनाया जा चुका है। बचे हुए प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को भी मंत्री बनाया जा सकता है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, एंदल सिंह कंसाना और रणवीर जाटव को भी मंत्री बनाया जा सकता है।

भाजपा के सामने बड़ी मुश्किल यह है कि वह अपने लोगों के साथ किस तरह से समन्वय बैठाएगी। भाजपा में 40 से अधिक ऐसे नाम हैं जो मंत्री बनाए जाने की दावेदारी सामने रख चुके हैं। उन्होंने राज्य से लेकर दिल्ली तक अपनी बात पहुंचाई है। ऐसे हालात में मुख्यमंत्री और संगठन के सामने चेहरे तय करने को लेकर चुनौतियां बढ़ गई हैं। 

पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंत्री पद के नए दावेदार जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी, उन्हें पार्टी के प्रदेश निकाय में स्थान दिया जा सकता है। इसके अलावा सरकार के निगम-मंडलों, आयोग और बोर्ड में भी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद तुरंत नियुक्तियों की घोषणा हो सकती है।

सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट को मंत्री बनाया जा चुका है। अब इमरती देवी और प्रभुराम चौधरी को दलित कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है। ऐसे में भाजपा से भी एक-दो दलितों को मंत्री बनाया जा सकता है। इसी तरह अनुसूचित जनजाति के चेहरे को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। बचे हुए पदों पर अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य और ब्राह्मण में समन्वय बैठाया जाएगा।
 




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