न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज
Updated Wed, 06 May 2020 12:53 AM IST
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
लॉकडाउन में जरूरमंदों की मददगार बने लूकरगंज के इंजीनियर बीरेंद्र सिंह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हार गए। मंगलवार की देर रात उन्होंने स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में दम तोड़ दिया। मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने इसकी पुष्टि की। शहर में कोरोना से यह पहली मौत है।
छह दिन पहले उनकी तबीयत खराब होने पर उनकी जांच कराई गई थी। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें पहले कोटवां-बनी स्थित कोविड-19 लेवल-1 हॉस्पिटल ले जाया गया था लेकिन सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय रेफर कर दिया गया था।
इंजीनियर के परिवार में चार और लोग कोरोना पॉजिटिव हैं। तीन की रिपोर्ट मंगलवार को ही आई थी। कोरोना के नोडल ऑफिसर डॉ0 ऋषि सहाय ने बताया कि उनका शव उनके परिजनों को नहीं दिया जाएगा। बुधवार को प्रोटोकॉल के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इंजीनियर को यह बीमारी कैसे हुई इसके सोर्स का पता स्वास्थ्य विभाग आज तक नहीं लगा सका है। वह 28 अप्रैल को कांलिंदीपुरम स्थित इंस्टीट्यूशन क्वारंटीन सेंटर खुद ही गए और अपनी जांच कराई। रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उन्हें कोटवां-बनी स्थित कोविड हॉस्पिटल भेज दिया गया था। वहां सांस लेने में तकलीफ हुई तो उन्हें दो मई को एसआरएन रेफर कर दिया गया।
मंगलवार की दोपहर बाद उनकी अचानक हालत ज्यादा खराब हुई। दोपहर बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। लेकिन देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया। शहर मेें कोरोना पॉजिटिव की यह पहली मौत है। इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
इंजीनियर बीरेंद्र के शव को चिकित्सकीय प्रोटोकॉल के मुताबिक बुधवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। एसआरएन चिकित्सालय में उनके साथ उनकी पत्नी भी कोरोना वार्ड में भर्ती हैं। जबकि सास, भाई और भाई की पत्नी कोटवा-बनी लेवल-1 हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।
लॉकडाउन में जरूरमंदों की मददगार बने लूकरगंज के इंजीनियर बीरेंद्र सिंह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हार गए। मंगलवार की देर रात उन्होंने स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में दम तोड़ दिया। मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने इसकी पुष्टि की। शहर में कोरोना से यह पहली मौत है।
छह दिन पहले उनकी तबीयत खराब होने पर उनकी जांच कराई गई थी। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें पहले कोटवां-बनी स्थित कोविड-19 लेवल-1 हॉस्पिटल ले जाया गया था लेकिन सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय रेफर कर दिया गया था।
इंजीनियर के परिवार में चार और लोग कोरोना पॉजिटिव हैं। तीन की रिपोर्ट मंगलवार को ही आई थी। कोरोना के नोडल ऑफिसर डॉ0 ऋषि सहाय ने बताया कि उनका शव उनके परिजनों को नहीं दिया जाएगा। बुधवार को प्रोटोकॉल के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इंजीनियर को यह बीमारी कैसे हुई इसके सोर्स का पता स्वास्थ्य विभाग आज तक नहीं लगा सका है। वह 28 अप्रैल को कांलिंदीपुरम स्थित इंस्टीट्यूशन क्वारंटीन सेंटर खुद ही गए और अपनी जांच कराई। रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उन्हें कोटवां-बनी स्थित कोविड हॉस्पिटल भेज दिया गया था। वहां सांस लेने में तकलीफ हुई तो उन्हें दो मई को एसआरएन रेफर कर दिया गया।
मंगलवार की दोपहर बाद उनकी अचानक हालत ज्यादा खराब हुई। दोपहर बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। लेकिन देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया। शहर मेें कोरोना पॉजिटिव की यह पहली मौत है। इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
इंजीनियर बीरेंद्र के शव को चिकित्सकीय प्रोटोकॉल के मुताबिक बुधवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। एसआरएन चिकित्सालय में उनके साथ उनकी पत्नी भी कोरोना वार्ड में भर्ती हैं। जबकि सास, भाई और भाई की पत्नी कोटवा-बनी लेवल-1 हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।
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