न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 12 May 2020 08:53 PM IST
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सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत के संकल्प पर बल दिया। प्रधानमंत्री का पूरा भाषण आत्मनिर्भर भारत के मुद्दे पर ही टिका रहा। प्रधानमंत्री ने एक विशेष आर्थिक पैकेज की भी घोषणा भी की। हालांकि लॉकडाउन को आगे बढ़ाने पर प्रधानमंत्री ने कुछ स्पष्ट नहीं किया लेकिन यह इशारा कर दिया कि जनता अभी लॉकडाउन का एक और चरण का सामना करने के लिए तैयार रहे। पढ़िए प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की बड़ी बातें…
विस्तार
- पूरी तरह से नए कलेवर वाला होगा लॉकडाउन का चौथा चरण : लॉकडाउन का चौथा चरण यानी लॉकडाउन-4 पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दे दी जाएगी।
- हर वर्ग को राहत देगा 20 लाख करोड़ का विशेष आर्थिक पैकेज : इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि यह पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए अहम कड़ी साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह पैकेज करीब 20 लाख करोड़ रुपये का होगा जिसमें किसानों, मजदूरों, छोटे व मझोले उद्योगों, मध्यम वर्ग समेत हर वर्ग के लिए प्रावधान किए जाएंगे। पीएम ने कहा कि इस पैकेज की जानकारी वित्त मंत्री आने वाले दिनों में देंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये का यह पैकेज 2020 में देश की विकास यात्रा को नई गति देगा। हालांकि वित्त मंत्रालय और आरबीआई द्वारा हाल में की गई घोषणाएं भी इस पैकेज में शामलि होंगी।
- लोकल का महत्व समझना है, अपने ‘लोकल का वोकल’ बनना है : इस संकट ने लोकल मैन्यूफैक्चरिंग, लोकल मार्केट, लोकल सप्लाई चेन का महत्व बराबर समझा दिया है। हमें इस लोकल ने ही बचाया है। लोकल जरूरत नहीं बल्कि जिम्मेदारी है। समय ने हमें सिखाया है कि लोकल को हमें अपना जीवन मंत्र बनाना ही होगा। आज से हर भारतीय को अपने ‘लोकल’ के लिए ‘वोकल’ बनना है। लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने हैं और गर्व से उनका प्रचार भी करना है।
- ऐसा संकट कभी नहीं देखा लेकिन हमें थकना, बिखरना मंजूर नहीं : प्रधानमंत्री ने कहा कि एक वायरस ने दुनिया को तहस नहस कर दिया। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया जिंदगी बचाने में एक तरह से जंग में जुटी हैं। हमने ऐसा संकट न देखा है न ही सुना है। निश्चित तौर पर ये अकल्पनीय है। लेकिन थकना, हारना, टूटना और बिखरना मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए ऐसी जंग में सभी नियमों का पालन करते हुए अब हमें बचना भी है और आगे बढ़ना भी है।
- आत्मनिर्भर भारत का संकल्प कोरोना संकट से भी ज्यादा विशाल : पीएम मोदी ने कहा, हम पिछली शताब्दी से ही लगातार सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है। हमें कोरोना से पहले की दुनिया को वैश्विक व्यवस्थाओं को विस्तार से देखने समझने का मौका मिला है। कोरोना संकट के बाद भी दुनिया में जो स्थितियां बन रही हैं उन्हें भी देख रहे हैं। जब दुनिया संकट में है तब हमें अपना आत्मनिर्भर भारत का संकल्प और मजबूत करना होगा। हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा।
- 21वीं सदी भारत की हो यह सपना ही नहीं हमारी जिम्मेदारी भी है : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब इन दोनों कालखंडों को भारत के नजरिये से दखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो यह हमारा सपना ही नहीं जिम्मेदारी भी है। विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है, आत्मनिर्भर भारत। एक राष्ट्र के रूप में आज हम ऐसे अहम मोड़ पर खड़े हैं जहां इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है।
- भारत में रोज बन रही हैं दो लाख पीपीई किट और एन-95 मास्क : उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, जब कोरोना संकट शुरू हुआ तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी, एन-95 मास्क का नाममात्र का उत्पादन था। आज स्थिति यह है कि भारत में ही हर रोज दो लाख पीपीई किट और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। यह हम इसलिए कर पाए क्योंकि भारत ने आपदा को आवसर में बदल दिया। आपदा को अवसर में बदलने की भारत की यह दृष्टि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के लिए उतनी ही प्रभावी सिद्ध होने वाली है।
- हम मास्क पहनेंगे, दो गज दूर रहेंगे, लेकिन लक्ष्य दूर नहीं होने देंगे : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी विशेषज्ञ और वैज्ञानिक हमें बता रहे हैं कोरोना संकट लंबे समय तक हमारे जीवन का हिस्सा बना रहेगा। लेकिन हम ऐसा भी नहीं होने दे सकते कि हमारी जिंदगी केवल कोरोना के ही इर्द-गिर्द सिमट जाए। हम मास्क पहनेंगे, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे, लेकिन लक्ष्यों को दूर नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, जो हमारे वश में है वहीं सुख है। आत्मनिर्भरता हमें सशक्त भी करती है।
- देश के विकास को गति देने वालों को समर्पित है यह पैकेज : इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी सब पर बल दिया गया है। यह पैकेज कुटीर, गृह, लघु मंझोले उद्योग (एमएसएमई) के लिए हैं जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है। जो आत्मनिर्भर भारत के संकल्प का मजबूत आधार हैं। ये पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये पैकेज हमारे मध्यम वर्ग के लिए है जो ईमानदारी से टैक्स देता है और विकास में योगदान देता है। उद्योग जगत के लिए है जो भारत के आर्थिक सामर्थ्य को बुलंदी देने को संकल्पित है।
- सिस्टम से लेकर सप्लाई चेन तक में बदलाव लाने की जरूरत : जरूरत है कि अर्थव्यवस्था में क्वांटम जंप लाएं। ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर हो जो आधुनिक भारत की पहचान बने। ऐसा सिस्टम हो जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली टेक्नोलॉडी ड्रिवेन गतिविधियों पर आधारित हो। हमारी डेमोग्राफी आत्मनिर्भर भारत के लिए ऊर्जा का स्रोत है। हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन की ताकत का पूरी क्षमता से इस्तेमाल हो। हम देश की सप्लाई चेन को और मजबूत करेंगे जिसमें जिसमें हमारे देश की मिट्टी महक हो और मजदूरों के पसीने की खुशबू हो।