Indian Air Force Inducts Its Chinook Choppers In Assam For Operations Near China Border – वायुसेना ने असम में चीन सीमा के पास एयरबेस पर शामिल किए चिनूक हेलिकॉप्टर




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुवाहाटी
Updated Thu, 28 May 2020 09:26 PM IST

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चीन के साथ सीमा समेत दूर दराज के इलाकों में सैनिकों और मशीनों को पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना ने असम में मोहनबाड़ी एयरबेस पर चिनूक हेलिकॉप्टर शामिल किए हैं। गुरुवार को चिनूक को पहली बार अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर सेक्टर में कार्य के लिए भेजा गया। इसने राज्य के सबसे दुर्गम इलाके में जो म्यांमार से तीन ओर से जुड़ा हुआ है, 8.3 टन आवश्यक वस्तुएं पहुंचाईं। 

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया जिसमें विजय नगर के निवासियों के लिए हेलिकॉप्टर आवश्यक वस्तुएं लेकर उड़ान भर रहा है। चिनूक को मोहनबाड़ी एयरबेस पर हाल ही में शामिल किया गया है और जल्द ही इन्हें सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और अन्य नजदीकी स्थानों पर कार्रवाई को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। 
 

अमेरिकी चिनूक हेलिकॉप्टर एक घाटी से दूसरी घाटी में सैनिकों को ले जाने में सबसे बेहतरीन हेलिकॉप्टर में से एक माने जाते हैं। ये ऐसी परिस्थितियों में बेहतर काम कर सकते हैं जैसी हाल के दिनों में उत्तरी सिक्किम में बन गई थी, जब चीन के सैनिक बड़ी संख्या में भारतीय सीमा में आ गए थे। इसका इस्तेमाल मानवीय सहायता के लिए और आपदा के समय प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए भी किया जाएगा।

चिनूक हेलीकॉप्टकर की सबसे खास बात इसकी तेज गति है। चिनूक चॉपर की मदद से देश के दुर्गम इलाकों में सड़क निर्माण की परियोजनाओं में मदद मिलेगी। यह एक मल्टी मिशन श्रेणी का हेलीकॉप्टर है। चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से अमेरिकी कमांडो ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मारा था। चिनूक की खासियत है कि यह छोटे हेलीपैड और घनी घाटियों में भी उतर सकता है।

सार

  • चिनूक हेलीकॉप्टकर की सबसे खास बात इसकी तेज गति
  • अरुणाचल प्रदेश में पहुंचाई 8.3 टन आवश्यक वस्तुएं
  • मल्टी मिशन श्रेणी का हेलिकॉप्टर है अमेरिकी चिनूक
  • छोटे हेलीपैड और घनी घाटियों में भी उतर सकता है

विस्तार

चीन के साथ सीमा समेत दूर दराज के इलाकों में सैनिकों और मशीनों को पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना ने असम में मोहनबाड़ी एयरबेस पर चिनूक हेलिकॉप्टर शामिल किए हैं। गुरुवार को चिनूक को पहली बार अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर सेक्टर में कार्य के लिए भेजा गया। इसने राज्य के सबसे दुर्गम इलाके में जो म्यांमार से तीन ओर से जुड़ा हुआ है, 8.3 टन आवश्यक वस्तुएं पहुंचाईं। 

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया जिसमें विजय नगर के निवासियों के लिए हेलिकॉप्टर आवश्यक वस्तुएं लेकर उड़ान भर रहा है। चिनूक को मोहनबाड़ी एयरबेस पर हाल ही में शामिल किया गया है और जल्द ही इन्हें सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और अन्य नजदीकी स्थानों पर कार्रवाई को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। 

 

अमेरिकी चिनूक हेलिकॉप्टर एक घाटी से दूसरी घाटी में सैनिकों को ले जाने में सबसे बेहतरीन हेलिकॉप्टर में से एक माने जाते हैं। ये ऐसी परिस्थितियों में बेहतर काम कर सकते हैं जैसी हाल के दिनों में उत्तरी सिक्किम में बन गई थी, जब चीन के सैनिक बड़ी संख्या में भारतीय सीमा में आ गए थे। इसका इस्तेमाल मानवीय सहायता के लिए और आपदा के समय प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए भी किया जाएगा।

चिनूक हेलीकॉप्टकर की सबसे खास बात इसकी तेज गति है। चिनूक चॉपर की मदद से देश के दुर्गम इलाकों में सड़क निर्माण की परियोजनाओं में मदद मिलेगी। यह एक मल्टी मिशन श्रेणी का हेलीकॉप्टर है। चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से अमेरिकी कमांडो ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मारा था। चिनूक की खासियत है कि यह छोटे हेलीपैड और घनी घाटियों में भी उतर सकता है।






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