बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 27 Apr 2020 07:49 AM IST
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इसके तहत पीपीएफ खाता खुलवाने के तीसरे साल से लेकर सातवें साल तक लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। तीसरे साल से आपको दो साल में जमा राशि का अधिकतम 25 फीसदी लोन मिल सकता है। हालांकि, जितनी राशि का लोन लिया जाता है, उसको चुकाए नहीं जाने तक कोई ब्याज नहीं मिलता है। पहले पीपीएफ पर लोन लेने के लिए खाताधारक को 2 फीसदी ब्याज चुकानी पड़ती थी, लेकिन सरकार ने 2020 के लिए इसे घटाकर एक फीसदी कर दिया है।
समझें लोन लेने का गणित
अगर आपने 2019-20 में पीपीएफ खाता खुलवाया है और सालाना 1.5 लाख रुपये निवेश कर रहे हैं तो दो साल के अंत तक खाते में ब्याज के साथ करीब 3.1 लाख रुपये जमा हो जाते हैं। ऐसे में आप तीसरे साल में अधिकतम 77,500 रुपये तक के लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं, जो जमा राशि का 25 फीसदी है। समय बढ़ने के साथ लोन की राशि बढ़ती जाएगी यानी चौथे, पांचवें और छठवें साल में आप अधिक लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मजबूरी तो तभी लें सुविधा
जानकारों का कहना है कि टैक्स छूट मिलने के कारण पीपीएफ निवेश का लोकप्रिय साधन है। इसमें निवेश और रिटर्न दोनों पर टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, लोन लेने पर ब्याज के साथ समेत लोन राशि खत्म होने तक यह छूट नहीं मिलती है। ऐसे में अगर बहुत मजबूरी हो तो तभी इस विकल्प का चुनाव करें और कम-से-कम राशि निकालें, वह भी छोटी अवधि के लिए।
अन्य कर्ज के मुकाबले पीपीएफ पर सस्ता लोन
अन्य प्रकार के लोन के मुकाबले पीपीएफ पर लोन काफी सस्ता पड़ता है। पर्सनल लोन के लिए आपको 9.30 से 14 फीसदी, गोल्ड लोन पर 9.10 से 12 फीसदी और एफडी लोन पर एफडी पर मिलने वाले ब्याज से दो फीसदी तक ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है। ऐसे में इन विकल्पों के मुकाबले पीपीएफ खाते से लोन लेना सस्ता पड़ता तो है, लेकिन लॉन्ग टर्म में नुकसान को देखते हुए इस विकल्प को चुनने से बचना चाहिए।
–राधिका बिनानी, चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर, पैसा बाजार डॉट कॉम