ख़बर सुनें
चीन सरकार के वरिष्ठ चिकित्सा सलाहकार और कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में देश के प्रमुख चेहरा रहे झोंग नानशान ने भी शनिवार को सीएनएन के साथ एक विशेष साक्षात्कार में खुलासा किया कि वुहान के स्थानीय अधिकारियों ने दिसंबर में जब कोरोना वायरस से संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया था, तब इससे जुड़ी अहम जानकारियों और इसके गंभीर परिणामों की सूचना को दबा दिया गया।
देश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) के आंकड़ों के अनुसार, चीन में 82,000 से अधिक कोरोना वायरस के मामले पाए गए हैं, जिसमें कम से कम 4,633 मौतें हुई हैं। जनवरी के अंत में कोरोना का संक्रमण चीन में तेजी से फैला था, इसके बाद से वुहान शहर और आसपास के इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया था और यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
फरवरी की शुरुआत में चीन में एक दिन में 3,887 कोरोना के मामले सामने आए थे। हालांकि एक महीने के बाद ही इस में गिरावट आई और ये सिर्फ दोहरे अंक में सिमट गए। जबकि अमेरिका में छह मार्च को 47 नए मामलों पाए गए और महीने के अंत तक वहां 22,562 संक्रमित मरीज पाए गए।
कोरोना को लेकर अब धीर-धीरे चीन में आम जीवन सामान्य होने लगा है। लॉकडाउन के बाद देश भर में कुछ स्कूलों और कारखानों को खोल दिया गया है। झोंग ने कहा कि चीनी अधिकारियों को अभी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होना चाहिए, क्योंकि बड़े पैमाने पर चीन में कोरोना की दूसरी लहर का खतरा है। हाल ही में वुहान, हीलोंगजियांग और जिलिन के पूर्वोत्तर प्रांतों में कोरोना वायरस से मामले बढ़े हैं।
चीन के अधिकांश नागरिक इस समय कोविड-19 संक्रमण के लिए अभी भी अतिसंवेदनशील हैं, क्योंकि उनमें प्रतिरक्षा की कमी है। उन्होंने कहा कि हम मजबूती से इसका सामना कर रहे हैं और इस मामले में दूसरे देश हमसे बेहतर नहीं है।
झोंग को 2003 में गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम महामारी का मुकाबला करने के लिए चीन में ‘सार्स’ के नायक के रूप में जाना जाता है। इस बार उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश का नेतृत्व किया और कई महत्वपूर्ण काम किए।