Judgment In The Case Of 69000 Assistant Teachers Yogi Government – यूपी: 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में हाईकोर्ट से योगी सरकार को राहत, पक्ष में आया फैसला




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हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में अपना अहम फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने सरकार द्वारा तय किए गए मानकों पर मुहर लगाई। 

कोर्ट ने कटऑफ अंक बढ़ाने के सरकार के फैसले को सही बताया है। कोर्ट ने छह महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि भर्ती प्रक्रिया करीब डेढ़ साल से अटकी थी। 

राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियों की विशेष अपीलों पर अदालत ने 3 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। इनमें एकल न्यायाधीश के उस फैसले व आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें भर्ती परीक्षा में न्यूनतम अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 45 और आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी अंक रखे जाने के निर्देश सरकार को दिए गए थे। 

बीते साल की शुरुआत में हुई भर्ती परीक्षा के तुरंत बाद राज्य सरकार ने इसमें अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 65 और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी तय किए थे, जिसके खिलाफ एकल पीठ में कई याचिकाएं दायर हुईं। पिछले साल से इन अपीलों पर फाइनल सुनवाई चल रही थी।

आपको बता दें कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 5 दिसंबर 2018 को शासनादेश जारी कर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी। छह जनवरी 2019 को 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। इनमें 4,10,440 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी और 21 हजार 26 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी। 

हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में अपना अहम फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने सरकार द्वारा तय किए गए मानकों पर मुहर लगाई। 

कोर्ट ने कटऑफ अंक बढ़ाने के सरकार के फैसले को सही बताया है। कोर्ट ने छह महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि भर्ती प्रक्रिया करीब डेढ़ साल से अटकी थी। 

राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियों की विशेष अपीलों पर अदालत ने 3 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। इनमें एकल न्यायाधीश के उस फैसले व आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें भर्ती परीक्षा में न्यूनतम अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 45 और आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी अंक रखे जाने के निर्देश सरकार को दिए गए थे। 

बीते साल की शुरुआत में हुई भर्ती परीक्षा के तुरंत बाद राज्य सरकार ने इसमें अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 65 और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी तय किए थे, जिसके खिलाफ एकल पीठ में कई याचिकाएं दायर हुईं। पिछले साल से इन अपीलों पर फाइनल सुनवाई चल रही थी।




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