न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 30 May 2020 02:49 AM IST
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सूत्रों के मुताबिक, शुरुआत में चीन की इस हरकत से मुश्किल जरूर आई, मगर भारतीय सुरक्षा बलों की ओर से तेजी से सैनिकों की ज्यादा तैनाती से चीन को इस जगह पर अपने कदम वापस खींचने पड़े। भारतीय सैनिकों की मजबूत तैनाती से गलवां नाला इलाके में चीन की घुसपैठ की योजना पर रोक तो लगी, इसके साथ ही दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास भारतीय पक्ष को मजबूती भी मिली। चीन की सेनाएं गलवां नाला के साथ-साथ पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास 114 ब्रिगेड इलाके में भी मौजूद थीं।
भारत ने केएम-120 के करीब बने पुल के पास दो कंपनियां तैनात की
चीन की सेनाएं भारतीय पोस्ट केएम-120 से 17 किमी दूरी पर गलवां नाला इलाके के पास गश्त करती अक्सर नजर आती हैं। हालांकि, भारत चीन के इस सड़क बनाने पर पहले ही एतराज जता चुका है। वहीं, चीन ने भी भारतीय पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास भारतीय सेना की तरफ से पुल बनाने पर विरोध जताया था। भारत ने केएम-120 के पास पुल वाली जगह पर सैनिकों की दो कंपनियां तैनात की है। इसके अलावा चीन दौलत बेग ओल्डी एरिया में बीते दो-तीन साल से भारत की तरफ से सड़क नेटवर्क तैयार किए जाने से भी चीन सहमा हुआ है।
आपत्ति जताने के लिए चीन बार-बार भेजता रहा हेलिकॉप्टर
सूत्रों ने बताया कि भारत की तरफ से किए जा रहे निर्माण स्थलों के आसपास चीन अक्सर अपने सैन्य हेलिकॉप्टर भेजता रहा है। चीन की आपत्ति जताने के लिए ये हेलिकॉप्टर भारतीय सीमा में काफी कम ऊंचाई पर मंडराते हुए नजर आए हैं। चीन ने एलएसी में कई जगहों पर पांच हजार से ज्यादा सैनिकों की तैनाती की है।
भारतीय सरजमीं में सड़क, पुल या हवाई बेस बनाने से कोई रोक नहीं सकता: रक्षा विशेषज्ञ
चीन से तनाव को लेकर भारतीय विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत की सरजमीं पर सड़क, पुल या हवाई बेस बनाने से कोई रोक नहीं सकता। विदेश मामलों के विशेषज्ञ अनिल वाधवा ने कहा, ट्रंप के मध्यस्थता प्रस्ताव को भारत विनम्रता से ठुकराया है और चीन के साथ इस मुद्दे को बातचीत की प्रक्रिया से सुलझाने की कोशिश करेगा। भारत और चीन ने सैन्य और कूटनीतिक स्तरों पर शांतिपूर्ण तरीके से सीमा विवाद के मुद्दे को हल करने के लिए एक व्यवस्था बनाई है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बीते दो दशक में पांच विशेष समझौतों पर दस्तखत किए हैं। वहीं, एक और रक्षा विशेषज्ञ एसपी सिन्हा ने कहा कि भारत को इस विवाद में किसी तीसरे पक्ष की ओर झुकाव नहीं दर्शाना चाहिए।
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