Palghar Maharashtra Mob Lynching Case Today News In Hindi: Petition In Bombay High Court Demanding Investigation By Nia – पालघर हिंसा की जांच एनआईए से कराने की मांग, बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Fri, 24 Apr 2020 05:18 PM IST

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महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दिए जाने के मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मांग की जा रही है। इसे लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है। इस घटना में 101 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना को लेकर सियासत में भी गर्माहट बरकरार है। पहले घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई थी, लेकिन राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया था कि गिरफ्तार किया गया कोई भी व्यक्ति मुस्लिम नहीं है। 

भाजपा मे लगाया था एनसीपी और कम्यूनिस्ट पार्टी पर आरोप

विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने बुधवार को दावा किया था कि वायरल वीडियो फुटेज में साधुओं की पीट-पीटकर हत्या करने वाले लोग एनसीपी और कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता हैं। प्रवीण दरेकर ने कहा कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने 101 आरोपियों की सूची जारी कर यह बताने की कोशिश की है कि इसमें कोई मुस्लिम नहीं है। लेकिन, उन्होंने यह नहीं बताया कि जो सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहे हैं, वे कौन हैं और किससे संबंधित हैं। 

भाजपा नेता दरेकर ने बुधवार को सोशल मीडिया पर पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि सीसीटीवी फुटेज में एनसीपी के जिला परिषद सदस्य काशीराम चौधरी, पंचायत समिति सदस्य सीताराम चौधरी,  कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता सुनील रावते, रामदास असारे आदि दिख रहे हैं। यदि गृहमंत्री देशमुख इन लोगों का नाम जाहिर करेंगे तो यह पता चलेगा कि साधुओं की हत्या में किसका हाथ है।

यह था मामला

बता दें कि 16 अप्रैल की रात जब दो साधू और उनका ड्राइवर किसी परिचित के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कार से मुंबई से गुजरात के सूरत जा रहे थे। उनके वाहन को पालघर जिले के एक गांव के पास रोक लिया गया जहां भीड़ ने बच्चा चोरी करने के संदेह में तीनों को कार से बाहर निकाला और उनकी लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। मृतकों की पहचान महाराज कल्पवृक्षगिरि (70), सुशीलगिरि महाराज (35) और चालक निलेश तेलगड़े (30) के रूप में की गई।

महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दिए जाने के मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मांग की जा रही है। इसे लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है। इस घटना में 101 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना को लेकर सियासत में भी गर्माहट बरकरार है। पहले घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई थी, लेकिन राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया था कि गिरफ्तार किया गया कोई भी व्यक्ति मुस्लिम नहीं है। 

भाजपा मे लगाया था एनसीपी और कम्यूनिस्ट पार्टी पर आरोप

विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने बुधवार को दावा किया था कि वायरल वीडियो फुटेज में साधुओं की पीट-पीटकर हत्या करने वाले लोग एनसीपी और कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता हैं। प्रवीण दरेकर ने कहा कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने 101 आरोपियों की सूची जारी कर यह बताने की कोशिश की है कि इसमें कोई मुस्लिम नहीं है। लेकिन, उन्होंने यह नहीं बताया कि जो सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहे हैं, वे कौन हैं और किससे संबंधित हैं। 

भाजपा नेता दरेकर ने बुधवार को सोशल मीडिया पर पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि सीसीटीवी फुटेज में एनसीपी के जिला परिषद सदस्य काशीराम चौधरी, पंचायत समिति सदस्य सीताराम चौधरी,  कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता सुनील रावते, रामदास असारे आदि दिख रहे हैं। यदि गृहमंत्री देशमुख इन लोगों का नाम जाहिर करेंगे तो यह पता चलेगा कि साधुओं की हत्या में किसका हाथ है।

यह था मामला

बता दें कि 16 अप्रैल की रात जब दो साधू और उनका ड्राइवर किसी परिचित के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कार से मुंबई से गुजरात के सूरत जा रहे थे। उनके वाहन को पालघर जिले के एक गांव के पास रोक लिया गया जहां भीड़ ने बच्चा चोरी करने के संदेह में तीनों को कार से बाहर निकाला और उनकी लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। मृतकों की पहचान महाराज कल्पवृक्षगिरि (70), सुशीलगिरि महाराज (35) और चालक निलेश तेलगड़े (30) के रूप में की गई।




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