Sc Asks Income Tax Department To Return Rs 733 Crore To Vodafone Idea – सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग से वोडाफोन आइडिया को 733 करोड़ रुपये वापस करने को कहा




बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 29 Apr 2020 05:40 PM IST

ख़बर सुनें

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वोडाफोन आइडिया लिमिटेड को आंशिक राहत देते हुए आकलन वर्ष 2014-15 के लिए आयकर विभाग को चार सप्ताह के भीतर दूरसंचार कंपनी को 733 करोड़ रुपये वापस करने को कहा है।

वोडाफोन आइडिया ने आकलन वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 और 2017-18 के लिए कर वापसी में 4,759.07 करोड़ रुपये की मांग की थी। बता दें कि वोडाफोन आइडिया को पहले वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड के नाम से पहचाना जाता था।

शीर्ष अदालत ने आकलन वर्ष 2014-15 के अलावा अन्य आय से संबंधित इनकम टैक्स रिफंड का आदेश नहीं दिया।

जस्टिस यूयू ललित और विनीत सरन की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि जहां तक आकलन वर्ष 2014-15 का संबंध है, अंतिम मूल्यांकन आदेश (आयकर) अधिनियम की धारा 143 (3) के तहत पारित किया गया है, यह दर्शाता है कि अपीलार्थी (दूरसंचार फर्म) 733 करोड़ रुपये के रिफंड का हकदार है। जबकि, आकलन वर्ष 2015-16 के लिए अपीलार्थी 582 करोड़ रुपये के रिफंड का हकदार है। 

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आयकर विभाग अधिनियम 2014 की धारा 245 के तहत अपेक्षित पावर का आह्वान करने का हकदार होगा, जो कि कर शेष देय के खिलाफ आकलन वर्ष 2014-15 के संबंध में देय धनवापसी की राशि निर्धारित करेगा।

कोर्ट ने कहा, “अभी अपेक्षित कार्रवाई भी शुरू नहीं की गई है, इसलिए हम उस संबंध में कुछ नहीं कहते हैं। परिसर में, हम निर्देश देते हैं कि 733 करोड़ रुपये की राशि अपीलकर्ता (टेलीकॉम फर्म) को आज से चार सप्ताह के भीतर किसी भी कार्यवाही के अधीन वापस कर दी जाएगी जो राजस्व कानून के अनुसार आरंभ करने के लिए उपयुक्त हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वोडाफोन आइडिया लिमिटेड को आंशिक राहत देते हुए आकलन वर्ष 2014-15 के लिए आयकर विभाग को चार सप्ताह के भीतर दूरसंचार कंपनी को 733 करोड़ रुपये वापस करने को कहा है।

वोडाफोन आइडिया ने आकलन वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 और 2017-18 के लिए कर वापसी में 4,759.07 करोड़ रुपये की मांग की थी। बता दें कि वोडाफोन आइडिया को पहले वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड के नाम से पहचाना जाता था।
शीर्ष अदालत ने आकलन वर्ष 2014-15 के अलावा अन्य आय से संबंधित इनकम टैक्स रिफंड का आदेश नहीं दिया।

जस्टिस यूयू ललित और विनीत सरन की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि जहां तक आकलन वर्ष 2014-15 का संबंध है, अंतिम मूल्यांकन आदेश (आयकर) अधिनियम की धारा 143 (3) के तहत पारित किया गया है, यह दर्शाता है कि अपीलार्थी (दूरसंचार फर्म) 733 करोड़ रुपये के रिफंड का हकदार है। जबकि, आकलन वर्ष 2015-16 के लिए अपीलार्थी 582 करोड़ रुपये के रिफंड का हकदार है। 

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आयकर विभाग अधिनियम 2014 की धारा 245 के तहत अपेक्षित पावर का आह्वान करने का हकदार होगा, जो कि कर शेष देय के खिलाफ आकलन वर्ष 2014-15 के संबंध में देय धनवापसी की राशि निर्धारित करेगा।

कोर्ट ने कहा, “अभी अपेक्षित कार्रवाई भी शुरू नहीं की गई है, इसलिए हम उस संबंध में कुछ नहीं कहते हैं। परिसर में, हम निर्देश देते हैं कि 733 करोड़ रुपये की राशि अपीलकर्ता (टेलीकॉम फर्म) को आज से चार सप्ताह के भीतर किसी भी कार्यवाही के अधीन वापस कर दी जाएगी जो राजस्व कानून के अनुसार आरंभ करने के लिए उपयुक्त हो सकती है।




Source link

Leave a comment