कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को उठाकर ले जाती पुलिस
– फोटो : अमर उजाला
कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर राजनीति तेज हो गई है। आगरा जिले में राजस्थान बॉर्डर पर भेजी गई कांग्रेस की बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश कराने पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
मंगलवार को राजस्थान बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों के लिए भेजी गई बसों को रोके जाने की सूचना के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप माथुर दोपहर को राजस्थान बॉर्डर की ओर जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें राजस्थान सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया।
अजय कुमार लल्लू के साथ आई तीन गाड़ियों को वापस आगरा भेजने के लिए पुलिस पीछे आई। प्रदेश अध्यक्ष टोल प्लाजा से चकमा देकर मंडी मिर्जा खां होते हुए बॉर्डर पर जाने की कोशिश में थे, लेकिन रास्ते में इंस्पेक्टर राजकमल बालियान ने उन्हें रोक लिया।
आगरा के एसपी ग्रामीण (पश्चिम) रवि कुमार के निर्देश पर अजय कुमार की गाड़ी को निकलने दिया गया, जबकि दो गाड़ियों को वापस भेज दिया गया। शाम को पुलिस ने अजय कुमार लल्लू और प्रदीप माथुर सहित कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस कांग्रेस नेताओं को आगरा ले गई।
एसपी ग्रामीण ने बताया कि गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार अंतरराज्यीय बस चलाने के लिए आवेदन करना होता है। इसके बाद पास जारी किया जाता है और अनुमति दी जाती है। कांग्रेस नेताओं ने आवेदन नहीं किया था। इसलिए उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं थी। एसपी ग्रामीण ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की गिरफ्तारी से इंकार किया है।
हिरासत में लिए जाने से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि प्रियंका गांधी ने 16 मई को 1000 बसों की अनुमति के लिए सरकार को पत्र लिखा था। 17 मई को राजस्थान बॉर्डर पर 500 बसें खड़ी कर दी। हम दिनभर इंतजार करते रहे, अनुमति नहीं मिली।
अजय कुमार लल्लू ने बताया कि प्रदेश सरकार ने पहले हमें अनुमति ही नहीं दी और जब रात 12 बजे बसों की अनुमति दी तो इस शर्त पर कि बसों को लखनऊ लाया जाए। उन्होंने कहा कि रात के 12 बजे पत्र जारी करके बसों को लखनऊ बुलाने का क्या औचित्य है ?
सार
- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की पहल पर राजस्थान बॉर्डर पर भेजी गईं बसें
- पुलिस ने कहा- अंतरराज्यीय बस चलाने की अनुमति के लिए आवदेन नहीं किया
विस्तार
कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर राजनीति तेज हो गई है। आगरा जिले में राजस्थान बॉर्डर पर भेजी गई कांग्रेस की बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश कराने पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
मंगलवार को राजस्थान बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों के लिए भेजी गई बसों को रोके जाने की सूचना के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप माथुर दोपहर को राजस्थान बॉर्डर की ओर जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें राजस्थान सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया।
अजय कुमार लल्लू के साथ आई तीन गाड़ियों को वापस आगरा भेजने के लिए पुलिस पीछे आई। प्रदेश अध्यक्ष टोल प्लाजा से चकमा देकर मंडी मिर्जा खां होते हुए बॉर्डर पर जाने की कोशिश में थे, लेकिन रास्ते में इंस्पेक्टर राजकमल बालियान ने उन्हें रोक लिया।
कांग्रेस नेताओं को आगरा ले गई पुलिस
आगरा के एसपी ग्रामीण (पश्चिम) रवि कुमार के निर्देश पर अजय कुमार की गाड़ी को निकलने दिया गया, जबकि दो गाड़ियों को वापस भेज दिया गया। शाम को पुलिस ने अजय कुमार लल्लू और प्रदीप माथुर सहित कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस कांग्रेस नेताओं को आगरा ले गई।
एसपी ग्रामीण ने बताया कि गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार अंतरराज्यीय बस चलाने के लिए आवेदन करना होता है। इसके बाद पास जारी किया जाता है और अनुमति दी जाती है। कांग्रेस नेताओं ने आवेदन नहीं किया था। इसलिए उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं थी। एसपी ग्रामीण ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की गिरफ्तारी से इंकार किया है।
‘बसों को लखनऊ बुलाने का क्या औचित्य है ?’
हिरासत में लिए जाने से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि प्रियंका गांधी ने 16 मई को 1000 बसों की अनुमति के लिए सरकार को पत्र लिखा था। 17 मई को राजस्थान बॉर्डर पर 500 बसें खड़ी कर दी। हम दिनभर इंतजार करते रहे, अनुमति नहीं मिली।
अजय कुमार लल्लू ने बताया कि प्रदेश सरकार ने पहले हमें अनुमति ही नहीं दी और जब रात 12 बजे बसों की अनुमति दी तो इस शर्त पर कि बसों को लखनऊ लाया जाए। उन्होंने कहा कि रात के 12 बजे पत्र जारी करके बसों को लखनऊ बुलाने का क्या औचित्य है ?
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